कृषि
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेवन को लेकर चिंताएँ
- 28 Aug 2023
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कोविड-19 महामारी, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI), सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0 मेन्स के लिये:अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेवन को लेकर चिंताएँ |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में पाया गया कि भारत का अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड/खाद्य क्षेत्र वर्ष 2011 से 2021 तक खुदरा बिक्री मूल्य में 13.37% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड:
- परिचय:
- प्रसंस्कृत फूड/भोजन में आमतौर पर नमक, चीनी और वसा को मिलाया जाता है। यदि मूल उत्पाद में पाँच या अधिक सामग्रियाँ मिलाई गई हों तो भोजन को अल्ट्रा-प्रोसेस्ड माना जाता है।
- ये अन्य सामग्रियाँ आमतौर पर सुगंध और स्वाद बढ़ाने वाले, इमल्सीफायर और रंग हैं तथा इनका उपयोग उत्पाद को अधिक दिन तक टिकाऊ बनाए रखने और स्वाद को बेहतर बनाने के लिये किया जाता है।
- उदाहरण के लिये कच्चा आटा असंसाधित होता है। दलिया नमक और चीनी मिलाकर प्रसंस्कृत भोजन है। अगर हम आटे से कुकीज़ बनाते हैं और उसमें कई अन्य चीज़ें मिलाते हैं, तो यह अल्ट्रा-प्रोसेस्ड होता है।
- चिंताएँ:
- नमक, चीनी और वसा आमतौर पर सभी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में मिलाए जाते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों का नियमित या अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्यवर्द्धक नहीं माना जाता है।
- वे मोटापा, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी समस्याएँ और जीवन-शैली संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन में मिलाए जाने वाले कृत्रिम रसायन आँत के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- आँत के स्वास्थ्य में कोई भी असंतुलन न्यूरोलॉजिकल समस्या और तनाव से लेकर मूड में बदलाव और मोटापे तक कई समस्याओं को जन्म दे सकता है।
- अधिकांश अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाने वाले पदार्थों का उपयोग किया जाता है, इसलिये लोग उनके आदी हो जाते हैं।
- इसके अलावा प्राकृतिक भोजन जल्दी खराब हो जाता है और शरीर द्वारा बहुत जल्दी अवशोषित कर लिया जाता है।
- साधारण चीनी की उच्च खुराक का प्रभाव यह होता है कि यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देती है, जिससे भूख ज़्यादा लगती है और शरीर को अधिक भोजन की आवश्यकता पड़ती है। इसीलिये कहा जाता है कि चीनी व्यसनकारी होती है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
- अस्थायी व्यवधान और रिकवरी:
- कोविड-19 महामारी ने एक अस्थायी व्यवधान पैदा किया, जिससे भारतीय अल्ट्रा-प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि दर वर्ष 2019 के 12.65% से घटकर 2020 में 5.50% हो गई।
- हालाँकि वर्ष 2020-2021 में इस क्षेत्र ने 11.29% की वृद्धि दर के साथ उल्लेखनीय रूप से वापसी दर्ज की।
- कोविड-19 महामारी ने एक अस्थायी व्यवधान पैदा किया, जिससे भारतीय अल्ट्रा-प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि दर वर्ष 2019 के 12.65% से घटकर 2020 में 5.50% हो गई।
- प्रमुख श्रेणियाँ और बिक्री की मात्रा:
- सबसे लोकप्रिय अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य श्रेणियों में चॉकलेट और चीनी कन्फेक्शनरी, नमकीन स्नैक्स, पेय पदार्थ, तैयार और सुविधाजनक खाद्य पदार्थ तथा नाश्ता आदि आहार शामिल हैं।
- वर्ष 2011 से 2021 तक खुदरा बिक्री की मात्रा के संदर्भ में पेय पदार्थों की हिस्सेदारी सबसे अधिक थी, इसके बाद चॉकलेट, चीनी कन्फेक्शनरी और रेडीमेड तथा सुविधाजनक खाद्य पदार्थों का स्थान था।\
- सबसे लोकप्रिय अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य श्रेणियों में चॉकलेट और चीनी कन्फेक्शनरी, नमकीन स्नैक्स, पेय पदार्थ, तैयार और सुविधाजनक खाद्य पदार्थ तथा नाश्ता आदि आहार शामिल हैं।
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और उपभोग के बदलते तरीके:
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं ने महामारी के दौरान कार्बोनेटेड मीठे पेय पदार्थों से फलों और सब्जियों के रस/जूस की ओर रुख किया, ऐसा उन्होंने संभवतः कथित प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों में वृद्धि के लिये किया।
- हालाँकि इन वैकल्पिक पेय पदार्थों में उच्च स्तर की शर्करा भी शामिल हो सकती है।
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं ने महामारी के दौरान कार्बोनेटेड मीठे पेय पदार्थों से फलों और सब्जियों के रस/जूस की ओर रुख किया, ऐसा उन्होंने संभवतः कथित प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों में वृद्धि के लिये किया।
सुझाव:
- अधिक सख्त विज्ञापन और विपणन विनियम:
- यह रिपोर्ट सख्त विज्ञापन और विपणन नियमों की आवश्यकता, विशेष रूप से बच्चों के बीच लोकप्रिय मीठे बिस्कुट जैसे- उत्पादों के संबंध में अधिक ज़ोर डालती है।
- नमकीन स्नैक्स में नमक की उच्च मात्रा उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिये जोखिम पैदा करती है, इन नियमों के माध्यम से इसे संबोधित करना आवश्यक हो जाता है।
- यह रिपोर्ट सख्त विज्ञापन और विपणन नियमों की आवश्यकता, विशेष रूप से बच्चों के बीच लोकप्रिय मीठे बिस्कुट जैसे- उत्पादों के संबंध में अधिक ज़ोर डालती है।
- Clear Definition of High Fat Sugar Salt (HFSS) Foods:
- उच्च वसा, चीनी, नमक (HFSS) युक्त खाद्य पदार्थों की स्पष्ट परिभाषा:
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को उच्च वसा वाले चीनी व नमक (HFSS) युक्त खाद्य पदार्थों की स्पष्ट परिभाषा उल्लेखित करने के लिये हितधारकों के साथ सहयोग करना चाहिये।
- GST परिषद के माध्यम से कर संरचना को HFSS खाद्य पदार्थों की परिभाषा के साथ जोड़ने से अनुशंसित स्तर से अधिक वसा, चीनी और नमक युक्त उत्पादों पर उच्च कर लगाकर स्वस्थ और सुव्यवस्थित विकल्पों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
- व्यापक राष्ट्रीय पोषण नीति:
- हितधारकों के साथ गहन परामर्श के बाद अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्यों और लक्ष्यों के साथ अल्प और अति-पोषण दोनों को संबोधित करने वाली एक सशक्त राष्ट्रीय पोषण नीति की आवश्यकता है।
- सक्षम आँगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी मौजूदा नीतियाँ अतिपोषण और आहार संबंधी बीमारियों से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने में सक्षम नहीं हैं।
- हितधारकों के साथ गहन परामर्श के बाद अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्यों और लक्ष्यों के साथ अल्प और अति-पोषण दोनों को संबोधित करने वाली एक सशक्त राष्ट्रीय पोषण नीति की आवश्यकता है।
- पोषण संबंधी संक्रमण और दीर्घकालिक लक्ष्य:
- इस रिपोर्ट में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की खपत को कम करने और साबुत अनाज का उपभोग बढ़ाने के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर संक्रमण हेतु प्रोत्साहित किया गया है।
- भारत में साबुत अनाज के सेवन में कमी को गैर-संचारी रोगों के लिये प्राथमिक आहार जोखिम कारक के रूप में पहचान की गई है।
स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने हेतु सरकारी पहलें:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: भारत सरकार मेगा फूड पार्क की अवधारणा को किस/किन उद्देश्य/उद्देश्यों से प्रोत्साहित कर रही है? (2011)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) व्याख्या:
प्रश्न. बाज़ार में बिकने वाला ऐस्परटेम कृत्रिम मधुरक है। यह एमीनो अम्लों से बना होता है और अन्य एमीनो अम्लों के समान ही कैलोरी प्रदान करता है। फिर भी यह भोज्य पदार्थों में कम कैलोरी मधुरक के रूप में इस्तेमाल होता है। उसके इस्तेमाल का क्या आधार है? (2011) (a) ऐस्परटेम सामान्य चीनी जितना ही मीठा होता है, किंतु चीनी के विपरीत यह मानव शरीर में आवश्यक एन्जाइमों के अभाव के कारण शीघ्र ऑक्सीकृत नहीं हो पाता है। उत्तर: d मेन्स:प्रश्न. उत्तर-पश्चिम भारत के कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के स्थानीयकरण के कारकों पर चर्चा कीजिये। (2019) प्रश्न. देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियाँ और अवसर क्या हैं? खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर किसानों की आय में पर्याप्त वृद्धि किस प्रकार की जा सकती है? (2020) |