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  • 05 Mar, 2020
  • 12 min read
शासन व्यवस्था

COVID-19 और भारत की तैयारी

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में COVID-19 और भारत की तैयारी से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

संदर्भ

COVID -19 वायरस आज भारत समेत दुनिया भर में स्वास्थ्य और जीवन के लिये गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। अब पूरी दुनिया में इसका असर भी दिखने लगा है। वैश्वीकरण के इस दौर में जहाँ आवागमन और संचार व्यवस्था सुगम हुई है, वहीं आपसी संपर्क बढ़ने से पूरा विश्व किसी गंभीर बीमारी के प्रति सुभेद्य हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के अनुसार, लगभग 70 देशों में 95000 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

दुखद बात यह है कि पूरे विश्व में इस संक्रमण से लगभग 3221 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जनसंख्या घनत्व, गरीबी और अशिक्षा जैसे कारकों के साथ भारत का अपर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा भारत को COVID -19 के लिये अत्यधिक संवेदनशील बनाता है। भारत ने अब तक COVID -19 संक्रमण के 28 पाॅज़िटिव मामलों की सूचना दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय अपने एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (Integrated Disease Surveillance Programme-IDSP) नेटवर्क के माध्यम से उन लोगों का पता लगाने का प्रयास कर रहा है जो उन 28 लोगों के संपर्क में आए हैं। चूँकि COVID -19 एक श्वसन आधारित वायरस है, इसलिये यह कुछ ही समय में फैल सकता है और महामारी में बदल सकता है। इस आलेख में कोरोना वायरस से बचाव और भारत सरकार द्वारा की गई तैयारियों का विश्लेषण किया जाएगा।

पृष्ठभूमि

  • कोरोना वायरस (COVID -19) का प्रकोप तब सामने आया जब 31 दिसंबर, 2019 को चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में अज्ञात कारण से निमोनिया के मामलों में हुई अत्यधिक वृद्धि के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया गया।
  • तत्पश्चात विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया। शीघ्र ही यह बीमारी चीन और दुनिया के बाकी हिस्सों में फैल गई। पहले इस वायरस को SARS-CoV-2 नाम दिया गया, जिसका बाद में COVID-19 नाम से आधिकारिक नामकरण किया गया।
  • पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (Polymerase Chain Reaction-PCR) टेस्ट COVID-19 वायरस के लिये पहला परीक्षण है, जिसके तहत सभी संदिग्ध रोगियों का परीक्षण किया जाता है।
  • यदि इस टेस्ट में परिणाम सकारात्मक रहता है तो पुष्टि के लिये नमूना पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (National Institute of Virology-NIV) को भेजा जाता है, जो कि वर्तमान में जीनोम अनुक्रमण करने वाली एकमात्र सरकारी प्रयोगशाला है।

क्या है COVID-19

  • WHO के अनुसार, COVID-19 में CO का तात्पर्य कोरोना से है, जबकि VI विषाणु को, D बीमारी को तथा संख्या 19 वर्ष 2019 (बीमारी के पता चलने का वर्ष ) को चिन्हित करता है।
  • WHO द्वारा इसका नामकरण वैश्विक एजेंसी विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (World Organisation for Animal Health) और खाद्य एवं कृषि संगठन ( Food and Agriculture Organization) द्वारा वर्ष 2015 में जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत किया गया है।

चीन क्यों है वायरस के प्रति अति संवेदनशील?

  • ऐसे स्थान जहाँ मनुष्यों और जानवरों में अनियमित रक्त और अन्य शारीरिक संपर्क जैसा संबंध स्थापित होता है, वहाँ पर इस वायरस का अधिक प्रसार होता है।
  • चीन के पशु बाज़ार ऐसे ही स्थलों के उदाहरण हैं जहाँ जानवरों से मनुष्यों में वायरस के संचरण की अधिक संभावना है।
  • चीन के बाज़ारों में कई जानवरों का माँस बिकने के कारण ये बाज़ार मानव में वायरस की प्रायिकता को बढ़ा देते हैं।
  • जब एक बड़ा मानव समुदाय इस वायरस के संचरण शृंखला में शामिल हो जाता है तो उत्परिवर्तन (Mutation) की स्थिति उत्पन्न होती है जो कि मानव समुदाय के लिये घातक सिद्ध होती है।

वायरस के प्रति भारत की सुभेद्यता

  • दुनिया भर से आने वाले लोगों की बड़ी संख्या के कारण किसी भी बीमारी के प्रति भारत स्थित हवाई अड्डे एक हॉटस्पॉट के रूप में हो सकते हैं।
  • भारत की आबादी का एक बड़ा वर्ग सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करता है, जो COVID-19 के प्रसार को तेज़ कर सकता है।
  • हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर लगे थर्मल स्क्रीनिंग जैसे उपकरण भी COVID-19 वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि संक्रमित व्यक्ति में ऊष्मायन अवधि (Incubation Period) के दौरान इसके लक्षण प्रकट नहीं हो रहे हैं।
  • COVID-19 वायरस की जाँच के लिये किया जा रहा आणविक परीक्षण भी संदेहास्पद है क्योंकि इसके अधिकांश परिणाम गलत रहे हैं।
  • भारत में भौतिक और मानवीय संसाधन के स्तर पर स्वास्थ्य अवसंरचना अपर्याप्त है।
  • लोगों में स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूकता का अभाव है।

वायरस के लक्षण

  • इसके सामान्य लक्षणों में खाँसी, बुखार और श्वसन क्रिया में रुकावट मुख्य लक्षण हैं।
  • वहीं गंभीर संक्रमण में निमोनिया, किडनी का फेल होना शामिल है जिससे मनुष्य की मृत्यु तक हो सकती है।

संक्रमण रोकने हेतु उपाय

  • कच्चे या अधपके पशु उत्पादों के सेवन से बचना।
  • यदि बुखार, खाँसी और साँस लेने में कठिनाई हो रही है तो जल्दी से चिकित्सक से संपर्क करना और अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ पिछली यात्रा के बारे में जानकारी साझा करना।
  • बुखार और खाँसी से प्रभावित किसी भी व्यक्ति के निकट संपर्क से बचना।
  • खाँसते या छींकते समय मुँह और नाक को ढकना।
  • अल्कोहल-आधारित साबुन और पानी का उपयोग करके हाथ साफ करना।
  • सभी लोगों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिये।

क्या यह वायरस महामारी का रूप ले चुका है?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक इसे महामारी घोषित नहीं किया है। WHO के अनुसार, यदि कोई बीमारी जो पूरे विश्व में फैल जाती है, तभी उसे महामारी के अंतर्गत रखा जाता है। पर जिस तरह से यह बीमारी चीन के बाहर भी अपने पैर पसार रही है, वह निश्चित ही चिंता का विषय है।
  • चूँकि यह बीमारी कमज़ोर इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को आसानी से अपना शिकार बनाती है, इसलिये इससे घबराने की जगह इससे बचाव किया जाना बेहतर विकल्प है।
  • इस बीमारी से बचा जा सकता है। दुनिया भर में करीब 51,000 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। जो इस बात का स्पष्ट सबूत है कि इससे निपटा जा सकता है।

सरकार द्वारा उठाए जाने वाले संभावित कदम

  • अभी तक COVID -19 के विरुद्ध कोई निश्चित इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसलिये सरकार की प्रतिक्रिया रणनीति निस्संदेह जोखिम के संचार, स्वास्थ्य शिक्षा, सामाजिक गड़बड़ी, और घर के अलगाव जैसे बुनियादी उपायों पर निर्भर करती है।
  • प्राकृतिक या मानवजनित बड़ी आपदाओं से निपटने के लिये बनाए गए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (National Crisis Management Committee-NCMC) के माध्यम से सामाजिक संगठनों, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में समन्वय स्थापित किया जाना चाहिये।
  • एक समर्पित वेब पोर्टल स्थापित किया जाना चाहिये, जिसमें प्रमुख संकेतक, रोग की पहचान संबंधी दिशा-निर्देश, जोखिम संचार सामग्री और उपायों की कार्ययोजना शामिल हो।
  • सरकार को अधिक-से-अधिक अत्याधुनिक उपकरणों से लैस प्रयोगशालाओं को स्थापित करना चाहिये, ताकि व्यक्ति में संक्रमण की पूरी तरह से पुष्टि हो सके।
  • सरकार को आइसोलेशन वार्ड की सुविधा के साथ, सेपरेशन किट, मास्क इत्यादि की व्यवस्था करनी चाहिये।
  • सरकार द्वारा सभी हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर विदेश से आने वाले सभी व्यक्तियों की गहन जाँच की व्यवस्था करनी चाहिये।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय को ट्रैवल एडवाइज़री भी ज़ारी करना चाहिये।

आगे की राह

  • कोरोना वायरस से बचाव की तैयारी न केवल सरकार का उत्तरदायित्व है बल्कि सभी संस्थानों, संगठनों, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों, यहाँ तक ​​कि सभी व्यक्तियों को आकस्मिक और अग्रिम तैयारी योजनाएँ बनाना चाहिये।
  • बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन एक सफल प्रतिक्रिया की आधारशिला होगी। इसके लिये उचित जोखिम उपायों और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रति एक नवीन एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
  • सही जानकारी ही बचाव का बेहतर विकल्प है, इसलिये सरकार, सामाजिक संगठनों तथा लोगों को सही दिशा-निर्देशों का प्रसार करना चाहिये।

प्रश्न: COVID - 19 वायरस क्या है? इसके लक्षणों पर चर्चा करते हुए बचाव के संभावित विकल्पों का उल्लेख कीजिये।


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