शासन व्यवस्था
ओडिशा का सीमा विवाद
- 09 Feb 2021
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मध्य तब फिर से सीमा विवाद उत्पन्न हो गया जब आंध्र प्रदेश द्वारा ओडिशा के कोरापुट ज़िले में कोटिया पंचायत (Kotia Panchayat) के तीन गाँवों में पंचायत चुनावों की घोषणा की गई।
प्रमुख बिंदु:
ओडिशा के साथ सीमा विवाद:
- ओडिशा को 1 अप्रैल, 1936 को बंगाल-बिहार-ओडिशा प्रांत से अलग किया गया था, लेकिन दोनों के मध्य अंतर-राज्य सीमा विवाद आज भी जारी है।
- ओडिशा राज्य के 30 ज़िलों में से 8 ज़िलों की पड़ोसी राज्यों के साथ सीमा विवाद की स्थिति बनी हुई है।
- 30 में से 14 ज़िले आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ सीमाएँ साझा करते हैं, हालाँकि आंध्र प्रदेश की सीमा से लगे कोरापुट ज़िले के कोटिया पंचायत के गाँवों को लेकर उत्पन्न विवाद एकमात्र प्रमुख सीमा विवाद है।
कोटिया विवाद के बारे में:
- वर्ष 1960 के बाद से कोटिया ग्राम पंचायत को लेकर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मध्य क्षेत्रीय क्षेत्रीय गतिरोध बना हुआ है। विवाद में कोटिया ग्राम पंचायत के 21 से अधिक गाँव शामिल हैं।
- कोटिया पंचायत के निवासियों को ओडिशा के कोरापुट ज़िले के पोट्टंगी ब्लॉक और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम ज़िले में सालुर ब्लॉक दोनों से लाभ प्राप्त होता है और वे अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिये दोनों ब्लॉकों पर निर्भर हैं।
आंध्र प्रदेश के साथ जल विवाद:
- वर्ष 2006 में ओडिशा ने अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद (ISRWD) अधिनियम, 1956 की धारा 3 के तहत केंद्र सरकार को अंतर्राज्यीय नदी वंसधारा (Inter-State River Vamsadhara) से संबंधित आंध्र प्रदेश के साथ चल रहे अपने जल विवादों के बारे में एक शिकायत दर्ज की।
अन्य राज्यों के साथ विवाद:
- पश्चिम बंगाल:
- ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच बालासोर ज़िले में 27 भूखंडों और ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में कुछ क्षेत्रों को लेकर विवाद है।
- मयूरभंज ज़िला अपने लौह अयस्क भंडार और छऊ नृत्य (एक आदिवासी नृत्य जिसमें नर्तकियाँ रंगीन मुखौटे पहनती हैं) के लिये जाना जाता है।
- झारखंड:
- ओडिशा और झारखंड के बीच सीमा विवाद बैतरणी नदी (Baitarani River) के मार्ग परिवर्तन के कारण उत्पन्न हुआ है।
- बैतरणी नदी ओडिशा के क्योंझर ज़िले की पहाड़ी शृंखला से निकलती है।
- यह प्रायद्वीपीय भारत के पूर्व की ओर बहती है और बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
- इस नदी के जलग्रहण क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ओडिशा राज्य में तथा ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र का एक छोटा हिस्सा झारखंड राज्य में आता है।
- ओडिशा और झारखंड के बीच सीमा विवाद बैतरणी नदी (Baitarani River) के मार्ग परिवर्तन के कारण उत्पन्न हुआ है।
- छत्तीसगढ़:
- छत्तीसगढ़ के साथ ओडिशा के नबरंगपुर और झारसुगुड़ा ज़िलों से संबंधित गाँवों का विवाद है।
- वर्ष 2018 में केंद्र सरकार द्वारा महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण (Mahanadi Water Disputes Tribunal) का गठन किया गया था।
आगे की राह:
- अंतर्राज्यीय संवाद (Inter State Dialogues) अंतर्राज्यीय परिषद (Inter State Councils) और अधिकरण में विचार-विमर्श तथा इस प्रकार के विवादों को सुलझाने हेतु सहकारी संघवाद की भावना को अपनाने की आवश्यकता है।