सामाजिक न्याय
क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2018
- 10 Jan 2020
- 7 min read
प्रीलिम्स के लिये :रिपोर्ट में महत्त्वपूर्ण बिंदु , NCRB मेन्स के लिये :NCRB द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के माध्यम से SC,SC एवं महिलाओं की वास्तविक स्तिथि का मूल्यांकन |
चर्चा में क्यों :
वार्षिक अपराधों के संदर्भ में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (The National Crime Records Bureau- NCRB) द्वारा क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2018 प्रकाशित की गई है ।
- वर्ष 201 8 की रिपोर्ट का प्रकाशन अस्थायी डेटा (Provisional Data) के साथ किया गया क्योंकि NCRB के बार-बार कहने के बावजूद पाँच राज्यों- पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और सिक्किम द्वारा डेटा संबंधी स्पष्टीकरण नहीं भेजा गया ।
- वर्ष 2017 की वार्षिक अपराध रिपोर्ट पिछले साल 21 अक्तूबर को दो साल की देरी के बाद प्रकाशित हुई थी।
रिपोर्ट के महत्त्वपूर्ण बिंदु:
महिलाओं के संदर्भ में-
- रिपोर्ट 2018 के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ देश में अपराध के कुल 3,78,277 मामले दर्ज किये गए हैं , जबकि वर्ष 2017 में यह आँकड़ा 3,59,849 था।
- महिला अपराध में शीर्ष तीन राज्य क्रमशः उत्तर प्रदेश (59,445 ), महाराष्ट्र (35,497), पश्चिम बंगाल (30,394) हैं ।
- बलात्कार से संबंधित मामलों में सज़ा की दर 27.2% थी, जबकि बलात्कार के मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की दर 85.3% थी।
- पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा महिलाओं के खिलाफ क्रूरता की दर 31.9% रही, हमले या क्रूरता के प्रति महिलाओं द्वारा अपना बचाव करने के प्रति खिलाफ/विरोध की दर 27.6% रही।
- 2018 में कुल 50,74,634 संज्ञेय अपराधों में से 31,32,954 को भारतीय दंड संहिता (IPC) में और 19,41,680 अपराधों को विशेष और स्थानीय कानून (SLL) में दर्ज किया गया जो वर्ष 2017 की तुलना में 1.3% अधिक है (50,07,044 मामले)।
- प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर वर्ष 2017 के 388.6 से घटकर 2018 में 383.5 पर आ गई।
आत्महत्या के संदर्भ में :
- NCRB द्वारा आत्महत्या के आकँड़ों पर एक्सीडेंटल डेथ एंड सुसाइड इन इंडिया 2018 रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,349 लोगों ने अपना जीवन समाप्त किया (किसानों की आत्महत्या पर NCRB की रिपोर्ट) जो देश में आत्महत्याओं की कुल संख्या का 7.7% है।
- आत्महत्या करने वालो में 5,763 किसान और 4,586 खेतिहर मज़दूर शामिल हैं ।
- वर्ष 2018 में आत्महत्या करने वाले लोगों की कुल संख्या 1,34,516 थी, जो 2017 (1,29,887 मामले ) की तुलना में 3.6% अधिक है।
- आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र (17,972), तमिलनाडु (13,896), पश्चिम बंगाल (13,255) शीर्ष पर रहे।
हत्या के संदर्भ में :
- अनुसूचित जाति (SC)और अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित अधिनियमों के तहत दर्ज की गई हत्या की घटनाओं में वर्ष 2018 की रिपोर्ट में गिरावट देखी गई । वर्ष 2017 में जहाँ हत्या से संबंधित 6729 मामले प्रकाशित हुए, वहीं वर्ष 2018 में यह संख्या 4816 रही।
- वर्ष 2018 में हत्या के कुल 29,017 मामले दर्ज किये गये , जिसमें वर्ष 2017 (28,653 मामले) के मुकाबले 1.3% की वृद्धि हुई।
- वर्ष 2018 में साइबर अपराध के 27,248 मामले दर्ज किये गए, जबकि वर्ष 2017 में इस तरह 21796 मामले दर्ज किये गए।
- वर्ष 2018 में सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराधों के कुल 76,851 मामले दर्ज किये गए, जिनमें, 57,828 मामले दंगों से संबंधित थे जोकि, कुल मामलों के 75.2% थे।
NCRB :
- NCRB की स्थापना 1986 में अपराध और अपराधियों की सूचनाओं के भंडार के रूप में कार्य करने के लिये की गई थी ताकि टंडन समिति की सिफारिशों के आधार पर अपराधियों को राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) में जोड़ने में मदद मिल सके।
- वर्ष 2009 में NCRB को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) की निगरानी, समन्वय और कार्यान्वयन के लिए ज़िम्मेदारी सौंपी गई।
- 21 अगस्त 2017 को, NCRB ने राष्ट्रीय डिजिटल पुलिस पोर्टल लॉन्च किया जो नागरिकों को विभिन्न सेवाएँ प्रदान करने के अलावा CCTNS डेटाबेस पर अपराधी/संदिग्ध की खोज करने में मदद करता है साथ ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने किरायेदारों, घरेलू मददगारों, ड्राइवरों आदि का सत्यापन करने की अनुमति देता है
- NCRB भारत में नेशनल क्राइम स्टैटिस्टिक्स यानी क्राइम, एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स और प्रिज़न स्टैटिस्टिक्स का संकलन एवं प्रकाशन भी करता है। इन प्रकाशन भारत और विदेशों दोनों में नीति निर्माताओं, पुलिस, अपराधियों, शोधकर्ताओं और मीडिया द्वारा प्रमुख संदर्भ बिंदु के रूप में कार्य करते हैं।
- NCRB के तहत सेंट्रल फिंगर प्रिंट ब्यूरो, देश में सभी लोगों की उंगलियों के निशान का एक राष्ट्रीय भंडार है जो फ़िंगर प्रिंट विश्लेषण और आपराधिक निगरानी प्रणाली (FACTS) पर खोज सुविधा प्रदान करता है।
- NCRB का मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन है ।
- इसके वर्तमान निदेशक रामफल पवार (IPS) हैं ।