अंतर्राष्ट्रीय संबंध
इक्वाडोर के समुद्री क्षेत्र के निकट चीनी हस्तक्षेप
- 03 Aug 2020
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प्रीलिम्स के लिये:पेरू धारा, गैलापागोस द्वीप समूह, IUCN रेड लिस्ट मेन्स के लिये:अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्रों में चीनी मछुआरों की बढ़ती आक्रामता और अनियंत्रित समुद्री शिकार की चुनौतियों से जुड़े प्रश्न |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘इक्वाडोर’ (Equador) ने अपने समुद्री क्षेत्र के निकट बड़ी संख्या में चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज़ों की गतिविधि में हुई वृद्धि के संदर्भ में आधिकारिक रूप से चीन से अपनी असहजता व्यक्त की है।
प्रमुख बिंदु:
- हाल ही में इक्वाडोर के गैलापागोस द्वीप समूह (Galapagos Islands) के निकट लगभग 260 मछली पकड़ने वाले जहाज़ों को देखे जाने के बाद इक्वाडोर द्वारा इस क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई थी।
- गौरतलब है कि प्रशांत महासागर स्थित गैलापागोस द्वीप समूह लगभग 60,000 वर्ग किमी. में फैला है और यह दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से लगभग 1,000 किमी. दूरी पर स्थित है।
- गैलापागोस द्वीप समूह के आस-पास मछलियों का व्यावसायिक शिकार बढ़ने से क्षेत्र में पाई जाने वाली शार्क जैसी जलीय प्रजातियाँ अब लुप्तप्राय हो चुकी हैं।
- इक्वाडोर को हर वर्ष इस क्षेत्र में चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज़ों से अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा हेतु चुनौती का सामना करना पड़ता है।
क्षेत्र में चीनी मछुआरों की बढ़ती सक्रियता:
- हाल में चीनी जहाज़ों के समूह को दोनों तरफ (मुख्य इक्वाडोर और गैलापागोस द्वीप समूह) से इक्वाडोर के अधिकार क्षेत्र से लगभग 200 मील दूर अंतर्राष्ट्रीय जल (International Waters) में देखा गया था। जहाज़ों के इस समूह में लाइबेरिया और पनामा के झंडे लगे कुछ जहाज़ भी शामिल थे।
- इक्वाडोर के विदेश मंत्री के अनुसार, चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज़ हर वर्ष इक्वाडोर के अधिकार वाले समुद्री क्षेत्र की सीमा तक आ जाते हैं।
- वर्ष 2019 में भी इसी क्षेत्र में (इक्वाडोर के समुद्री अधिकार क्षेत्र के बाहर) चीन के 254 मछली पकड़ने वाले जहाज़ों को देखा गया था।
- वर्ष 2017 में ऐसे ही एक चीनी जहाज़ के इक्वाडोर के अधिकार वाले समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद इक्वाडोर के अधिकारियों द्वारा उसे पकड़ लिया गया था।
- इक्वाडोर के अधिकारियों द्वारा पकड़े गए चीनी जहाज़ में रखे समुद्री वन्यजीवों का वज़न लगभग 300 टन बताया गया था।
- इनमें से अधिकांश मात्रा ‘स्कैलोप्ड हैमरहेड शार्क’ (Scalloped Hammerhead Shark) की थी जिसे IUCN रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered) श्रेणी में रखा गया है।
- चीन के एक प्रचलित भोजन के रूप में स्कैलोप्ड हैमरहेड शार्क की बड़ी मांग है।
- एक रिपोर्ट के अनुसार, हॉन्गकॉन्ग के बाज़ारों में पाए जाने वाले दो-तिहाई स्कैलोप्ड हैमरहेड शार्क के पर या फिन (Finn) गैलापागोस क्षेत्र से ही आते हैं।
- चीन के मछुआरे अधिकांशतः वर्ष के इस समय में इक्वाडोर के समुद्री क्षेत्र में आ जाते हैं क्योंकि वर्ष के इस समय ठंडी पेरू धारा अपने साथ बड़ी मात्रा में पोषक तत्त्व अपवाहित करती है, जिससे इस क्षेत्र में समुद्री प्रजातियों का एक बड़ा समूह इकठ्ठा हो जाता है।
क्षेत्रीय देशों की प्रतिक्रिया:
- चीनी जहाज़ों को क्षेत्र के अन्य देशों के साथ भी तनाव का सामना करना पड़ा है।
- वर्ष 2016 में अर्जेंटीना के तटरक्षकों ने एक चीनी जहाज़ का पीछा करते हुए इस समुद्र में डुबो दिया था।
- अर्जेंटीना के तटरक्षकों के अनुसार, यह जहाज़ बिना आधिकारिक अनुमति के दक्षिणी अटलांटिक महासागर में मछली पकड़ रहा था।
- हालिया मामले में इक्वाडोर की नौसेना ने पहले चीनी जहाज़ों को 16 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय जल में देखे जाने की घोषणा की थी परंतु इस सप्ताह इसे राजनयिक स्तर तक उठाया गया।
- इक्वाडोर के राष्ट्रपति ने इस ‘खतरे' पर पेरू, चिली, कोलंबिया और पनामा जैसे क्षेत्र के अन्य प्रभावित तटीय देशों से इस मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही है।
- संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इक्वाडोर की आर्थिक और पर्यावरणीय संप्रभुता की तरफ निर्देशित आक्रामकता के खिलाफ इक्वाडोर के साथ खड़े होने की बात कही है।
चीन का पक्ष:
- चीन के अनुसार, फिशिंग (Fishing) के मामले में वह एक उत्तरदायी राष्ट्र है और वह अवैध मछली पकड़ने के खिलाफ एक "शून्य सहिष्णुता" की नीति रखता है।
वैश्विक चुनौती:
- हाल के वर्षों में सैन्य शक्ति और व्यावसायिक विस्तार के साथ-साथ समुद्री शिकार के क्षेत्र में भी चीन की आक्रामकता में वृद्धि देखने को मिली है।
- फरवरी 2020 में चीनी तटरक्षकों के सहयोग से चीन के मछुआरों ने बिना किसी आधिकारिक अनुमति के इंडोनेशिया के नातुना सागर क्षेत्र में प्रवेश किया था।
- अप्रैल 2020 में चीनी मछुआरों द्वारा बिना किसी आधिकारिक अनुमति के दक्षिण अफ्रीका की समुद्री सीमा में प्रवेश करने के कारण उनके जहाज़ों को ज़ब्त कर लिया गया था।
आगे की राह:
- एक रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों का जल स्तर बढ़ने से मछली पकड़ने के मामले में द्वीपों के आसपास दबाव बढ़ जाएगा। क्योंकि अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा द्वीपों के आसपास मछलियाँ मिलने की संभावनाएँ अधिक होती हैं।
- मछुआरों द्वारा अधिक शिकार प्राप्त करने के लिये प्रयोग किये जाने वाले उपकरणों तथा अनियंत्रित शिकार से समुद्री जीवों की आबादी में गिरावट के साथ समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को भी भारी क्षति होती है।
- ऐसे में विश्व के सभी देशों को राजनीति मतभेदों को दूर रखते हुए समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा हेतु मिलकर प्रयास करने चाहिये।
गैलापागोस द्वीप समूह:
- गैलापागोस द्वीप समूह प्रशांत महासागर स्थित है और यह लगभग 60,000 वर्ग किमी. में फैला है।
- यह द्वीप समूह इक्वाडोर का हिस्सा है और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से लगभग 1,000 किमी. दूरी पर स्थित है।
- इक्वाडोर द्वारा इस द्वीप समूह के एक हिस्से को वर्ष 1935 में ‘वन्यजीव अभयारण्य’ बना दिया गया था, इस अभयारण्य को वर्ष 1959 में गैलापागोस नेशनल पार्क में बदल दिया गया।
- वर्ष 1978 में गैलापागोस द्वीप समूह को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा पहले विश्व धरोहर स्थल के रूप में चिह्नित किया गया था।
- इस द्वीप समूह पर मांटा रे (Manta Ray) और शार्क जैसे जलीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- साथ ही इन द्वीपों पर समुद्री इगुआना, फर सील और वेब्ड अल्बाट्रोस जैसे कई जलीय वन्यजीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने वर्ष 1835 में इस द्वीप समूह पर कुछ महत्त्वपूर्ण अध्ययन किये थे जिसने उनके विकासवाद के सिद्धांत में अहम भूमिका निभाई थी।