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जैव विविधता और पर्यावरण

जलवायु टिपिंग पॉइंट्स

  • 10 Oct 2022
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जलवायु टिपिंग पॉइंट्स, ग्रीनलैंड बर्फ,प्रवाल भित्ति, अमेज़न के जंगल

मेन्स के लिये:

सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, पर्यावरण प्रदूषण और निम्नीकरण

चर्चा में क्यों?

एक प्रमुख अध्ययन के अनुसार, जलवायु संकट ने दुनिया को कई "विनाशकारी" टिपिंग बिंदुओं के कगार पर पहुँचा दिया है।

  • क्लाइमेट टिपिंग पॉइंट्स या CTPs एक वृहत जलवायु प्रणाली के मार्कर हैं जो एक सीमा से परे ट्रिगर होने पर स्वतः तापन को बनाए रखते हैं।

Climate-tipping

अध्ययन के नए निष्कर्ष:

  • अध्ययन के अनुसार, मानव समुदाय के कारण 1.1 डिग्री सेल्सियस की वैश्विक तापन अब तक के पाँच खतरनाक टिपिंग पॉइंट पहले ही पार कर चुकी है।
    • इनमें ग्रीनलैंड की हिम छत्रक का पिघलना, समुद्र के जल स्तर में भारी वृद्धि, उत्तरी अटलांटिक में प्रमुख धारा का पतन, बारिश को बाधित करना जिस पर अरबों लोग भोजन के लिये निर्भर हैं और कार्बन युक्त पर्माफ्रॉस्ट का अचानक पिघलना शामिल है।
  • 5 °C पर फाइव टिपिंग पॉइंट संभव हो जाते हैं, जिसमें विशाल उत्तरी जंगलों में परिवर्तन और लगभग सभी पर्वतीय हिमनदों का पिघलना, उष्णकटिबंधीय प्रवाल भित्तियों का मरना तथा पश्चिम अफ्रीकी मानसून में परिवर्तन शामिल हैं।
  • कुल मिलाकर शोधकर्त्ताओं को 16 टिपिंग पॉइंट्स के प्रमाण मिले, जिनमें से अंतिम छह को ट्रिगर करने के लिये कम-से-कम 2 डिग्री सेल्सियस के वैश्विक उष्मन की आवश्यकता होती है।
    • टिपिंग पॉइंट कुछ वर्षों से लेकर सदियों तक की समय-सारिणी पर प्रभावी होंगे।
  • आर्कटिक में 2 °C से अधिक पर चिह्नित 9 वैश्विक टिपिंग बिंदु ग्रीनलैंड पश्चिमी अंटार्कटिक का पतन और पूर्वी अंटार्कटिक बर्फ की चादरों के दो हिस्से हैं, जो अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) का आंशिक और कुल पतन है।
  • अन्य संभावित टिपिंग बिंदुओं का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है, जिसमें समुद्री ऑक्सीजन की हानि और भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून में प्रमुख बदलाव शामिल हैं।

आगे की राह

  • यह मूल्यांकन जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिये तत्काल कार्रवाई के लिये मज़बूत वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान करता है।
  • वर्तमान में विश्व ग्लोबल वार्मिंग के 2 से 3°C की ओर बढ़ रहा है; सबसे अच्छा, यदि सभी शुद्ध-शून्य प्रतिज्ञाओं और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों को लागू किया जाता है तो यह 2 °C से नीचे तक पहुँच सकता है।
    • यह कुछ हद तक टिपिंग पॉइंट (tipping point) जोखिम को कम करेगा लेकिन फिर भी यह खतरनाक होगा क्योंकि यह कई जलवायु टिपिंग पॉइंट्स को ट्रिगर कर सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

Q. वैश्विक तापन का प्रवाल जीवन तंत्र पर प्रभाव का उदाहरणों के साथ आकलन कीजिये। (2019)

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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