असम-मेघालय सीमा विवाद | 14 Jan 2022
प्रिलिम्स के लिये:असम-मेघालय सीमा विवाद, संविधान का अनुच्छेद 263 मेन्स के लिये:अंतर-राज्यीयसीमा विवाद और संबंधित मुद्दे तथा आगे की राह। |
चर्चा में क्यों?
21 जनवरी, 2022 में को मेघालय राज्य के 50वें स्थापना दिवस समारोह से पूर्व, गृह मंत्री द्वारा असम-मेघालय सीमा के छह क्षेत्रों में विवाद को समाप्त करने के लिये अंतिम समझौते पर मुहर लगाए जाने की उम्मीद है।
प्रमुख बिंदु
- असम-मेघालय सीमा विवाद के बारे में:
- असम और मेघालय दोनों राज्य 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। फिलहाल उनकी सीमाओं पर 12 बिंदुओं पर विवाद है।
- असम-मेघालय सीमा विवाद ऊपरी ताराबारी, गज़ांग आरक्षित वन, हाहिम, लंगपीह, बोरदुआर, बोकलापारा, नोंगवाह, मातमुर, खानापारा-पिलंगकाटा, देशदेमोराह ब्लॉक I और ब्लॉक II, खंडुली और रेटचेरा के क्षेत्रों पर हैं।
- मेघालय को असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 के तहत असम से अलग किया गया, यह कानून जिसे मेघालय द्वारा चुनौती दी गई विवाद का कारण बना।
- विवाद का प्रमुख बिंदु:
- असम और मेघालय के बीच विवाद का एक प्रमुख बिंदु असम के कामरूप ज़िले की सीमा से लगे पश्चिम गारो हिल्स में लंगपीह ज़िला है।
- लंगपीह ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान कामरूप ज़िले का हिस्सा था, लेकिन आज़ादी के बाद यह गारो हिल्स और मेघालय का हिस्सा बन गया।
- असम इसे मिकिर पहाड़ियों (असम में स्थित) का हिस्सा मानता है।
- मेघालय ने मिकिर हिल्स के ब्लॉक I और II पर सवाल उठाया है, जो अब कार्बी आंगलोंग क्षेत्र असम का हिस्सा है। मेघालय का कहना है कि ये तत्कालीन यूनाइटेड खासी और जयंतिया हिल्स ज़िलों के हिस्से थे।
- विवादों को सुलझाने के प्रयास:
- असम और मेघालय दोनों ने सीमा विवाद निपटान समितियों का गठन किया है।
- सीमा विवादों को चरणबद्ध तरीके से हल करने के लिये दो क्षेत्रीय समितियों का गठन करने का निर्णय लिया गया है और सीमा विवाद को हल करते समय पाँच पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
- वे ऐतिहासिक तथ्य, जातीयता, प्रशासनिक सुविधा, संबंधित लोगों की मनोदशा और भूमि से निकटता हैं।
- पहले चरण में छह स्थलों पर विचार किया जा रहा है। ये ताराबारी, गिजांग, हाहिम, बकलापारा, खानापारा-पिलिंगकाटा और रातचेरा हैं।
- ये विवादित क्षेत्र असम की तरफ कछार, कामरूप मेट्रो और कामरूप ग्रामीण तथा मेघालय की तरफ पश्चिम खासी हिल्स, री भोई ज़िले व पूर्वी जयंतिया हिल्स का हिस्सा हैं।
- असम और सीमा मुद्दे:
- पूर्वोत्तर के राज्य बड़े पैमाने पर असम से जुड़े हुए हैं, जिसका कई राज्यों के साथ सीमा विवाद है।
- अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के साथ असम के सीमा विवाद सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं।
- मिजोरम के साथ असम के सीमा विवाद फिलहाल बातचीत के जरिये समाधान के चरण में हैं।
- विभिन्न राज्यों के बीच अन्य सीमा विवाद:
- बेलागवी सीमा विवाद (कर्नाटक और महाराष्ट्र के मध्य)
- ओडिशा सीमा विवाद
आगे की राह
- राज्यों के बीच सीमा विवादों को वास्तविक सीमा स्थानों के उपग्रह मानचित्रण का उपयोग करके सुलझाया जा सकता है।
- अंतर्राज्यीय संवाद (Inter State Dialogues) अंतर्राज्यीय परिषद (Inter State Councils) और अधिकरण में विचार-विमर्श तथा इस प्रकार के विवादों को सुलझाने हेतु सहकारी संघवाद की भावना को अपनाने की आवश्यकता है।
- संविधान के अनुच्छेद 263 के तहत, अंतर-राज्य परिषद से विवादों की जांच और सलाह देने, सभी राज्यों के लिये सामान्य विषयों पर चर्चा करने और बेहतर नीति समन्वय के लिये सिफारिशें करने की अपेक्षा की जाती है।
- इसी तरह, प्रत्येक क्षेत्र में राज्यों के लियेए सामान्य चिंता के मामलों पर चर्चा करने हेतु क्षेत्रीय परिषदों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है- सामाजिक और आर्थिक योजना, सीमा विवाद, अंतर-राज्य परिवहन आदि से संबंधित मामले।
- भारत अनेकता में एकता का प्रतीक है। हालाँकि इस एकता को और मज़बूत करने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को सहकारी संघवाद के लोकाचार को आत्मसात करने की आवश्यकता है।