वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण की राष्ट्रीय पीठ (GSTAT) के गठन को मंज़ूरी | 24 Jan 2019
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण की राष्ट्रीय पीठ (National Bench of the Goods and Services Tax Appellate Tribunal-GSTAT) के गठन को मंज़ूरी दे दी है।
- अपीलीय अधिकरण (Appellate Tribunal) की राष्ट्रीय पीठ नई दिल्ली में स्थित होगी। GSTAT की अध्यक्षता इसके अध्यक्ष द्वारा की जाएगी एवं इसमें एक तकनीकी सदस्य (केंद्र) और एक तकनीकी सदस्य (राज्य) शामिल होंगे।
- GSTAT की राष्ट्रीय पीठ (National Bench) के गठन पर एकमुश्त व्यय 92.50 लाख रुपए होगा, जबकि आवर्ती व्यय (Recurring Expenditure) सालाना 6.86 करोड़ रुपए होगा।
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण
- वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण, GST कानूनों में दूसरी अपील करने के लिये एक मंच है और केंद्र एवं राज्यों के बीच विवाद समाधान का प्रथम सार्वजनिक मंच है।
- केंद्र और राज्य, वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत अपीलीय प्राधिकरणों (Appellate Authorities) द्वारा जारी प्रथम अपीलों में दिये गए आदेशों के विरुद्ध अपील, GST अपीलीय अधिकरण के समक्ष दाखिल होती है जो कि केंद्र तथा राज्य GST अधिनियमों (State GST Acts) के अंतर्गत एक है।
प्रभाव
- सार्वजनिक मंच होने के कारण GST अपीलीय अधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि GST के अंतर्गत उत्पन्न विवादों के समाधान में एकरूपता आए और इस प्रकार समूचे देश में GST को समान रूप से कार्यान्वित किया जा सकेगा।
क्या कहता है केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम?
- केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम (CGST Act) के अध्याय XVIII में GST प्रशासन (GST Regime) के अंतर्गत विवाद समाधान हेतु अपीलीय और समीक्षा तंत्र की व्यवस्था (Appeal and Review Mechanism) की गई है।
- केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 109 केंद्रीय सरकार को यह शक्ति प्रदान करती है कि वह परिषद की सिफारिश पर अधिसूचना जारी करेगा और सिफारिश में विनिर्दिष्ट तारीख से प्रभावी बनाते हुए वस्तु एवं सेवा कर अपील के रूप में पारित किये गए आदेशों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई करेगा।
GST पृष्ठभूमि
- ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर 1 जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। 1 जुलाई, 2018 को GST लागू किये जाने के एक वर्ष पूरा होने पर भारत सरकार द्वारा इस दिन को GST दिवस के रूप में मनाया गया था।
- GST एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे भारत को एकीकृत साझा बाज़ार बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
- यह निर्माता से लेकर उपभोक्ताओं तक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर लगने वाला एकल कर है।
- यह 122वाँ संविधान संशोधन विधेयक था जिसे राज्यसभा द्वारा 3 अगस्त, 2016 और लोकसभा द्वारा 6 अगस्त, 2016 को पारित किया गया था।
- राज्यों के अनुसमर्थन के पश्चात् 8 सितंबर, 2016 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद इसे संविधान (101वाँ संशोधन) अधिनियम, 2016 के रूप में अधिनियमित किया गया।
- 29 मार्च, 2017 को लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित चार विधेयक विचारार्थ एवं पारित करने हेतु पेश किये गए।
♦ केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2017
♦ एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर, 2017
♦ संघ शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2017
♦ GST (राज्यों की क्षतिपूर्ति) विधेयक, 2017
- ये सभी विधेयक लोकसभा ने 29 मार्च, 2017 को और राज्यसभा ने 6 अप्रैल, 2017 को पारित कर दिये।
GST परिषद
- संविधान में नया अनुच्छेद 279A जोड़कर GST परिषद के गठन का प्रावधान किया गया। इसके तहत 12 सितंबर, 2016 को GST परिषद के गठन की अधिसूचना जारी की गई थी।
- इस परिषद का अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री होता है तथा केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त राजस्व के प्रभारी) एवं राज्यों के वित्त या कर मंत्री या वे जिन्हें नामित राज्य शामिल करें, सदस्य के रूप में शामिल होते हैं।
- यह परिषद संघ/राज्य/क्षेत्रीय निकाय द्वारा लगाए जाने वाले करों, उपकरों तथा अधिभारों के GST में सम्मिलन या छूट के संदर्भ में सिफारिशें देती है।
- यह GST से संबंधित मानकों का निर्धारण करती है।