डैग हैमरशॉल्ड मेडल और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस | 31 May 2024

प्रिलिम्स के लिये:

डैग हैमरशॉल्ड पदक, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन

मेन्स के लिये:

संघर्षों को सुलझाने और शांति को बढ़ावा देने में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की भूमिका, भारत का योगदान

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों ? 

भारतीय शांति सैनिक नायक धनंजय कुमार सिंह, जिन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र स्थिरीकरण मिशन (MONUSCO) में सेवा की थी, को उनकी सेवा और बलिदान के लिये मरणोपरांत प्रतिष्ठित डैग हैमरशॉल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा।

नोट: 

  • नायक धनंजय कुमार सिंह ने संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में MONUSCO के एक भाग के रूप में कार्य किया। उन्होंने शांति प्रयासों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता एवं कर्त्तव्यपरायणता प्रदर्शित करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
  • MONUSCO ने वर्ष 2010 में अफ्रीकी देश में पिछले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का कार्यभार संभाला था। 
  • MONUSCO का उद्देश्य नागरिकों, मानवीय कर्मियों और मानवाधिकार रक्षकों को शारीरिक हिंसा के संभावित खतरे से बचाना तथा देश की सरकार को उसके स्थिरीकरण और शांति सुदृढ़ीकरण प्रयासों में सहायता प्रदान करना है।

डैग हैमरशॉल्ड मेडल क्या है?

  • डैग हैमरशॉल्ड मेडल की स्थापना, दिसंबर 2000 में शांति अभियानों में सेवा करने वाले सदस्यों को मरणोपरांत दिये जाने वाले पुरस्कार के रूप में की गई थी, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के परिचालन नियंत्रण और अधिकार के तहत शांति अभियानों में सेवा के दौरान अपनी जान गँवा दी थी।
    • इसका नाम पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव डैग  हैमरशॉल्ड के नाम पर रखा गया है, जिनकी वर्ष 1961 में शांति मिशन के दौरान एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
  • यह मेडल प्रत्येक वर्ष शांतिरक्षक दिवस (29 मई) को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में आयोजित एक समारोह के दौरान किसी भी सदस्य राज्य को दिया जाता है, जिसने संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना करने वाले मिशनों/ सेवाओं में अपने एक अथवा अधिक सैन्य या पुलिस शांतिरक्षकों को खो दिया।

संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस:

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2002 में शांति स्थापना के लिये अपने प्राणों की आहुति देने सभी पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने तथा उनका स्मरण करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस की स्थापना की गई थी।
    • 2024 का विषय: 'फिट फॉर द फ्यूचर, बिल्डिंग बेटर टुगेदर’ ('Fit for the future, building better together') भविष्य के संघर्षों को संबोधित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के विकास और अनुकूलनशीलता पर ज़ोर देता है।

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन क्या है?

  • संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, शांति संचालन विभाग एवं परिचालन सहायता विभाग के बीच एक संयुक्त समझौता है और इसका उद्देश्य मेज़बान देशों को संघर्ष की स्थितियों से शांति की ओर संक्रमण करने में सहायता करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना शीत युद्ध के दौरान की गई थी, जब सुरक्षा परिषद अक्सर प्रतिद्वंद्विता के कारण शक्तिहीन हो जाती थी।
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किये गए पहले दो शांति अभियान थे- संयुक्त राष्ट्र युद्धविराम पर्यवेक्षण संगठन (UN Truce Supervision Organization- UNTSO), जो वर्ष 1948 में इज़रायल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिये शुरू किया गया था तथा भारत व पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (UN Truce Supervision Organization- UNMOGIP), जो वर्ष 1949 में शुरू किया गया था।
  • 125 देशों के दो मिलियन से ज़्यादा शांति सैनिकों ने अब तक विश्वभर में 71 अभियानों में भाग लिया है। आज, अफ्रीका, एशिया, यूरोप व मध्य-पूर्व के 11 संघर्ष क्षेत्रों में लगभग 76,000 महिलाएँ और पुरुष शांति सेवा प्रदान कर रहे हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों का मार्गदर्शन करने वाले तीन मुख्य सिद्धांत हैं - पक्षों की सहमति, निष्पक्षता, तथा आत्मरक्षा और अधिदेश की रक्षा के अलावा बल का प्रयोग न करना।

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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में भारत का योगदान क्या है?

  • योगदान: भारत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में वर्दीधारी कार्मिकों का योगदान देने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।
    • वर्ष 1948 से अब तक 200,000 से अधिक भारतीयों ने 49 संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सेवा की है।
    • वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बल शांति अभियानों के लिये नौ देशों में सेवारत हैं। अब तक भारतीय सेना के 160 जवानों ने वैश्विक शांति के लिये सर्वोच्च बलिदान दिया है।
    • भारतीय सेना ने शांति अभियानों में विशेष प्रशिक्षण देने के लिये नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (Centre for UN Peacekeeping- CUNPK) की स्थापना की है। यह केंद्र प्रत्येक वर्ष 12,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित करता है।
    • संयुक्त राष्ट्र ने मिशनों में स्थानीय महिलाओं की चिंताओं को बेहतर ढंग से संबोधित करने के लिये लैंगिक समानता अभियान के एक भाग के रूप में महिला शांति सैनिकों की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य निर्धारित किये हैं।
      • भारत ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और अबेई में महिला संलग्नता दल (Female Engagement Teams- FET) तैनात किया है, जो लाइबेरिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा भारतीय महिला दल है।
      • मेजर राधिका सेन को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय द्वारा "वर्ष 2023 की मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ ईयर अवार्ड" पुरस्कार के लिये चुना गया है, जो संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पहल में भारतीय महिलाओं के सकारात्मक योगदान को दर्शाता है।
    • वर्ष 2007 में भारत ने लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र ऑपरेशन (UNMIL) के लिये एक पूर्ण महिला पुलिस इकाई तैनात की, जिससे वह संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में पूर्ण महिला दल भेजने वाला पहला देश बन गया।
  • UNMOGIP के प्रति भारत की नाराज़गी: शांति मिशन के हिस्से के रूप में कई देशों में अपनी उपस्थिति के बावजूद, भारत ने नियमित रूप से श्रीनगर और इस्लामाबाद में मुख्यालय वाले UNMOGIP मिशन पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। UNMOGIP की स्थापना वर्ष 1949 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की निगरानी के लिये की गई थी।
    • UNMOGIP पड़ोसी देशों के बीच शत्रुता का निरीक्षण करने तथा नियंत्रण रेखा (Line of Control- LoC) पर युद्ध विराम उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिये इस क्षेत्र में मौज़ूद है।
    • भारत के पुनः जुलाई 1972 में भारत और पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने तथा नियंत्रण रेखा की स्थापना के बाद मिशन की “प्रासंगिकता समाप्त हो गई है”।

और पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना हेतु भारत की प्रतिबद्धता, संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से शांति स्थापना

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के विकास और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर चर्चा कीजिये तथा वैश्विक शांति प्रयासों में भारत के योगदान पर प्रकाश डालिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य होते हैं और शेष 10 सदस्य महासभा द्वारा 2009 के कार्यकाल के लिये चुने जाते हैं। (2009)

(a) 1 वर्ष 
(b) 2 वर्ष 
(c) 3 वर्ष
(d) 5 वर्ष 

उत्तर (b)