भारत, नामीबिया तथा पनामा के चुनाव प्रबंधन निकायों के बीच समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी | 07 Feb 2019
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और इलेक्टोरल कमीशन ऑफ नामीबिया (Electoral Commission of Namibia-ECN) तथा इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल ऑफ पनामा (Electoral Tribunal of Panama-ETP) के बीच चुनाव प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन (MoU) के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख विशेषताएँ
- इस समझौता ज्ञापन में ऐसे मानक अनुच्छेद/धाराएँ (Articles/Clauses) शामिल हैं, जो मोटे तौर पर चुनाव प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं, इनमें शामिल हैं-
♦ चुनाव प्रक्रिया के संगठनात्मक और तकनीकी विकास के बारे में जानकारी तथा अनुभव का आदान-प्रदान करना।
♦ सूचना का आदान-प्रदान करना।
♦ संस्थागत सुदृढ़ीकरण और क्षमता निर्माण करना।
♦ कार्मिकों को प्रशिक्षण देना।
♦ नियमित विचार-विमर्श आदि को बढ़ावा देना।
प्रभाव
- यह समझौता ज्ञापन द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। इसका लक्ष्य इलेक्टोरल कमीशन ऑफ नामीबिया और इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल ऑफ पनामा के लिये तकनीकी सहायता/ क्षमता का निर्माण करना है।
- यह चुनाव प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग तथा उन देशों में चुनाव आयोजित कराने में सहायता उपलब्ध कराने की परिकल्पना करता है।
- इसके परिणामस्वरूप भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
पृष्ठभूमि:
- निर्वाचन आयोग कुछ देशों और एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के माध्यम से दुनिया भर में चुनाव से संबंधित मामलों और निर्वाचन प्रक्रियाओं में सहयोग देता रहा है।
- भारत में लोकतंत्र की सफलता ने दुनिया भर की लगभग हर एक राजनीतिक व्यवस्था का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
- उत्कृष्टता हासिल करने की जद्दोजहद में निर्वाचन आयोग चुनाव और उससे जुड़े मामलों के संबंध में द्विपक्षीय संबंध कायम करने हेतु विदेशी चुनाव निकायों की ओर से विभिन्न प्रस्ताव प्राप्त करता रहा है।
- निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो दुनिया में सबसे बड़े चुनावों का आयोजन करता है।
- निर्वाचन आयोग का यह उत्तरदायित्व है कि वह विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लगभग 85 करोड़ मतदाताओं वाले देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का आयोजन करे।
भारतीत निर्वाचन आयोग
- भारत का निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) एक स्थायी संवैधानिक निकाय है। चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुसार की गई थी।
- भारतीय संविधान के अनुसार निर्वाचन आयोग को संसद, प्रत्येक राज्य के विधानमंडल, भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यालयों के लिये चुनावों की पूरी प्रक्रिया का निर्देशन और नियंत्रण करने की शक्ति प्राप्त है।
- प्रारंभ में आयोग में केवल एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त होता था। वर्तमान में इसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं।
- पहली बार दो अतिरिक्त आयुक्तों की नियुक्ति 16 अक्तूबर, 1989 को की गई थी लेकिन उनका कार्यकाल 01 जनवरी, 1990 तक ही चला। उसके बाद 01 अक्तूबर, 1993 को दो अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई थी, तब से आयोग की बहु-सदस्यीय अवधारणा प्रचलन में है, जिसमें निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाता है।
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