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जैव विविधता और पर्यावरण

पश्चिमी घाट में  तितली का सर्वेक्षण

  • 14 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

वायनाड वन्यजीव अभयारण्य,  चिनार वन्यजीव अभयारण्य, संकेतक प्रजाति  

मेन्स के लिये:

जैव-विविधता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में केरल सरकार ने पश्चिमी घाट में स्थित वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और चिनार वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्र में तितली सर्वेक्षण किया है।

प्रमुख बिंदु

  • सर्वेक्षण का उद्देश्य पश्चिमी घाट के वन क्षेत्रों में तितली की विविधता (Butterfly Diversity) का आकलन करना है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होती है। यह सर्वेक्षण दक्षिण भारत के मैदानी इलाकों से पश्चिमी घाट क्षेत्रों में वार्षिक तितली प्रवास के साथ मेल खाता (Coincide) है।
  • तितली एक संकेतक प्रजाति है, इसलिये इस प्रकार का सर्वेक्षण पारिस्थितिकी पर जलवायु परिवर्तन के अंतर्संबंध और प्रभावों का अध्ययन करने में मदद करेगा।
  • एक संकेतक प्रजाति (Indicator Species) पारिस्थितिकी तंत्र की समग्र स्थिति और उस पारिस्थितिकी तंत्र में अन्य प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। ये पर्यावरणीय परिस्थितियों के साथ-साथ सामुदायिक संरचना के पहलुओं की गुणवत्ता और परिवर्तनों को दर्शाती हैं।

मुख्य निष्कर्ष:

  • सर्वेक्षण से ज्ञात होता है कि इस क्षेत्र में तितलियों की 191 प्रजातियाँ हैं, जिनमें से 12 इस क्षेत्र की स्थानिक (Endemic) हैं। 
  • सर्वेक्षण में तितलियों की दुर्लभ ‘सिल्वर फॉरगेट मी नॉट’ (Silver Forget Me Not), ‘कॉमन थ्री रिंग’ (Common Three Ring,) और ‘ब्राउन ओनीक्स’ (Brown Onyx) जैसी प्रजातियाँ देखी गईं।
  • वन क्षेत्रों में तितलियों की बहुत कम विविधता पाई गई है, इसका कारण कि यहाँ पर सेना स्पेक्ट्बिल्स (Senna Spectabilis) जैसे आक्रामक विदेशी पौधे पाए जाते हैं। सेना स्पेक्टबिल्स जैसे  आक्रामक विदेशी पौधे तितलियों के कई मेजबान पौधों के विकास को प्रभावित करते हैं।

वायनाड वन्यजीव अभयारण्य
Wayanad Wildlife sanctuary- WWS)

  • यह मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, मुकुर्ती राष्ट्रीय उद्यान और शांत घाटी के साथ नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है।
  • इसकी भौगोलिक अवस्थिति इसलिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्तर-पूर्वी भाग में कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिज़र्व और नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान जैसे अन्य संरक्षित क्षेत्रों के साथ दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु का मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व को पारिस्थितिक और भौगोलिक निरंतरता (Ecological And Geographic Continuity) प्रदान करता है।
  • इस अभयारण्य में विश्व की एशियाई हाथियों (Asiatic Elephant) की सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है।
  • वायनाड ज़िले में काबिनी और उसकी तीन सहायक नदियाँ (पनामारम, मनंथावादि और कालिंदी) प्रवाहित होती हैं।
  • केरल की पूर्वी भाग में प्रवाहित होने वाली काबिनी कावेरी नदी की महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है।

चिनार वन्यजीव अभयारण्य 
(Chinnar Wildlife Sanctuary- CWS)

  • यह केरल राज्य के 13 अभयारण्यों में से एक है और केरल के इड्डकी ज़िले में अन्नामलाई पहाड़ी (Annamalai Hill) के पास स्थित है।
  • यह इराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान (Eravikulam National Park) के क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

स्रोत: द हिंदू

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