बजट 2022-23: पीएम गतिशक्ति | 02 Feb 2022
प्रिलिम्स के लिये:बजट से संबंधित संवैधानिक प्रावधान, पीएम गतिशक्ति, इसकी विशेषताएँ और घटक। मेन्स के लिये:पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और संबंधित चिंताएँ। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया।
- बजट 2022-23 का यह खंड 'पीएम गतिशक्ति' से जुड़े प्रस्तावों से संबंधित है।
क्या है पीएम गतिशक्ति?
- परिचय:
- अक्तूबर 2021 में शुरू की गई मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिये ‘पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की समन्वित योजना एवं निष्पादन के उद्देश्य से शुरू की गई एक पहल है। इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना है।
- ‘गतिशक्ति’ एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो एकीकृत नियोजन एवं कार्यान्वयन हेतु रेलवे और रोडवेज़ सहित 16 मंत्रालयों की विकास परियोजनाओं को एक साथ लाता है।
- लॉन्च होने पर ‘गतिशक्ति योजना’ ने वर्ष 2019 में घोषित 110 लाख करोड़ रुपए की ‘राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन’ को अपने साथ शामिल कर लिया।
- बजट 2022-23 हेतु फोकस क्षेत्र:
- इसके दायरे में आर्थिक परिवर्तन के सात इंजन (सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद अवसंरचना) शामिल होंगे।
- इसमें गतिशक्ति मास्टर प्लान के अनुसार, राज्य सरकारों द्वारा विकसित बुनियादी ढाँचा भी शामिल होगा।
- मास्टर प्लान की विशेषता विश्वस्तरीय आधुनिक अवसंरचना और लोगों एवं वस्तुओं दोनों के आवागमन के विभिन्न माध्यमों तथा परियोजनाओं की अवस्थिति के बीच लॉजिस्टिक समन्वय स्थापित करना होगा।
‘पीएम गतिशक्ति’ हेतु प्रमुख प्रस्ताव:
- सड़क परिवहन:
- वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में एक्सप्रेस मार्ग के लिये पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान का प्रतिपादन किया जाएगा ताकि लोगों और वस्तुओं का अधिक तेज़ी से आवागमन हो सके।
- वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा।
- वस्तु और लोगों का निर्बाध बहु-आयामी आवागमन:
- सभी माध्यमों के ऑपरेटरों को डेटा एक्सचेंज, एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के लिये अभिकल्पित ‘इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म’ (यूएलआईपी) पर लाया जाएगा।
- इससे सभी हितधारकों को रियल टाइम सूचना उपलब्ध होगी और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा में सुधार होगा।
- यात्रियों की निर्बाध यात्रा हेतु समान को लाने एवं ले जाने के लिये ‘खुले स्रोत की सुविधा’ भी दी जाएगी।
- सभी माध्यमों के ऑपरेटरों को डेटा एक्सचेंज, एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के लिये अभिकल्पित ‘इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म’ (यूएलआईपी) पर लाया जाएगा।
- मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क:
- वर्ष 2022-23 में पीपीपी पद्धति में चार स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क को आरंभ करने के लिये अनुबंध किया जाएगा।
- रेलवे:
- रेलवे पार्सलों की निर्बाध आवाज़ाही की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये डाक और रेलवे को जोड़ने में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ-साथ छोटे किसानों तथा लघु एवं मध्यम उद्यमों हेतु नए उत्पाद और कार्यकुशल लॉजिस्टिक सेवाएँ विकसित करेगा
- स्थानीय कारोबार तथा आपूर्ति शृंखला में वृद्धि करने के लिये ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
- आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 2,000 किलोमीटर के नेटवर्क को कवच के अंतर्गत लाया जाएगा जो कि सुरक्षा और क्षमता संवर्द्धन के लिये विश्व स्तर की स्वदेशी प्रौद्योगिकी है।
- अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत रेलगाड़ियों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा जो कि ऊर्जा क्षमता और यात्रियों के सुखद अनुभव की दृष्टि से बेहतर होंगी।
- अगले तीन वर्षों के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिये 100 PM गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किये जाएंगे।
- रेलवे संपर्क सहित सार्वजनिक शहरी परिवहन:
- बड़े पैमाने पर यथोचित प्रकार के मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिये वित्तपोषण और इनके तीव्र कियान्वयन के नए तरीकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- बड़े पैमाने पर शहरी परिवहन और रेलवे स्टेशनों के बीच मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता के आधार पर सुगम बनाया जाएगा।
- पर्वतमाला: राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम:
- दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के विकल्प के रूप में पीपीपी मोड के अंतर्गत एक राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा।
- इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा यात्रियों के लिये कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करना है।
- इसमें सघन आबादी वाले ऐसे शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा जहाँ परंपरागत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था संभव नहीं है।
- दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के विकल्प के रूप में पीपीपी मोड के अंतर्गत एक राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा।
- अवसंरचना परियोजना के लिये क्षमता निर्माण:
- क्षमता निर्माण आयोग की तकनीकी सहायता से केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उनकी इन्फ्रा एजेंसियों की कार्य क्षमता में सुधार किया जाएगा।
- इससे पीएम गतिशक्ति अवसंरचना परियोजनाओं के नियोजन, डिज़ाइन, फाइनेंसिंग और क्रियान्वयन प्रबंधन क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।