अंतर्राष्ट्रीय संबंध
कोरियाई प्रायद्वीप में संघर्ष
- 11 Oct 2022
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प्रिलिम्स के लिये:कोरियाई प्रायद्वीप में संघर्ष, उत्तर कोरिया का मिसाइल प्रक्षेपण, 38वाँ समानांतर, कोरियाई युद्धविराम समझौता, NPT, THAAD मेन्स के लिये:कोरियाई युद्ध, शीतयुद्ध, वर्ष 2003 की अप्रसार संधि (NPT), THAAD (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस) |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ अपनी सीमा के पास 12 युद्धक विमान उड़ाए, जिसके जवाब में दक्षिण कोरिया को भी अपने 30 सैन्य विमानों को उतारना पड़ा।
- कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव तेज़ी से बढ़ रहा है क्योंकि उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षणों ने दक्षिण कोरिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान को इसके जवाब में संयुक्त अभ्यास करने के लिये प्रेरित किया है।
कोरियाई प्रायद्वीप में संघर्ष:
- उत्पत्ति:
- इस संघर्ष की जड़ें वर्ष 1910-1945 के बीच जापान द्वारा कोरिया के अधिग्रहण में निहित हैं।
- जब जापान द्वितीय विश्वयुद्ध में पराजित हुआ तब मित्र देशों की सेनाएँ याल्टा सम्मेलन (1945) में "कोरिया पर चार-शक्ति ट्रस्टीशिप" स्थापित करने के लिये सहमत हुईं।
- हालाँकि USSR (सोवियत समाजवादी गणराज्यों का संघ) ने कोरिया पर आक्रमण कर उसके उत्तरी हिस्से पर नियंत्रण कर लिया, जबकि दक्षिणी क्षेत्र मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के अधीन रहा।
- दोनों क्षेत्रों का विभाजन 38वें समानांतर के अनुरूप था, जो अभी भी दो कोरियाई देशों को विभाजित करने वाली आधिकारिक सीमा बनी हुई है।
- वर्ष 1948 में, कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) की स्थापना की गई थी।
- जैसा कि दोनों ने क्षेत्रीय और वैचारिक रूप से अपनी पहुँच बढ़ाने की कोशिश की, तदनरूप दोनों देशों के बीच कोरियाई संघर्ष उभरा।
- कोरियाई युद्ध:
- उत्तर कोरिया ने USSR के समर्थन से 25 जून, 1950 को दक्षिण कोरिया पर हमला किया और अंततः उसके अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया।
- बदले में अमेरिका के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र बल ने जवाबी कार्रवाई की।
- वर्ष 1951 में डगलस मैकआर्थर के नेतृत्व में अमेरिकी सेना ने 38वीं समानांतर रेखा को पार किया और उत्तर कोरिया के समर्थन से चीन में प्रवेश के अपने प्रयासों गति दी।
- बाद में वर्ष 1951 में अमेरिका को आगे बढ़ने से रोकने के लिये शांति वार्ता शुरू हुई।
- भारत सभी प्रमुख हितधारकों अमेरिका, यूएसएसआर और चीन को शामिल करके कोरियाई प्रायद्वीप में शांति वार्ता में सक्रिय रूप से शामिल रहा।
- वर्ष 1952 में कोरिया पर भारतीय प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र (UN) में अपनाया गया था।
- 27 जुलाई, 1953 को संयुक्त राष्ट्र कमान, कोरियाई पीपुल्स आर्मी और चीनी पीपुल्स वालंटियर आर्मी के मध्य कोरियाई युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- इसने शांति संधि के बिना एक आधिकारिक युद्धविराम का नेतृत्व किया।, इस प्रकार युद्ध आधिकारिक तौर पर कभी समाप्त नहीं हुआ।
- इसने ‘कोरियाई असैन्यीकृत ज़ोन’ (DMZ) की स्थापना का भी नेतृत्व किया जो कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच बफर ज़ोन के रूप में कोरियाई प्रायद्वीप में भूमि की एक पट्टी है।
- दिसंबर 1991 में उत्तर और दक्षिण कोरिया ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिसमें आक्रामकता से बचने के लिये सहमति व्यक्त की गई थी।
- उत्तर कोरिया ने USSR के समर्थन से 25 जून, 1950 को दक्षिण कोरिया पर हमला किया और अंततः उसके अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया।
अमेरिका-नॉर्थ कोरिया संघर्ष:
- शीत युद्ध के दौर में (कथित रूप से रूस और चीन के समर्थन से) उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम में तेज़ी लाया और परमाणु क्षमता विकसित की।
- उत्तर कोरिया वर्ष 2003 में अप्रसार संधि (एनपीटी) से हट गया और बाद में वर्तमान नेता किम जोंग-उन के तहत उसने परमाणु मिसाइल परीक्षण में वृद्धि की।
- इसके जवाब में अमेरिका ने मार्च 2017 में दक्षिण कोरिया में THAAD (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस) को तैनात किया।
- उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुआ क्षेत्रीय संघर्ष अमेरिका तथा उत्तर कोरिया के बीच की तकरार में तब्दील हो गया।
- उत्तर कोरिया के साथ संबंध सुधारने के राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगाए हैं।
उत्तर कोरिया द्वारा आक्रामकता की हालिया कार्यवाही:
- हाल के वर्षों में उत्तर कोरिया ने परमाणु भंडार को बढ़ाकर अपने परमाणु कार्यक्रम को गति दी है और अप्रसार संधि (NPT) से खुद को बाहर कर लिया है तथा कई बार परमाणु परीक्षण किया है।
- उत्तर कोरिया के बढ़ते मिसाइल दुस्साहस का मुकाबला करने के लिये अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) तैनात किया है।
- उत्तर कोरिया ने हाल ही में केसोंग में अंतर-कोरियाई संपर्क कार्यालय को ध्वस्त कर दिया, जिसे वर्ष 2018 में स्थापित किया गया था। औपचारिक राजनयिक संबंधों की अनुपस्थिति में इस कार्यालय ने एक वास्तविक दूतावास के रूप में कार्य किया और दोनों देशों के लिये एक सीधा संचार चैनल प्रदान किया।
- हाल ही में वर्ष 2022 में उत्तर कोरिया ने रिकॉर्ड संख्या में मिसाइल परीक्षण किये।
- इसने अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर तथा वर्ष 2017 के बाद अपना पहला परमाणु परीक्षण विस्फोट करके तनाव को और बढ़ा दिया है।
कोरियाई संघर्ष में भारत की स्थिति:
- भारत की स्थिति:
- भारत लगातार उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षणों का विरोध करता रहा है। हालाँकि इसने प्रतिबंधों को लेकर तटस्थ रुख बनाए रखा है।
- इससे पहले कोरियाई युद्ध (1950-53) के दौरान, भारत ने दोनों युद्धरत पक्षों के मध्य हस्ताक्षरित संघर्ष विराम समझौते में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी।
- उत्तर और दक्षिण कोरिया के साथ भारत के संबंध:
- मई 2015 में दक्षिण कोरिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को 'विशेष रणनीतिक साझेदारी' में बदला गया था।
- दक्षिण कोरिया की दक्षिणी नीति में भारत की एक प्रमुख भूमिका है, जिसके तहत देश अपने वर्तमान क्षेत्र से परे संबंधों का विस्तार करना चाहता है।
- इसी तरह दक्षिण कोरिया ‘भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी' में एक प्रमुख भागीदार है, जिसके तहत भारत का उद्देश्य आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और एशिया-प्रशांत के देशों के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करना है।
- भारत के 47 वर्षों से अधिक समय से उत्तर कोरिया के साथ राजनयिक संबंध हैं, जो गुटनिरपेक्ष आंदोलन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की विरासत को दर्शाता है।
- मई 2015 में दक्षिण कोरिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को 'विशेष रणनीतिक साझेदारी' में बदला गया था।
आगे की राह
- कोविड के बाद के भू-राजनीतिक क्रम में बड़े बदलाव और वैश्विक आर्थिक स्थिति बिगड़ने के साथ, उत्तर कोरिया अपनी पहले से ही कमज़ोर अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहेगा, विशेषकर जब देश महामारी की चपेट में हो।
- इसके अलावा कुछ मुद्दों पर, उत्तर कोरिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और कोरियाई प्रायद्वीप पर अन्य हितधारकों के मध्य पुनः वार्त्ता की शुरुआत हो सकती है।
- इससे भारत कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिये तैयार होगा।
- उत्तर कोरियाई नेतृत्व के साथ भारत की भागीदारी जारी रखने से इन संभावित स्थितियों में लाभ प्राप्त हो सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. कभी-कभी चर्चा में रहने वाला "टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)" क्या होता है? (2018) (a) एक इज़रायली रडार प्रणाली उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. शीत युद्ध के बाद के अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के आर्थिक और रणनीतिक आयामों का मूल्यांकन कीजिये। (2016) |