जैव विविधता और पर्यावरण
एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध
- 21 Jun 2022
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:एकल-उपयोग प्लास्टिक, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016, सीपीसीबी, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986। मेन्स के लिये:प्लास्टिक अपशिष्ट प्रदूषण और प्रबंधन, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, संरक्षण। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, केंद्र सरकार ने एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं की एक सूची को तैयार किया है जिन्हें 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
- 1 जुलाई, 2022 से पॉलीस्टीरीन और विस्तारित पॉलीस्टीरीन सहित अधिसूचित एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग प्रतिबंधित होगा।
एकल उपयोग प्लास्टिक:
- परिचय:
- यह उन प्लास्टिक वस्तुओं को संदर्भित करता है जिन्हें एक बार उपयोग किया जाता है और फेंक दिया जाता है।
- निर्मित और प्रयुक्त प्लास्टिक के उच्चतम शेयर:
- एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद जैसे- प्लास्टिक की थैलियाँ, स्ट्रॉ, कॉफी बैग, सोडा और पानी की बोतलें तथा अधिकांशतः खाद्य पैकेजिंग के लिये प्रयुक्त होने वाला प्लास्टिक।
- दुनिया भर में उत्पादित प्लास्टिक का एक तिहाई हिस्सा है:
- एक ऑस्ट्रेलियाई परोपकारी संगठन, मिंडेरू फाउंडेशन की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का वैश्विक उत्पादन में एक तिहाई हिस्सा होता है, जिसमें 98% जीवाश्म ईंधन से निर्मित होता है।
- प्लास्टिक का अधिकांशतः छोड़ दिया जाता है:
- एकल उपयोग वाले प्लास्टिक वर्ष 2019 में वैश्विक स्तर पर 130 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक अधिकांश कचरे के लिये ज़िम्मेदार है, जिसमें से सभी को जला दिया जाता है, लैंडफिल कर दिया जाता है या सीधे पर्यावरण में छोड़ दिया जाता है।
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान:
- उत्पादन के वर्तमान प्रक्षेपवक्र पर, यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2050 तक एकल-उपयोग प्लास्टिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 5-10% के लिये ज़िम्मेदार हो सकता है।
- भारत के लिये डेटा:
- रिपोर्ट में पाया गया कि भारत एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन के शीर्ष 100 देशों में शामिल है - रैंक 94 (शीर्ष तीन सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और ओमान) है।
- सालाना 11.8 मिलियन मीट्रिक टन के घरेलू उत्पादन और 2.9 MMT आयात के साथ, भारत का एकल उपयोग प्लास्टिक कचरे का शुद्ध उत्पादन 5.6 MMT और प्रति व्यक्ति उत्पादन 4 किलो है।
चुनाव का आधार:
- प्रतिबंध के लिये एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं के पहले सेट का चुनाव संग्रह की कठिनाई और उनके रीसाइक्लिंग पर आधारित था।
- जब प्लास्टिक लंबे समय तक पर्यावरण में उपस्थित रहता है और अपघटित नहीं है तो यह माइक्रोप्लास्टिक में परिवर्तित हो जाता है। उसके बाद पहले यह हमारे खाद्य स्रोतों और फिर मानव शरीर में प्रवेश करता है, तथा यह बेहद हानिकारक है।
- एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक का सबसे बड़ा हिस्सा पैकेज़िग का है इस श्रेणी से संबंधित 95% टूथपेस्ट से लेकर शेविंग क्रीम तथा फ्रोजन फूड तक में उपयोग होता है।
- चुनी गई वस्तुएंँ कम मूल्य की और कम टर्नओवर वाली हैं और उनके बड़े आर्थिक प्रभाव की संभावना नहीं है।
प्रतिबंध लागू होने की प्रक्रिया:
- निगरानी द्वारा:
- केंद्र से सीपीसीबी और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCBs) द्वारा प्रतिबंध की निगरानी की जाएगी जो नियमित रूप से केंद्र को रिपोर्ट करेंगे।
- जारी दिशा-निर्देश:
- राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर निर्देश जारी किये गए हैं- उदाहरण के लिये सभी पेट्रोकेमिकल उद्योगों को प्रतिबंधित वस्तुओं में लगे उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति नहीं करने के लिये कहा गया है।
- SPCBs और प्रदूषण नियंत्रण समितियों को एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं में लगे उद्योगों को वायु/जल अधिनियम के तहत जारी की गई सहमति को संशोधित करने या रद्द करने के निर्देश जारी किये गए हैं।
- स्थानीय अधिकारियों को इस शर्त के साथ नए वाणिज्यिक लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया गया है कि उनके परिसर में एसयूपी आइटम नहीं बेचे जाएंगे तथा मौजूदा वाणिज्यिक लाइसेंस रद्द कर दिये जाएंगे यदि वे इन वस्तुओं को बेचते पाए जाते हैं।
- कंपोस्टेबल और बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक को बढ़ावा देना:
- CPCB ने कम्पोस्टेबल प्लास्टिक के 200 निर्माताओं को एकमुश्त प्रमाण पत्र जारी किया और BIS ने बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के लिये मानकों को पारित किया।
- दंड:
- प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत दंडित किया जा सकता है - जो 5 साल तक की कैद या 1 लाख रुपये तक ज़ुर्माना या दोनों की अनुमति देता है।
- उल्लंघनकर्ताओं को APCB द्वारा पर्यावरणीय क्षति मुआवजे का भुगतान करने के लिये भी कहा जा सकता है।
- प्लास्टिक कचरे पर नगरपालिका कानून हैं, उनकी अपनी दंड संहिताएँ हैं।
एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक से निपटने के अन्य देशों के प्रयास:
- संकल्प पर हस्ताक्षर:
- वर्ष 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में भारत सहित 124 देशों ने समझौते को तैयार करने के लिये एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये, जो भविष्य में हस्ताक्षरकर्त्ताओं के लिये उत्पादन से लेकर निपटान तक प्लास्टिक के पूर्ण जीवन को संबोधित करने हेतु प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना कानूनी रूप से बाध्यकारी बना देगा।
- जुलाई 2019 तक, 68 देशों में अलग-अलग डिग्री के प्रवर्तन के साथ प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध है।
- प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने वाले देश:
- बांग्लादेश:
- बांग्लादेश वर्ष 2002 में पतले प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बना।
- न्यूज़ीलैंड:
- जुलाई 2019 में न्यूज़ीलैंड प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने वाला नवीनतम देश बन गया
- चीन:
- चीन ने वर्ष 2020 में चरणबद्ध कार्यान्वयन के साथ प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध जारी किया।
- अमेरिका:
- अमेरिका में आठ राज्यों ने एकल प्रयोग प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसकी शुरुआत 2014 में कैलिफोर्निया से हुई थी। सिएटल वर्ष 2018 में प्लास्टिक स्ट्रॉ पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला प्रमुख अमेरिकी शहर बन गया।
- यूरोपीय संघ:
- जुलाई, 2021 में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर निर्देश यूरोपीय संघ में प्रभावी हुआ।
- यह निर्देश कुछ एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाता है जिसके लिये विकल्प उपलब्ध हैं; एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक प्लेट, कटलरी, स्ट्रॉ, बैलून स्टिक और कॉटन बड्स को यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बाज़ारों में नहीं रखा जा सकता है।
- विस्तारित पॉलीस्टीरीन से बने कप, खाद्य और पेय कंटेनर और ऑक्सो-डिग्रेडेबल प्लास्टिक से बने सभी उत्पादों पर भी यही उपाय लागू होता है।
- बांग्लादेश:
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न: पर्यावरण में छोड़े जाने वाले 'माइक्रोबीड्स' को लेकर इतनी चिंता क्यों है? (2019) (a) उन्हें समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के लिये हानिकारक माना जाता है। उत्तर: (a)
अतः विकल्प (a) सही है। |