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शासन व्यवस्था

PMGSY-I एवं II और RCPLWEA परियोजना को जारी रखना

  • 19 Nov 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

CCEA, PMGSY, RCPLWEA, केंद्र प्रायोजित योजना

मेन्स के लिये:

PMGSY-I एवं II और RCPLWEA परियोजना का महत्त्व एवं चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने सड़कों और पुलों के निर्माण के शेष कार्यों को पूरा करने के लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I और II (PMGSY-I और II) को सितंबर, 2022 तक जारी रखने हेतु अपनी मंज़ूरी दे दी है।

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिये सड़क संपर्क परियोजना (RCPLWEA) को मार्च 2023 तक जारी रखने के लिये भी अपनी मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY):
    • PMGSY-I:
      • PMGSY-I जनगणना-2001 के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक जनसंख्या वाली और उत्तर-पूर्व तथा हिमालयी राज्यों में 250 से अधिक जनसंख्या वाली सड़क से वंचित बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु वर्ष 2000 में शुरू की गई केंद्र प्रायोजित योजना है।
      • इस योजना में पात्र बसावटों वाले उन सभी ज़िलों के लिये मौजूदा ग्रामीण सड़कों के उन्नयन के घटक भी शामिल थे।  
    • PMGSY-II:
      • इसे मई 2013 में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिसमें मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क के 50,000 किलोमीटर लंबाई को पूरा करने की परिकल्पना की गई थी। 
    • PMGSY-III:
      • इसे वर्ष 2019 में 1,25,000 किलोमीटर मौजूदा रूटों और प्रमुख ग्रामीण लिंकों के माध्यम से बसावटों के साथ-साथ ग्रामीण कृषि बाज़ारों, उच्चतर माध्यमिक स्कूलों तथा अस्पतालों को जोड़ने हेतु शुरू किया गया था।
      • योजना की कार्यान्वयन अवधि मार्च 2025 तक है।
  • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिये सड़क संपर्क परियोजना:
    • इसे वर्ष 2016 में 9 राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश) के 44 ज़िलों में सामरिक महत्त्व की 5,412 किलोमीटर लंबी सड़कों और 126 पुलों के निर्माण/उन्नयन का कार्य के लिये शुरू किया गया था।
    • कार्यान्वयन अवधि: 2016-17 से 2019-20 
    • गृह मंत्रालय ने राज्यों और सुरक्षा बलों के परामर्श से इस योजना के तहत सड़कों और पुलों के कार्यों की पहचान की है।
  • महत्त्व:
    • PMGSY पर किये गए विभिन्न स्वतंत्र प्रभाव मूल्यांकन अध्ययनों से यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि इस योजना का कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरीकरण और रोज़गार सृजन आदि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
    • ग्रामीण संपर्क विकास की एक अनिवार्यता है।
      • सभी मौसमों में सड़क संपर्क उपलब्ध होने से आपस में जुड़े परिवेशों की आर्थिक क्षमता विस्तृत होगी। 
      • मौजूदा ग्रामीण सड़कों के उन्नयन से लोगों, वस्तुओं और अन्य सेवाओं हेतु परिवहन सेवा प्रदाता के रूप में सड़क नेटवर्क की समग्र दक्षता में सुधार होगा। 
      • सड़कों के निर्माण/उन्नयन से स्थानीय जनता के लिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोज़गार सृजित होंगे।
  • चुनौतियाँ:
    • धन का अभाव।
    • पंचायती राज संस्थाओं की सीमित भागीदारी।
    • अपर्याप्त निष्पादन और अनुबंध क्षमता।
    • काम के लिये उचित मौसम का अभाव तथा विशेष रूप से पहाड़ी राज्यों में दुर्गम क्षेत्र।
    • निर्माण सामग्री का अभाव।
    • विशेष रूप से वामपंथी उग्रवाद ( Left Wing Extremism- LWE) वाले क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी चिंताएंँ।

आगे की राह 

  • ग्रामीण सड़क संपर्क (Rural Road Connectivity) ग्रामीण विकास का एक प्रमुख घटक है क्योंकि यह आर्थिक और सामाजिक सेवाओं तक पहुंँच को बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह भारत में कृषि आय और उत्पादक रोज़गार के अवसर पैदा करने में मदद करता है। इस संबंध में सरकार बुनियादी ग्रामीण बुनियादी ढांँचे के निर्माण हेतु अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ जुड़ाव पर विचार कर सकती है।

स्रोत: पीआईबी

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