विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
AI-जनित कार्य एवं कॉपीराइट स्वामित्त्व
- 27 May 2023
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कॉपीराइट उल्लंघन, ChatGPT मेन्स के लिये:कॉपीराइट उल्लंघन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बीच अंतर्विरोध का प्रभाव, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जनित कार्यों के संदर्भ में उचित और परिवर्तनकारी उपयोग |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) के संदर्भ में कॉपीराइट उल्लंघन के मुद्दे ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, साथ ही आवश्यक चर्चाओं को जन्म दिया है।
- इस अंतर्विरोध का एक प्रसिद्ध उदाहरण एंडी वारहोल फाउंडेशन और लिन गोल्डस्मिथ के गायक प्रिंस के चित्र के बीच संबंध है।
- विवाद इस बात पर केंद्रित है कि क्या वारहोल द्वारा छवि के अन्य संस्करणों को उत्पन्न करने हेतु छवि का उपयोग उचित रुप से किया गया है या यह कॉपीराइट उल्लंघन है।
कॉपीराइट उल्लंघन और AI के बीच संबंध:
- कॉपीराइट सामग्री का प्रशिक्षण डेटा के रूप में उपयोग:
- अपने एल्गोरिदम को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करने के लिये चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे AI सिस्टम को प्रायः व्यापक मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है।
- इसमें कॉपीराइट सामग्री जैसे चित्र, टेक्स्ट/लेख और संगीत शामिल हैं, जो कॉपीराइट के उल्लंघन जैसी चिंताओं को बढ़ा सकते हैं।
- अपने एल्गोरिदम को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करने के लिये चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे AI सिस्टम को प्रायः व्यापक मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है।
- AI तकनीकों का उपयोग मौजूदा कॉपीराइट किये गए कार्यों की प्रतिकृति बनाने या नकल करने के लिये किया जा सकता है। एल्गोरिदम ऐसी सामग्री का विश्लेषण और निर्माण कर सकते हैं जो संरक्षित कार्यों से काफी हद तक मिलती-जुलती है, यह इस तरह की प्रतिकृति की वैधता और नैतिक निहितार्थों पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
- उचित और परिवर्तनकारी उपयोग:
- उचित उपयोग या फेयर यूज़ अमेरिका का एक कानूनी सिद्धांत है (जैसा कि हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा माना गया) जो कुछ परिस्थितियों में बिना अनुमति के भी कॉपीराइट सामग्री के सीमित उपयोग की अनुमति देता है।
- यह निर्धारित करने के लिये कि AI-जनित कार्य फेयर यूज़ हेतु योग्य है अथवा नहीं, उसके उपयोग के उद्देश्य, प्रकृति, मात्रा और प्रभाव जैसे कारकों पर विचार किया जाना आवश्यक है।
- प्रायः परिवर्तनकारी उपयोग (Transformative use) को फेयर यूज़ एनालिसिस का एक महत्त्वपूर्ण कारक माना जाता है, जिसमें कॉपीराइट किये गए कार्य में नए अर्थ या अभिव्यक्ति को जोड़ना शामिल है।
- उचित उपयोग या फेयर यूज़ अमेरिका का एक कानूनी सिद्धांत है (जैसा कि हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा माना गया) जो कुछ परिस्थितियों में बिना अनुमति के भी कॉपीराइट सामग्री के सीमित उपयोग की अनुमति देता है।
- दायित्व और उत्तरदायित्व:
- AI-जनित कार्यों में कॉपीराइट उल्लंघन के लिये दायित्व निर्धारित करना जटिल हो सकता है, जिसमें AI डेवलपर्स, उपयोगकर्त्ताओं और स्वयं कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका के विषय में प्रश्न शामिल हैं।
- कॉपीराइट कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी AI-जनित कार्यों के निर्माता और उपयोगकर्त्ता दोनों की है।
- यदि AI प्रणाली मानव हस्तक्षेप के बिना काम करती है, तो सही कॉपीराइट स्वामी का निर्धारण करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
भारत में AI-जनित कंटेंट की वर्तमान कानूनी स्थिति:
- भारतीय कॉपीराइट अधिनियम, 1957 और पेटेंट अधिनियम, 1970 कॉपीराइट उल्लंघन हेतु उचित व्यवहार एवं प्रगणित अपवादों के लिये विशिष्ट प्रावधान करता है।
- AI मॉडल के प्रशिक्षण के लिये कॉपीराइट सामग्री का उपयोग कानूनी ग्रे सूची में रखा जाता है।
- जैसा कि कॉपीराइट कानून AI द्वारा पूरी तरह से उत्पन्न किसी भी रचना की रक्षा नहीं करते हैं, भले ही यह मानव-निर्मित पाठ संकेतक से उपजी हो।
- कॉपीराइट और AI पर हाल ही में अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय जैसे अंतर्राष्ट्रीय न्यायालयों एवं अन्य न्यायालय के अवलोकन और फैसले, भारतीय कॉपीराइट कानून में निष्पक्षता की व्याख्या को प्रभावित कर सकते हैं।
- भारतीय कॉपीराइट कानून और उचित उपयोग प्रावधानों को AI-जनित सामग्री द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिये अनुकूलित करने की आवश्यकता होगी।
आगे की राह
- कानूनी उदाहरणों की कमी के बावजूद सिविक चंद्रन बनाम सी. अम्मिनी अम्मा (1996) के मामले में केरल उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित फोर फैक्टर टेस्ट (अर्थात् चार कारकों के आधार पर परीक्षण) इस बात का निर्धारण करने में उपयोगी सिद्ध हो सकता है कि किसी उपयोग को फेयर यूज़ माना जाए अथवा नहीं। यह अमेरिका के फेयर यूज़ सिद्धांत के फोर फैक्टर टेस्ट के समान ही है। ये फैक्टर/कारक हैं:
- उपयोग का उद्देश्य, जिसमें इस बात को शामिल किया गया है कि AI द्वारा उत्पादित सामग्री का उपयोग व्यावसायिक या गैर-लाभकारी शैक्षिक उद्देश्यों के लिये है अथवा नहीं।
- कॉपीराइट कार्य की प्रकृति (Nature)।
- संपूर्ण कॉपीराइट किये गए कार्य की तुलना में उपयोग किये गए हिस्से की मात्रा और पर्याप्तता।
- संभावित बाज़ार या कॉपीराइट किये गए कार्य के मूल्य/महत्त्व पर इसके उपयोग का प्रभाव।
- AI प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ कदम-कदम से कदम मिलाने के लिये बौद्धिक संपदा कानूनों को अपडेट किया जाना चाहिये।
- AI परियोजनाओं के लिये निरीक्षण एवं अनुपालन तंत्र के साथ डेटा उपयोग और शासन नीतियों को लागू किया जाना चाहिये।
- AI फर्मों के लिये अनिवार्य किया जाना चाहिये कि वे कॉपीराइट सुरक्षा, ऑडिट और आकलन के लिये ज़िम्मेदार अनुपालन अधिकारियों को नियुक्त करें।
- कॉपीराइट उल्लंघन और AI के बीच अंतःप्रतिच्छेदन का प्रभाव AI प्रौद्योगिकी के विकास एवं इसके संभावित अनुप्रयोगों पर पड़ सकता है। कॉपीराइट मालिकों के अधिकारों की रक्षा और AI के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के बीच संतुलन स्थापित करना इस क्षेत्र के विकास व उन्नति के लिये आवश्यक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नमेन्स:प्रश्न. वैश्वीकृत संसार में, बौद्धिक संपदा अधिकारों का महत्त्व हो जाता है और वे मुकदमेबाज़ी का एक स्रोत हो जाते हैं। कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियों के बीच मोटे तौर पर विभेदन कीजिये। (2014) |