केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना | 17 Apr 2023

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना

मेन्स के लिये:

भारत की स्वास्थ्य अवसंरचना

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी CGHS लाभार्थियों के लिये केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना पैकेज दरों में संशोधन की घोषणा की है और वीडियो कॉल सुविधा प्रदान करके कर्मचारियों के लिये CGHS रेफरल प्रक्रिया को सुव्यवस्थित रूप प्रदान किया है।

  • केंद्र सरकार ने आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट (OPD)/इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (IPD) के लिये परामर्श शुल्क की CGHS दरों को 150 रुपए से बढ़ाकर 350 रुपए कर दिया है और साथ ही ICU शुल्क में संशोधन कर इसे 5,400 रुपए कर दिया गया है।

CGHS में किये गए हालिया परिवर्तनों के प्रभाव:  

  • स्वास्थ्य सेवाओं की लागत: 
    • परामर्श शुल्क, ICU शुल्क और कमरे के किराये में वृद्धि सहित CGHS पैकेज दरों में संशोधन से लाभार्थियों के लिये स्वास्थ्य देखभाल लागत में वृद्धि होने की संभावना है। जबकि संशोधित दरों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत को कवर करना है, इस कदम से कुछ लोगों के लिये स्वास्थ्य देखभाल का खर्च उठाना अधिक कठिन हो सकता है।
  • स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच:
    • वीडियो कॉल रेफरल प्रक्रिया से स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में सुधार की उम्मीद है, खासकर उन लोगों के लिये जिन्हें वेलनेस सेंटर में व्यक्तिगत रूप से जाना मुश्किल है। यह भी अनुमान लगाया गया है कि यह सरलीकृत प्रक्रिया लाभार्थियों के लिये विलंबता और असुविधा को कम करके CGHS की दक्षता में वृद्धि करेगी।

CGHS:

  • परिचय:
    • CGHS एक व्यापक स्वास्थ्य सेवा योजना है जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को लाभ प्रदान किया जाता है।
    • इसकी स्थापना वर्ष 1954 में सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
  • प्रदान की जाने वाली सुविधाएँ:
    • कल्याण केंद्रों में OPD उपचार, जिसमें दवाएँ उपलब्ध कराना शामिल है।
    • CGHS से रेफरल के साथ पॉलीक्लिनिक, सरकारी अस्पतालों और CGHS नामांकित अस्पतालों में विशेषज्ञ परामर्श।
    • कैशलेस उपचार सुविधाओं के साथ सरकारी एवं नामांकित अस्पतालों में पेंशनभोगियों के लिये OPD और आंतरिक रोगी उपचार तथा पैनलबद्ध अस्पतालों एवं डायग्नोस्टिक केंद्रों में चिह्नित लाभार्थियों के लिये उपचार। 
    • आपात स्थिति में सरकारी या निजी अस्पतालों में हुए उपचार खर्च की प्रतिपूर्ति
    • अनुमति प्राप्त करने के बाद श्रवण यंत्र, कृत्रिम अंग और उपकरणों की खरीद के लिये किये गए व्यय की प्रतिपूर्ति। 
    • मातृत्त्व और बाल स्वास्थ्य सेवाएँ, परिवार कल्याण और चिकित्सा परामर्श। 
    • आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध औषधि प्रणाली (आयुष) के तहत दवाओं का वितरण।
  • उपलब्धियाँ:
    • वर्तमान में पूरे भारत के 79 शहरों में लगभग 42 लाख लाभार्थी CGHS द्वारा कवर किये गए हैं तथा सेवाओं की पहुँच में सुधार के लिये और अधिक शहरों को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017)

  1. गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण संबंधी जागरूकता उत्पन्न करना। 
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों तथा महिलाओं में रक्ताल्पता की घटना को कम करना। 
  3. बाजरा, मोटे अनाज और अपरिष्कृत चावल के उपभोग को बढ़ाना। 
  4. मुर्गी के अंडे के उपभोग को बढ़ाना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण अभियान) महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो आंँगनवाड़ी सेवाओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वच्छ-भारत मिशन आदि जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अभिसरण सुनिश्चित करता है।
  • राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission- NNM) का लक्ष्य 2017-18 से शुरू होकर अगले तीन वर्षों के दौरान 0-6 वर्ष के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण स्थिति में समयबद्ध तरीके से सुधार करना है। अतः कथन 1 सही है।
  • NNM का लक्ष्य स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया/रक्ताल्पता (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर लड़कियों के बीच) एवं बच्चों के जन्म के समय कम वज़न की समस्या को कम करना है। अत: कथन 2 सही है।
  • NNM के तहत बाजरा, बिना पॉलिश किये चावल, मोटे अनाज एवं अंडों की खपत से संबंधित ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अत: कथन 3 और 4 सही नहीं हैं।

अतः विकल्प (a) सही है।


प्रश्न. "एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है।" विश्लेषण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2021)

स्रोत: द हिंदू