शासन व्यवस्था
कनेक्ट करो 2021
- 15 Sep 2021
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:कनेक्ट करो 2021, विश्व संसाधन संस्थान, सकल घरेलू उत्पाद, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज, प्रधानमंत्री आवास योजना, अटल शहरी कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) मेन्स के लिये:'कनेक्ट करो 2021' - टूवर्ड्स इक्विटेबल, सस्टेनेबल इंडियन सिटीज़' कार्यक्रम का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने 'कनेक्ट करो 2021' - टूवर्ड्स इक्विटेबल, सस्टेनेबल इंडियन सिटीज़' कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- यह विश्व संसाधन संस्थान (WRI) भारत द्वारा आयोजित और मेज़बानी किये जाने वाले कार्यक्रमों की एक वैश्विक शृंखला का हिस्सा है, ताकि भारतीय और वैश्विक नेताओं एवं अन्य हितधारकों को एक साथ लाया जा सके, जो समावेशी, टिकाऊ और जलवायु समर्थित भारतीय शहरों को डिज़ाइन करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
- WRI India एक स्वतंत्र चैरिटी संस्थान है, जो कानूनी रूप से ‘इंडिया रिसोर्सेज़ ट्रस्ट’ के रूप में पंजीकृत है।
- ‘कनेक्ट करो’ विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित प्रस्तुतकर्त्ताओं का अवलोकन करता है, जैसे-वायु प्रदूषण, विद्युत गतिशीलता, शहरी नियोजन, शहरी जल लचीलापन, जलवायु शमन और सार्वजनिक पारगमन एवं दूसरों के बीच अपनी अंतर्दृष्टि तथा शोध निष्कर्षों को साझा करना।
- यह विश्व संसाधन संस्थान (WRI) भारत द्वारा आयोजित और मेज़बानी किये जाने वाले कार्यक्रमों की एक वैश्विक शृंखला का हिस्सा है, ताकि भारतीय और वैश्विक नेताओं एवं अन्य हितधारकों को एक साथ लाया जा सके, जो समावेशी, टिकाऊ और जलवायु समर्थित भारतीय शहरों को डिज़ाइन करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
- शहरों का महत्त्व:
- जीडीपी में योगदान:
- वर्ष 2030 तक राष्ट्रीय ‘सकल घरेलू उत्पाद’ (जीडीपी) का लगभग 70% शहरों से आएगा क्योंकि तेज़ी से शहरीकरण समूह की क्षमता की सुविधा प्रदान करता है।
- विश्व स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहर भारतीय शहरों की तुलना में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में पाँच गुना अधिक योगदान करते हैं।
- कोविड-19 का प्रभाव:
- वर्ष 2030 तक भारत में शहरी आबादी लगभग दोगुनी होकर 630 मिलियन हो जाएगी और विकास के इस स्तर को सुविधाजनक बनाने के लिये शहरी बुनियादी ढाँचे को काफी उन्नत करने की आवश्यकता है तथा हमारे शहरों पर कोविड-19 के प्रभाव ने इसे और भी महत्त्वपूर्ण बना दिया है।
- जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायता:
- जैसा कि हाल ही में ‘इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज’ (आईपीसीसी) की रिपोर्ट बताती है, शहर जलवायु परिवर्तन से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने के साथ-साथ प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं, इसलिये ये शहर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख स्थान रखते हैं।
- यहाँ तक कि सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी)-11 में सार्वजनिक परिवहन में निवेश, हरित सार्वजनिक स्थान बनाना और शहरी नियोजन एवं प्रबंधन में भागीदारी तथा समावेशी तरीके से सुधार करना शामिल है।
- जैसा कि हाल ही में ‘इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज’ (आईपीसीसी) की रिपोर्ट बताती है, शहर जलवायु परिवर्तन से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने के साथ-साथ प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं, इसलिये ये शहर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख स्थान रखते हैं।
- जीडीपी में योगदान:
- सरकार की संबंधित पहलें:
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): 25 जून, 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का शुभारंभ किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों के लोगों को आवास उपलब्ध कराना है।
- अटल शहरी कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (AMRUT): इसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य सभी के लिये बुनियादी नागरिक सुविधाएंँ प्रदान करना है।
- क्लाइमेट स्मार्ट सिटीज़ असेसमेंट फ्रेमवर्क: यह हमारे शहरों द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने, उन्हें लागू करने और प्रसारित करने की दिशा में उठाया गया कदम है जो हरित, टिकाऊ एवं लचीले शहरी आवासों के निर्माण की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की तुलना में मानकों को निर्धारित करता है।
- शहरी परिवहन योजना: इस योजना के तहत 20,000 से अधिक बसों के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराकर सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं को बढ़ाया जाएगा।
- जल जीवन मिशन (शहरी): यह सभी शहरों में कार्यात्मक नल के माध्यम से घरों में पानी आपूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने से संबंधित है।
- स्वच्छ भारत मिशन (शहरी): इसे 2 अक्तूबर, 2014 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य शहरी भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाना और देश में नगरपालिका ठोस कचरे का 100% वैज्ञानिक प्रबंधन करना है।
नोट:
- यूनेस्को का रचनात्मक शहरों का नेटवर्क (UCCN):
- इसे वर्ष 2004 में स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य रचनात्मकता एवं सांस्कृतिक उद्योगों (Creativity & Cultural Industries)को स्थानीय स्तर पर उनकी विकास योजनाओं के केंद्र में रखना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रूप से सहयोग करना है।
- UCCN में संगीत, कला, लोकशिल्प, डिज़ाइन, सिनेमा, साहित्य तथा डिजिटल कला और पाक कला जैसे सात रचनात्मक क्षेत्र शामिल हैं।
- विश्व शहर सांस्कृतिक मंच:
- इसे वर्ष 2012 में लंदन में स्थापित किया गया था। यह सदस्य शहरों के नीति निर्माताओं को अनुसंधान एवं खुफिया जानकारी साझा करने में सक्षम बनाता है और उनकी भविष्य की समृद्धि में संस्कृति की महत्त्वपूर्ण भूमिका की खोज करता है।
- कोई भी भारतीय शहर इस फोरम का हिस्सा नहीं है।