अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-जापान द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग
- 27 May 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत-जापान संबंध, क्वाड समूह। मेन्स के लिये:द्विपक्षीय समूह और समझौते। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और जापान रक्षा विनिर्माण सहित द्विपक्षीय सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने हेतु सहमत हुए।
बैठक की मुख्य बातें:
- दोनों पक्षों को अगले पांँच वर्षों में जापान से भारत में सार्वजनिक एवं निजी निवेश तथा वित्तपोषण हेतु 5 ट्रिलियन येन के अपने निर्णय को क्रियान्वित करने के लिये संयुक्त रूप से काम करना चाहिये।
- भारत ने 'गति शक्ति' पहल के माध्यम से व्यापार करने में आसानी और रसद में सुधार के लिये उठाए गए कदमों पर ज़ोर दिया तथा जापान से भारत में जापानी निवेश में वृद्धि हेतु आग्रह किया।
- इस तरह के निवेश लचीली आपूर्तिृ शृंखला बनाने में मदद करेंगे और पारस्परिक रूप से फायदेमंद होंगे।
- भारत ने इस बात की सराहना की कि जापानी कंपनियांँ भारत में अपना निवेश बढ़ा रही हैं और 24 जापानी कंपनियों ने विभिन्न उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजनाओ के तहत सफलतापूर्वक आवेदन किया है।
- दोनों देशों ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के कार्यान्वयन में प्रगति को देखा तथा इस परियोजना के लिये ऋण की तीसरी किश्त केे आदान-प्रदान पत्र पर हस्ताक्षर किये।
- अगली पीढ़ी की संचार प्रौद्योगिकियों के विकास में दोनों पक्षों में निजी क्षेत्रों के बीच अधिक सहयोग को प्रोत्साहित करने पर सहमति हुई।
- साथ ही वे हरित हाइड्रोजन सहित स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
- विनिर्दिष्ट कुशल कामगार (SSW) कार्यक्रम के कार्यान्वयन में हुई प्रगति पर ध्यान दिया गया तथा लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिये इस कार्यक्रम को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
- दोनों ही इस बात से सहमत हैं कि भारत-जापान एक्ट ईस्ट फोरम भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने में उपयोगी रहा।
भारत और जापान के बीच अन्य हालिया घटनाक्रम:
- मार्च 2022 में जापान के प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच होने वाले 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिये भारत की आधिकारिक यात्रा की थी।
- इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री ने गुजरात में अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन (AMA) में एक जापानी 'ज़ेन गार्डन - काइज़न अकादमी' का उद्घाटन किया।
- भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया द्वारा हाल ही में चीन के आक्रामक राजनीतिक एवं सैन्य व्यवहार के मद्देनज़र चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिये एक त्रिपक्षीय ‘सप्लाई चेन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव’ (SCRI) शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
- वर्ष 2020 में भारत और जापान ने एक रसद समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जो दोनों देशों के सशस्त्र बलों को सेवाओं और आपूर्ति में समन्वय स्थापित करने की अनुमति देगा। इस समझौते को ‘अधिग्रहण और क्रॉस-सर्विसिंग समझौते’ (ACSA) के रूप में जाना जाता है।
- वर्ष 2014 में भारत और जापान ने 'विशेष रणनीतिक व वैश्विक भागीदारी' के क्षेत्र में अपने संबंधों को उन्नत किया था।
- अगस्त 2011 में लागू ‘भारत-जापान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता’ (CEPA) वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं तथा व्यापार से संबंधित अन्य मुद्दों को शामिल करता है।
- जापान, भारत का 12वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है तथा दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा के मामले में भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार का सिर्फ पाँचवाँ हिस्सा है।
- रक्षा अभ्यास: भारत और जापान के रक्षा बल द्विपक्षीय अभ्यासों की ्शृंखला आयोजित करते हैं, जैसे कि जिमेक्स (नौसेना), शिन्यू मैत्री (वायुसेना) और अभ्यास धर्म गार्जियन आदि। दोनों देश संयुक्त राज्य अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ मालाबार अभ्यास (नौसेना अभ्यास) में भी भाग लेते हैं।
- भारत और जापान दोनों ही क्वाड, जी20 और जी-4 के सदस्य हैं।
- वे अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) के सदस्य देश भी हैं।
आगे की राह
- मेक इन इंडिया में अपार संभवनाएँ विद्यमान हैं। जापानी डिजिटल प्रौद्योगिकी को भारतीय कच्चे माल और श्रम के साथ संयोजित करके संयुक्त उद्यमों की स्थापना जा सकती है।
- भौतिक और साथ ही डिजिटल स्पेस में एशिया तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती भूमिका का मुकाबला करने के लिये घनिष्ठ सहयोग सबसे अच्छा उपाय है।
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