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जैव विविधता और पर्यावरण

बॉन जलवायु सत्र

  • 21 Jun 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बॉन जलवायु सत्र, पेरिस समझौता, COP 28, UNFCCC, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल स्टॉकटेक

मेन्स के लिये:

बॉन जलवायु सत्र

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में पेरिस समझौते के प्रतिनिधियों ने जर्मनी स्थित बॉन में एक सत्र का आयोजन किया, इसमें वर्ष 2023 में दुबई में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP 28) को लेकर कुछ प्रमुख निर्णय लिये गए।

  • दुबई में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP 28) को बॉन सत्र के अंत में साझा किये गए "अनौपचारिक नोट" द्वारा निर्देशित किया जाएगा। 

सत्र के प्रमुख बिंदु: 

  • ग्लोबल स्टॉकटेक: 
    • ग्लोबल स्टॉकटेक पर तकनीकी चर्चा में स्टॉकटेक अभ्यास में शामिल किये जाने वाले तत्त्वों की एक संक्षिप्त रूपरेखा तैयार की गई।
    • ग्लोबल स्टॉकटेक वर्ष 2015 के पेरिस समझौते द्वारा अनिवार्य की गई एक प्रक्रिया है, यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने हेतु उपायों का मूल्यांकन करती है और फंडिंग गैप/वित्तीयन अंतर को भरने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को मज़बूत करने हेतु रणनीतियाँ तैयार करती है।
      • पेरिस समझौते के अनुसार, वर्ष 2023 से GST की बैठक प्रत्येक पाँच वर्ष में होनी चाहिये। GST को लेकर वास्तविक बैठक COP28 में होगी।

  • वर्ष 2030 के बाद की महत्त्वाकांक्षा को आगे बढ़ाना: 
    • पार्टियों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने बैठक का उपयोग वर्ष 2030 के बाद की महत्त्वाकांक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिये किया है जो विशेष रूप से ग्लोबल स्टॉकटेक पर काम को आगे बढ़ाने पर केंद्रित थी।
    • यह विकासशील देशों के लिये जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अपनाने तथा वित्तीय एवं तकनीकी संसाधन जुटाने के प्रयासों को सुदृढ़ करना चाहता है। 
  • हानि और क्षति के लिये धन की व्यवस्था:
    • जलवायु परिवर्तन से होने वाली हानि और क्षति (L&D) को संबोधित करने हेतु संतुलित वित्तपोषण व्यवस्था को लागू करने पर चर्चा हुई विशेष रूप से कमज़ोर समुदायों के लिये।
    • सैंटियागो नेटवर्क के परिचालन में हानि और क्षति के बावजूद नेटवर्क होस्ट का मुद्दा अनसुलझा रहा।
      • सैंटियागो नेटवर्क का उद्देश्य प्रासंगिक संगठनों, निकायों, नेटवर्क और विशेषज्ञों की तकनीकी सहायता को उत्प्रेरित करना है जो विकासशील देशों में स्थानीय, राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर हानि तथा  क्षति को टालने, कम करने तथा संबोधित करने में प्रासंगिक दृष्टिकोणों के कार्यान्वयन हेतु विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव के कारण कमज़ोर हैं। 
  • जलवायु वित्त संरेखण:
    • यूरोपीय संघ पेरिस समझौते के लक्ष्यों के साथ वैश्विक वित्तीय प्रवाहों को संरेखित करने की आवश्यकता पर बल देता है।
    • इसमें दाताओं के पूल की जाँच करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि वित्तीय सहायता का पैमाना जलवायु संकट को दूर करने की आवश्यकताओं से मेल खाता हो।
    • यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों ने COP28 में जलवायु वित्त को संबोधित करने के महत्त्व पर बल दिया।
  • वर्ष 2025 के बाद का जलवायु वित्त लक्ष्य और धन की व्यवस्था:
    • वर्ष 2025 के बाद के जलवायु वित्त लक्ष्य में हानि और क्षति के लिये फंड सहित धन की व्यवस्था के संबंध में तकनीकी विशेषज्ञ संवादों में रचनात्मक एवं ठोस चर्चा हुई।
  • अनुकूलन की तत्परता: 
    • यूरोपीय संघ सहित विकसित देश अनुकूलन आवश्यकताओं को संबोधित करने को तात्कालिक रूप से स्वीकार करते हैं।
    • वे कमज़ोर समुदायों की सहायता करने में प्रमाणित अनुभव और विशेषज्ञता के साथ वर्तमान व्यवस्थाओं एवं संस्थानों को मज़बूत करके समर्थन बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध हैं।

कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP):

  • यह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) सम्मेलन का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।
  • प्रत्येक वर्ष COP की बैठक संपन्न होती  है, COP की पहली बैठक मार्च 1995 में जर्मनी के बर्लिन में आयोजित की गई थी।
  • यदि कोई पार्टी सत्र की मेज़बानी करने की पेशकश नहीं करती है तो COP का आयोजन बॉन, जर्मनी में (सचिवालय) में किया जाता है। 
  • COP अध्यक्ष का कार्यकाल सामान्यतः पांँच संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय समूहों के मध्य निर्धारित किया जाता  है जिनमें - अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन, मध्य और पूर्वी यूरोप तथा पश्चिमी यूरोप शामिल हैं।
  • COP का अध्यक्ष आमतौर पर देश का पर्यावरण मंत्री होता है जिसे COP सत्र के उद्घाटन के तुरंत बाद चुना जाता है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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