भारतीय अर्थव्यवस्था
इथेनॉल मूल्य में पुनरीक्षण व्यवस्था को मंज़ूरी
- 04 Sep 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs) ने 1 दिसंबर, 2019 से 30 नवंबर, 2020 तक इथेनॉल आपूर्ति वर्ष के दौरान आगामी चीनी उत्पादन मौसम 2019-20 के लिये EPB कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कच्चे मालों से निर्मित इथेनॉल की उच्च कीमत तय करने को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
EPB कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न कच्चे मालों से निर्मित इथेनॉल की उच्च कीमत तय करने के मामले में निम्नलिखित को मंज़ूरी दी गई है:
- सी-टाइप भारी शीरे (C Heavy Molasses) से प्राप्त इथेनॉल की कीमत 43.75 रुपए प्रतिलीटर होगी जो पहले 43.46 रुपए प्रतिलीटर थी।
- बी-टाइप भारी शीरे (B Heavy Molasses) से प्राप्त इथेनॉल की कीमत 54.27 रुपए प्रतिलीटर होगी जो पहले 52.43 रुपए प्रतिलीटर थी।
- गन्ने के रस/चीनी/चीनी के शीरे से प्राप्त इथेनॉल की कीमत 59.48 रुपए प्रतिलीटर तय की गई है।
- उपरोक्त के अलावा वस्तु एवं सेवा कर तथा परिवहन शुल्क भी देय होंगे।
- तेल कंपनियों को वास्तविक परिवहन शुल्क तय करने का सुझाव दिया गया है, ताकि लंबी दूरी तक इथेनॉल का परिवहन हतोत्साहित न हो।
तेल कंपनियों को इथेनॉल के लिये निम्न प्राथमिकता के साथ आपूर्ति जारी रखने की सलाह दी गई है-
- गन्ना रस/चीनी/चीनी का शीरा
- बी-टाइप भारी शीरा
- सी-टाइप भारी शीरा
- खराब खाद्यान्न/अन्य स्रोत।
लाभ:
- सभी डिस्टिलरी (शराब बनाने का स्थान) इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और उनमें से कई EBP कार्यक्रम के लिये इथेनॉल की आपूर्ति भी कर सकते हैं।
- इथेनॉल आपूर्तिकर्त्ताओं को लाभकारी कीमत मिलने से गन्ना किसानों की बकाया राशि चुकाने में मदद मिलेगी।
- यह प्रक्रिया गन्ना किसानों की समस्या को कम करने में योगदान देगी।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (Ethanol Blended Petrol-EBP) कार्यक्रम
- भारत सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (Ethanol Blended Petrol-EBP) कार्यक्रम वर्ष 2003 में लागू किया था। इसके ज़रिये पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण कर पर्यावरण को जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाना तथा कच्चे तेल के आयात को कम कर विदेशी मुद्रा बचाना है।
- EBP कार्यक्रम के तहत तेल कंपनियों द्वारा अधिकतम 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री की जाती है।
- 1 अप्रैल, 2019 से केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूह को छोड़कर पूरे भारत में इस कार्यक्रम को विस्तारित किया गया है, ताकि वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधनों के इस्तेमाल को बढ़ावा मिले।
- इस क्रियाकलाप से ऊर्जा संबंधी ज़रूरतों के लिये आयात पर निर्भरता घटेगी और कृषि क्षेत्र को बल मिलेगा।
इथेनॉल की कीमत का निर्धारण
- सरकार वर्ष 2014 से इथेनॉल की निर्धारित कीमत अधिसूचित करती रही है।
- पहली बार वर्ष 2018 के दौरान, सरकार द्वारा इथेनॉल के उत्पादन के लिये व्यवहृत कच्चे माल के आधार पर इथेनॉल की कीमत घोषित की गई थी।
- इन निर्णयों से इथेनॉल की आपूर्ति में महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ है। परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 के 38 करोड़ लीटर से बढ़कर वर्ष 2018-19 में अनुमानित 200 करोड़ लीटर से अधिक हो गई है।