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एंथ्रोपोसीन युग

  • 15 Jul 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एंथ्रोपोसीन युग, एंथ्रोपोसीन वर्किंग ग्रुप, GSSP, होलोसीन युग, भू-वैज्ञानिक युग

मेन्स के लिये:

एंथ्रोपोसीन युग

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में एंथ्रोपोसीन वर्किंग ग्रुप (AWG) ने प्रस्तावित किया है कि एंथ्रोपोसीन एक नया भू-वैज्ञानिक युग है जो पृथ्वी की व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण मानव प्रभाव को दर्शाता है, यह वर्ष 1950 में शुरू हुआ।

  • AWG एक अंतःविषय अनुसंधान समूह है जो एंथ्रोपोसीन की जाँच के लिये समर्पित है।
  • यदि प्रस्ताव को आवश्यक बहुमत का समर्थन मिलता है, तो अंतर्राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक विज्ञान संघ अगस्त 2024 में आधिकारिक तौर पर नई वैश्विक सीमा स्ट्रैटोटाइप अनुभाग और बिंदु (GSSP) की पुष्टि कर सकता है।

नोट:. GSSP एक निर्दिष्ट भू-वैज्ञानिक संदर्भ बिंदु है जो दो भू-वैज्ञानिक समय इकाइयों के बीच की सीमा को चिह्नित करता है। यह पृथ्वी के इतिहास में विभिन्न अवधियों को परिभाषित करने और सह-संबंधित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहमत मानक के रूप में कार्य करता है। भू-वैज्ञानिक समय पैमाने के भीतर युगों और अन्य प्रभागों की सीमाओं को स्थापित करने के लिये  GSSP महत्त्वपूर्ण है।

पृष्ठभूमि:

  • एंथ्रोपोसीन की आरंभिक तिथि कनाडा के टोरंटो के समीप क्रॉफर्ड झील के साक्ष्य से समर्थित है, जिसमें रेडियोधर्मी तत्त्व प्लूटोनियम के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
  • वर्ष 1950 के आसपास प्लूटोनियम कणों की सांद्रता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। यह महत्त्वपूर्ण परिवर्तन मानव प्रभाव के स्पष्ट संकेत को प्रदर्शित करता है जिसके परिणामस्वरूप एंथ्रोपोसीन युग के प्रमाण प्राप्त होते है।
  • क्रॉफर्ड लेक के शोध निष्कर्षों ने AWG’s की परिकल्पना के लिये मज़बूत साक्ष्य प्रदान किये कि बीसवीं शताब्दी के मध्य के आसपास ग्रेट-एक्सेलेरेशन की औद्योगिक तथा सामाजिक आर्थिक गतिविधियों में अभूतपूर्व वृद्धि ने पृथ्वी प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव किये हैं, जो लगभग 11,700 वर्षों के स्थिर स्तर को समाप्त कर देते हैं। यह होलोसीन स्थितियों के साथ एक नए पृथ्वी युग की शुरुआत का प्रतीक है।

एंथ्रोपोसीन: 

  • एक शब्द के रूप में एंथ्रोपोसीन युग को औद्योगिक क्रांति के प्रारंभ में प्रथम बार नोबेल पुरस्कार विजेता रसायन शास्त्री पॉल क्रुटज़ेन तथा जीव विज्ञान के प्रोफेसर यूजीन स्टोएमर द्वारा वर्तमान भू-वैज्ञानिक समय अंतराल को दर्शाने के लिये गढ़ा गया था, जिसमें पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र मानव प्रभाव के कारण आमूल-चूल परिवर्तनों से गुज़रा।
  • इस युग से संबंधित कई घटनाएँ हैं, जैसे- ग्लोबल वार्मिंग, समुद्र के स्तर में वृद्धि, महासागर का अम्लीकरण, बड़े पैमाने पर मृदा क्षरण, घातक ग्रीष्म लहरों का आगमन, जीवमंडल का बिगड़ना एवं पर्यावरण में अन्य हानिकारक परिवर्तन आदि।

होलोसीन युग:

  • होलोसीन वर्तमान भूवैज्ञानिक युग है, जिसकी शुरुआत लगभग 11,700 वर्ष पूर्व अंतिम प्रमुख हिमयुग के अंत में हुई थी।
  • यह अपेक्षाकृत स्थिर एवं गर्म जलवायु के साथ-साथ मानव सभ्यता के विकास की विशेषता है।
  • होलोसीन प्लेइस्टोसिन युग का अनुसरण करता है जो बड़े चतुर्धातुक युग का हिस्सा है।
  • होलोसीन के दौरान पृथ्वी की जलवायु में उतार-चढ़ाव का अनुभव हुआ, यह पूर्ववर्ती हिमयुग की तुलना में अपेक्षाकृत नरम और अधिक स्थिर स्थितियों का काल रहा है। इसमें ग्लेशियरों के खिसकने तथा वैश्विक तापमान में वृद्धि से वनों, घास के मैदानों एवं विविध पारिस्थितिक तंत्रों का विस्तार हुआ है।

भू-वैज्ञानिक काल मापक्रम: 

  • भू-वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के 4.6 अरब वर्ष के अस्तित्व को ईयान (Eon), महाकल्प (Era), कल्प (Period), युग (Epoch) और आयु (Age) समय क्रमों में विभाजित किया है।
  • ईयान को महाकल्पों में, महाकल्पों को कल्पों में, कल्पों को युगों में और युगों को आयु में विभाजित किया गया है। 

  • प्रत्येक विभाजन का संबंध महत्त्वपूर्ण घटनाओं से है, जैसे- महाद्वीपों का विखंडन जलवायु में नाटकीय बदलाव और यहाँ तक कि विशेष प्रकार के पशुओं तथा पादपों के जीवन का उद्भव।

इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल साइंसेज़: 

  • इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल साइंसेज़ (IUGS) एक वैश्विक गैर-सरकारी संगठन है जिसका उद्देश्य पृथ्वी विज्ञान के विकास को बढ़ावा देना और आगे बढ़ाना है। यह पेशेवर भूवैज्ञानिक अनुसंधान तथा शिक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय समन्वय निकाय के रूप में कार्य करता है।
  • IUGS की स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी और यह अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद (ISC) का सदस्य है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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