नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

COVID-19 की निगरानी हेतु जीपीएस का प्रयोग

  • 31 Mar 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

जीपीएस ट्रैकिंग, COVID-19 

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य क्षेत्र पर COVID-19 के प्रभाव, स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीकी का प्रयोग  

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation- BMC) ने क्षेत्र में COVID-19 के उच्च संवेदनशीलता क्षेत्रों और इन क्षेत्रों में COVID-19 से संक्रमित लोगों की निगरानी के लिये जीपीएस (GPS) आधारित आँकड़ों का उपयोग करने का निर्णय लिया है।

मुख्य बिंदु:

  • BMC के अनुसार, लॉकडाउन और क्वारंटाइन (Quarantine) के तहत लागू प्रतिबंधों के उल्लंघन और COVID-19 के सामुदायिक प्रसार की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
  • BMC की योजना के तहत उच्च संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों और संक्रमित लोगों की बेहतर निगरानी कर COVID-19 के प्रसार को नियंत्रित किया जाएगा।
  • BMC के अनुसार, शीघ्र ही इस ट्रैकर (Tracker) को निगम की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा।

पृष्ठभूमि:

  • 30 मार्च, 2020 को शहर के घनी आबादी वाले वर्ली-कोलीवाडा (Worli-Koliwada) क्षेत्र में 8 लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद पुलिस द्वारा इस क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी।
  • साथ ही BMC के आँकड़ों के अनुसार, 30 मार्च, 2020 को मुंबई महानगर क्षेत्र में कोरोनावायरस संक्रमण के 47 नए मामले सामने आए थे। 
  • BMC के अनुसार, वर्तमान में संक्रमित लोगों और उनके परिसर क्षेत्रों के प्रति भेदभाव तथा अनावश्यक भय को कम करने के लिये कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्तियों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।
  • अभी तक कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के बारे में जारी आँकड़ों में केवल उनकी आयु, लिंग और आवासीय क्षेत्र की जानकारी ही सार्वजनिक की जा रही थी। 

जीपीएस (GPS) ट्रैकिंग के लाभ: 

  • जीपीएस ट्रैकर के माध्यम से संक्रमित लोगों की गतिविधियों की बेहतर निगरानी की जा सकेगी। 
  • BMC के अनुसार, जीपीएस आधारित आँकड़ों के माध्यम से लोगों को ऐसे क्षेत्रों से दूर रहने के बारे में चेतावनी दी जा सकेगी जहाँ कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होगा।
  • इन आँकड़ों का प्रयोग वार्ड के अधिकारियों (Ward Officers) द्वारा भी किया जायेगा, इन आँकड़ों के माध्यम से वार्ड अधिकारी ऐसे क्षेत्रों में लोगों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के साथ-साथ अतिआवश्यक वस्तुओं जैसे- दवाई, राशन आदि की अनिवार्य होम डिलीवरी (Home Delivery) को सुनिश्चित कर सकेंगे।

COVID-19 के नियंत्रण के अन्य प्रयास: 

  • COVID-19 संक्रमण मामलों की बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ रहे दबाव को कम करने के लिये मेडिकल छात्रों को अस्पतालों में तैनात करने का निर्णय लिया गया है।
  • इसके तहत शहर के चार मेडिकल कॉलेजों से अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों और दूसरे तथा तीसरे वर्ष के नर्सिंग छात्रों (Nursing Students) को अस्पतालों में सेवाएँ देने के लिये लगाया जाएगा।
  • इन छात्रों को सार्वजनिक अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (Outpatient Department- OPD) और अस्पतालों के प्रशासनिक कार्यों के लिये लगाया जाएगा।
  • साथ ही अस्पतालों की भीड़ कम करने तथा उपलब्ध आइसोलेशन (Isolation) बेड का बेहतर प्रयोग करने के लिये संक्रमित लोगों के लक्षणों और उम्र के आधार पर तीन श्रेणियों में बाँटा जाएगा। जो निम्नलिखित हैं-
    1. बगैर लक्षण (Asymptomatic) और सह रुग्णता के 55 वर्ष की आयु से कम के लोग। 
    2. बगैर लक्षण या हलके लक्षण वाले 55 वर्ष की आयु से अधिक के लोग। 
    3. स्पष्ट लक्षण वाले 55 वर्ष की आयु से अधिक के लोग।

लाभ:   

  • BMC के अनुसार, इस तरह तीन श्रेणियों में विभाजित कर स्थिर रोगियों के लिये संघरोध केंद्रों (Quarantine Centres) पर आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
  • साथ ही इस प्रक्रिया के तहत अस्पतालों में भीड़ कम कर गंभीर मरीज़ों को बेहतर चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सकेगी। 

स्रोत:  द इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow