भारतीय अर्थव्यवस्था
बजट 2022-23: उत्पादकता वृद्धि और निवेश, उदीयमान अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्रवाई
- 02 Feb 2022
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प्रिलिम्स के लिये:बजट से संबंधित संवैधानिक प्रावधान, विभिन्न सरकारी हस्तक्षेप जैसे C-PACE, AVGC आदि। मेन्स के लिये:ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (EODB) और ईज़ ऑफ लिविंग, एनर्जी ट्रांज़िशन एंड क्लाइमेट एक्शन के लिये प्रस्ताव। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया।
- प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है 'उत्पादकता बढ़ाना एवं निवेश, उदीयमान अवसर, ऊर्जा के स्वरूप में बदलाव और जलवायु कार्रवाई'।
- इसका उद्देश्य जीवन और व्यवसाय में सुगमता (Ease Of Living and Doing Business) सुनिश्चित करना तथा अमृत काल के दौरान ऊर्जा संक्रमण एवं जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को प्राप्त करना है।
बजट किस तरह से जीवन और व्यवसाय सुगमता को बढ़ावा देता है?
- जीवन और व्यवसाय सुगमता का अगला चरण:
- हाल के वर्षों में 25,000 से अधिक अनुपालन कम किये गए थे तथा 1486 केंद्रीय कानूनों को निरस्त कर दिया गया था, जो 'न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन' एवं ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (EODB) का परिणाम था।
- अमृत काल के लिये व्यवसाय सुगमता 2.0 (EODB 2.0) और जीवन सुगमता (ईज़ ऑफ लिविंग) का अगला चरण शुरू किया जाएगा।
- EODB 2.0 में मैनुअल प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण, केंद्रीय और राज्य स्तरीय प्रणालियों का एकीकरण, सभी नागरिक-केंद्रित सेवाओं के लिये एकल-बिंदु पहुँच तथा मानकीकरण एवं अतिव्यापी अनुपालन आवश्यकताओं को हटाने की आवश्यकता होगी।
- सरकार 'विश्वास आधारित शासन' के विचार का पालन करेगी।
- ग्रीन क्लियरेंस/हरित मंज़ूरी: सभी प्रकार के ‘ग्रीन क्लियरेंस’ के लिये सिंगल विंडो पोर्टल- ‘परिवेश’ (PARIVESH) जिसे 2018 में लॉन्च किया गया, का विस्तार किया गया है।
- ई-पासपोर्ट: एम्बेडेड चिप और फ्यूचरिस्टिक तकनीक वाले ई-पासपोर्ट शुरू किये जाएंगे।
- शहरी विकास: शहरी क्षेत्र की नीतियों, क्षमता निर्माण, योजना, कार्यान्वयन और शासन पर सिफारिशें करने हेतु प्रतिष्ठित शहरी योजनाकारों, शहरी अर्थशास्त्रियों एवं संस्थानों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।
- शहरी नियोजन:
- भवन संबंधी उप-नियमों का आधुनिकीकरण, टाउन प्लानिंग स्कीम (TPS) और ‘ट्रांज़िट ओरिएंटेड डेवलपमेंट’ (TOD) लागू किया जाएगा।
- शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने हेतु बैटरी स्वैपिंग नीति लाई जाएगी।
- भूमि अभिलेख प्रबंधन:
- भूमि अभिलेखों के आईटी आधारित प्रबंधन हेतु विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या।
- अनुसूची VIII की किसी भी भाषा में भूमि अभिलेखों के ‘लिप्यंतरण’ (Transliteration ) की सुविधा भी शुरू की जाएगी।
- राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (NGDRS) के साथ 'एक राष्ट्र एक पंजीकरण सॉफ्टवेयर' को पंजीकरण के लिये एक समान प्रक्रिया एवं विलेखों तथा दस्तावेज़ों के 'कहीं भी पंजीकरण' के विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
- सीमा पार दिवाला समाधान की सुविधा हेतु दिवाला और दिवालियापन संहिता में संशोधन।
- त्वरित कॉर्पोरेट निकासी: कंपनियों के स्वैच्छिक समापन की अवधि को वर्तमान में आवश्यक 2 वर्ष से कम करके 6 माह करने और प्रक्रिया में तीव्रता लाने हेतु ‘सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सेलरेटेड कॉर्पोरेट एग्ज़िट’ (C-PACE) का गठन किया जाएगा।
- सरकारी खरीद: पारदर्शिता बढ़ाने और भुगतान में देरी को कम करने के लिये सभी केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा खरीद में उपयोग हेतु पूरी तरह से पेपरलेस, एंड-टू-एंड ऑनलाइन ई-बिल सिस्टम शुरू किया जाएगा।
- एवीजीसी प्रमोशन टास्क फोर्स: इस क्षेत्र की क्षमता का उपयोग करने के लिये एक एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) प्रमोशन टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
- दूरसंचार क्षेत्र: उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के हिस्से के रूप में 5G के लिये मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने हेतु एक विनिर्माण योजना शुरू की जाएगी।
- निर्यात प्रोत्साहन: विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम को एक नए कानून से बदल दिया जाएगा जो राज्यों को 'उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास' में भागीदार बनने में सक्षम करेगा।
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता:
- वर्ष 2022-23 में कुल पूंजी खरीद बजट का 68 फीसदी घरेलू उद्योग के लिये रखा जाएगा, जो 2021-22 में 58 फीसदी था।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25% रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट के साथ उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षाविदों के लिये खोला जाएगा।
- परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये स्वतंत्र नोडल ‘अम्ब्रेला निकाय’ की स्थापना की जाएगी।
- उदीयमान अवसर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भू-स्थानिक प्रणालियों और ड्रोन, सेमीकंडक्टर तथा इसका इकोसिस्टम, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जीनोमिक्स एवं फार्मास्युटिकल्स, हरित व स्वच्छ ऊर्जा आवागमन प्रणालियों में बड़े पैमाने पर सतत् विकास में सहायता करने और देश के आधुनिकीकरण की अपार संभावनाएँ हैं।
बजट ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्रवाई को कैसे बढ़ावा देता है?
- सौर क्षमता:
- वर्ष 2030 तक संस्थापित सौर क्षमता के 280 GW के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य हेतु घरेलू उत्पादन को सुविधा प्रदान कर सौर पीवी मॉड्यूलों के लिये पॉलीसिलिकॉन से पूर्णत: समेकित उत्पादन इकाइयों को प्राथमिकता के साथ उच्च प्रभावी मॉड्यूलों के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन हेतु 19,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।
- सर्कुलर इकाॅनमी:
- सर्कुलर इकाॅनमी (Circular Economy) ट्रांज़िशन से उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ नए व्यवसायों और नौकरियों के लिये अधिक अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है।
- दस क्षेत्रों जैसे- इलेक्ट्रॉनिक कचरा, वाहन, प्रयुक्त तेल अपशिष्ट तथा ज़हरीले और खतरनाक औद्योगिक अपशिष्ट हेतु कार्य योजना तैयार है।
- कार्बन तटस्थ अर्थव्यवस्था की दिशा में संक्रमण
- 5 से 7 प्रतिशत बायोमास पेलेट्स (Biomass Pellets) को थर्मल पावर प्लांटों में जलाया जाएगा जिससे प्रतिवर्ष 38 एमएमटी कार्बन डाईऑक्साइड की बचत होगी।
- इससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी और स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे तथा खेतों में पराली को जलाने को भी रोका जा सकेगा।
- कोयला गैसीकरण (Coal Gasification) और उद्योग के लिये आवश्यक रसायनों में कोयले के रूपांतरण हेतु चार पायलट परियोजनाएंँ स्थापित की जाएंगी।
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उन किसानों को वित्तीय सहायता देना जो कृषि वानिकी (Agro-Forestry) को अपनाना चाहते हैं।
- 5 से 7 प्रतिशत बायोमास पेलेट्स (Biomass Pellets) को थर्मल पावर प्लांटों में जलाया जाएगा जिससे प्रतिवर्ष 38 एमएमटी कार्बन डाईऑक्साइड की बचत होगी।