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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-चीन संबंध

  • 17 Mar 2023
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-चीन संबंध, SCO, G-20, GDP।

मेन्स के लिये:

भारत-चीन संबंध।

चर्चा में क्यों? 

शंघाई सहयोग संगठन और G-20 की अध्यक्षता के साथ ही भारत, चीन पर लगातार नज़र रखे हुए है।

चीन के विकास के प्रमुख क्षेत्र:  

  • स्थिर वृद्धि: 
    • वर्ष 2022 में चीन की अर्थव्यवस्था में 3% की वृद्धि हुई।
    • चीन का सकल घरेलू उत्पाद पिछले पाँच वर्षों में 5.2% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 121 ट्रिलियन युआन (लगभग 18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुँच गया।
  •  जनहित के कार्य: 
    • पिछले आठ वर्षों के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप चीन ने लगभग 100 मिलियन ग्रामीण निवासियों को गरीबी से मुक्त करने के साथ ऐतिहासिक रूप से गरीबी का पूर्ण समाधान किया है।
    • सरकार ने 70% से अधिक खर्च लोगों की भलाई सुनिश्चित करने हेतु किया।
  • विन-विन सहयोग:
    • वर्ष 2013-2021 की अवधि में वैश्विक आर्थिक विकास में चीन का योगदान औसतन 38.6% था, जो G7 देशों के संयुक्त (25.7%) योगदान से अधिक था।
    • जब से चीनी राष्ट्रपति ने वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में वैश्विक विकास पहल (Global Development Initiative- GDI) का प्रस्ताव रखा, तब से 100 से अधिक देशों ने अपना समर्थन व्यक्त किया है और 60 से अधिक देश GDI के ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स में शामिल हो गए हैं।

चीन और भारत के बीच व्यापार का परिदृश्य:

  • अमेरिका के बाद चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
  • चीन और भारत महत्त्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं एवं द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2022 में 135.984 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
  • व्यापार घाटे के बावजूद भारत द्वारा चीन से उपकरणों और सामग्रियों का आयात "मेड-इन-इंडिया" उत्पादों की कुल लागत को कम करता है, साथ ही भारतीय डाउनस्ट्रीम उद्योगों एवं उपभोक्ताओं को लाभ प्रदान करता है, भारतीय निर्यात की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाता है तथा वैश्विक औद्योगिक और आपूर्ति शृंखलाओ में भारत के एकीकरण की सुविधा प्रदान करता है।
  • चीन का बाज़ार भारत के लिये खुला है और चीन की जनता अपने बाज़ार में अधिक उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय सामान, सांस्कृतिक एवं अन्य उत्पादों का स्वागत करती है।
  • चीनी उद्यमों के निवेश ने भारतीय लोगों के लिये बड़ी संख्या में नौकरियाँ सृजित की हैं और भारत के आर्थिक विकास में योगदान दिया है।  

आगे की राह

  • चीन एवं भारत का विकास और पुनरुद्धार विकासशील देशों की ताकत को बढ़ावा देता है; यह विश्व की एक-तिहाई आबादी की नियति को बदल देगा और एशिया के भविष्य को प्रभावित करेगा।
  • दो पड़ोसी तथा प्राचीन सभ्यताओं के रूप में 2.8 बिलियन की संयुक्त जनसंख्या के साथ चीन और भारत विकासशील देशों एवं उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के प्रतिनिधि हैं।
  • भारत और चीन दोनों राष्ट्रीय कायाकल्प और आधुनिकीकरण के दौर से गुज़र रहे हैं अर्थात् चुनौतियों को दूर करना होगा, साथ ही समस्याओं का समाधान करना होगा।
  • चीन और भारत के बीच मतभेद की तुलना में साझा हित कहीं अधिक हैं। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. "चीन अपने आर्थिक संबंधों और सकारात्मक व्यापार अधिशेष को एशिया में संभाव्य सैनिक शक्ति हैसियत को विकसित करने के लिये उपकरणों के रूप में इस्तेमाल कर रहा है"। इस कथन के प्रकाश में उसके पड़ोसी के रूप में भारत पर इसके प्रभाव की चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2017) 

स्रोत: द हिंदू

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