शासन व्यवस्था
आयुध अधिनियम, 1959 एवं आयुध नियम, 2016 में संशोधन
- 25 Feb 2020
- 6 min read
प्रीलिम्स के लिये:आयुध नियम, 2016 मेन्स के लिये:आयुध (संशोधन) अधिनियम, 2019, शस्त्रों के अधिग्रहण एवं उपयोग से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आयुध अधिनियम, 1959 एवं आयुध नियम, 2016 में संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी की है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- आयुध अधिनियम एवं आयुध नियम में संशोधन का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों द्वारा रखे जा सकने वाले अग्न्यायुधों की संख्या में वृद्धि करना है।
- शूटिंग भारत में एक महत्त्वपूर्ण ओलंपिक खेल है। भारतीय निशानेबाज़ों ने अंतराष्ट्रीय स्पर्द्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसे ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत जारी अधिसूचना के तहत भारतीय निशानेबाज़ों को अभ्यास के लिये अब पर्याप्त मात्रा में अग्न्यायुध तथा गोला बारूद रखने की अनुमति देगा। इस प्रावधान के उपरांत खिलाड़ी विभिन्न प्रकार के शस्त्रों से अभ्यास कर सकेंगे।
- आयुध अधिनियम, 1959 देश के भीतर हथियारों के गैर-कानूनी संग्रहण को रोकने के लिये लाया गया था। ध्यातव्य है कि वर्ष 1959 के इस अधिनियम में व्याप्त खामियों को दूर करने के लिये सरकार ने दिसंबर 2019 में आयुध (संशोधन) अधिनियम, 2019 पारित किया है।
आयुध अधिनियम, 1959 में संशोधन
- संशोधन के अनुसार, अब अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता एवं विख्यात निशानेबाज़ को अधिकतम 12 शस्त्र रखने की रियायत दी गई है, जबकि पहले यह संख्या केवल 7 थी।
- यदि कोई निशानेबाज़ किसी एक प्रतियोगिता में विख्यात है तो उसे अधिकतम 8 शस्त्र रखने की रियायत दी गई है, जबकि यह संख्या पहले केवल 4 थी।
- इस संशोधन के अनुसार, कनिष्ठ लक्ष्य शूटर/महत्त्वाकांक्षी शूटर भी अब किसी भी वर्ग के 2 शस्त्र रख सकते हैं जबकि पहले उनको केवल 1 शस्त्र ही रखने की अनुमति थी।
- इन रियायत प्राप्त वर्गों के शस्त्रों के अतिरिक्त भी खिलाड़ी आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत 2 अतिरिक्त शस्त्र बतौर सामान्य नागरिक रख सकते हैं।
- आयुध (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा किये गए संशोधन के तहत किसी व्यक्ति द्वारा रखे जाने वाले अग्न्यायुधों की अधिकतम संख्या को 3 से घटाकर 2 कर दिया गया है तथा जिन व्यक्तियों के पास 3 लाइसेंसी अग्न्यायुध हैं तो उन्हें अपना कोई भी एक अग्न्यायुध 13 दिसंबर, 2020 तक अधिनियम में दिये गए प्रावधान के अनुसार जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है।
आयुध नियम, 2016 में संशोधन
- अधिनियम में संशोधन की ही भाँति गृह मंत्रालय ने आयुध नियम, 2016 की धारा 40 में भी संशोधन किया है जिसके अनुसार, खिलाड़ियों द्वारा अभ्यास के लिये एक वर्ष के दौरान क्रय किये जाने वाले गोला बारूद की मात्रा में भी भारी बढ़ोतरी की गई है।
- इसके अतिरिक्त गृह मंत्रालय ने आयुध अधिनियम, 1959 में संशोधन के कारण भी आयुध नियम, 2016 में अन्य ज़रूरी संशोधन किये हैं।
- इन संशोधनों के अनुसार, 50 वर्ष से पुराने दुर्लभ वस्तु की श्रेणी में आने वाले लघु आयुधों को प्राप्त करने अथवा कब्ज़े के लिये भारतीय नागरिकों को लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।
- किंतु ऐसे आयुधों के उपयोग, वहन या परिवहन के लिये उपयुक्त लाइसेंस की आवश्यकता होगी तथा लाइसेंस में प्रविष्टि के बिना धारक को उन शस्त्रों के उपयोग हेतु गोला-बारूद की बिक्री नहीं की जाएगी।
संशोधन का महत्त्व
- आयुध अधिनियम एवं नियम में संशोधन के फलस्वरूप विभिन्न स्तर पर विख्यात निशानेबाजों को अभ्यास करने हेतु अलग-अलग प्रकार के शस्त्र उपलब्ध हो सकेंगे ताकि वे विभिन्न मंचों पर बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
- इन संशोधनों में खिलाड़ियों को अतिरिक्त 2 शस्त्र रखने की भी अनुमति दी गई है जो कि खिलाड़ियों के लिये आत्मरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
आगे की राह
- भारत में खेल एवं शिक्षा के मध्य समन्वय बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है, ध्यातव्य है कि अधिकतर भारतीय अभिभावक अपने बच्चों के लिये खेल की अपेक्षा केवल शिक्षा को महत्त्व देते हैं।
- पुराने एवं उपयोगिता रहित कानूनों को समाप्त किये जाने की आवश्यकता है तथा मौजूदा कानूनों को वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाना चाहिये।