नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

विशेष चिंता वाले देश

  • 09 Dec 2020
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में पाकिस्तान और चीन के साथ-साथ अन्य आठ देशों को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के चलते विशेष चिंता वाले देशों (Countries of Particular Concern- CPC) की सूची में शामिल किया है।

प्रमुख बिंदु

  • विशेष चिंता वाले देश (CPC): 
    • अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामले में CPC में शामिल करने की सिफारिशअंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग(U. S. Commission on International Religious Freedom- USCIRF) द्वारा की जाने वाली शीर्ष स्तर की सिफारिश है। गंभीर उल्लंघनों के मामले में इसके बाद विशेष निगरानी सूची देशों (Special Watch List Countries) का स्थान आता है।
      • यह वर्ष 1998 के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (International Religious Freedom Act) के अनुरूप है जिसे संयुक्त राज्य की विदेश नीति के रूप में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पारित किया गया था।
      • अधिनियम का उद्देश्य उन देशों में अधिक से अधिक धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है जहाँ लोग धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन में संलग्न होते हैं या इसे सहन करते हैं। यह अधिनियम विदेशों धार्मिक विश्वासों एवं गतिविधियों के चलते सताए गए व्यक्तियों का भी समर्थन करता है। 
    • पाकिस्तान, चीन, म्याँमार, इरिट्रिया, ईरान, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को CPC में शामिल किया गया है क्योंकि ये देश ‘‘धार्मिक स्वतंत्रता के व्यवस्थित, निरंतर एवं घोर उल्लंघन’’ में या तो लिप्त हैं या फिर उल्लंघन होने दे रहे हैं’’।
      • नाइजीरिया पहला धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र है जिसका नाम CPC में शामिल किया गया गया है।
    • उल्लेखनीय है कि अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा USCIRF द्वारा भारत, रूस, सीरिया और वियतनाम को भी CPC के रूप में भी नामित करने की सिफारिश को स्वीकार नहीं किया गया है।
      • इससे पहले, USCIRF ने भारत की धार्मिक स्वतंत्रता को विशेष चिंता वाले देशों यानी CPC की श्रेणी में सबसे निचले दर्जे में शामिल किया था।
  • भारत का रूख:
    • भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि विदेशी सरकार के पास इसके (भारत के) नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर टिप्पणी करने की कोई अधिस्थिति नहीं है।
  • विशेष निगरानी सूची: इस सूची में ऐसी सरकारें शामिल हैं जो "धार्मिक स्वतंत्रता के घोर उल्लंघन" में या तो लिप्त हैं या फिर उल्लंघन होने दे रही हैं।
    • कोमोरोस, क्यूबा, निकारागुआ और रूस इस सूची में शामिल हैं।
    • सूडान और उज़्बेकिस्तान को पिछले एक साल में उनकी संबंधित सरकारों द्वारा की गई महत्त्वपूर्ण, ठोस प्रगति के आधार पर इस सूची से हटा दिया गया है।
  • विशेष चिंता वाली एंटिटी: इस सूची में अल-कायदा, बोको हराम (नाइजीरिया आधारित), हूती (यमन), ISIS (इस्लामिक स्टेट), ISIS-ग्रेटर सहारा, ISIS-पश्चिम अफ्रीका और तालिबान आदि शामिल हैं।

भारत में धर्म की स्वतंत्रता

  • धर्म की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25-28 द्वारा गारंटीकृत एक मौलिक अधिकार है।
    • अनुच्छेद 25 (अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता)
    • अनुच्छेद 26 (धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
    • अनुच्छेद 27 (धर्म की अभिवृद्धि के लिये करों के संदाय से स्वतंत्रता)
    • अनुच्छेद 28 (कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता)
  • इनके अलावा संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा से संबंधित हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow