शासन व्यवस्था
पीएम-किसान योजना के लिये एआई चैटबॉट
- 25 Sep 2023
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:चैटबॉट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, पीएम-किसान मेन्स के लिये:एआई-चैटबॉट का लॉन्च और किसानों तथा लाभार्थियों की समस्याओं के समाधान पर इसका प्रभाव |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के लिये एआई चैटबॉट लॉन्च किया। यह केंद्र सरकार की एक प्रमुख फ्लैगशिप योजना के साथ एकीकृत अपनी तरह का पहला लॉन्च है।
- एआई चैटबॉट का लॉन्च पीएम-किसान योजना की दक्षता और पहुँच बढ़ाने तथा किसानों को उनके प्रश्नों का त्वरित, स्पष्ट व सटीक उत्तर प्रदान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
पीएम-किसान योजना के लिये एआई चैटबॉट की प्रमुख विशेषताएँ:
- इस चैटबॉट को एकस्टेप (EKstep) फाउंडेशन और भाषिनी (Bhashini) के सहयोग से विकसित एवं बेहतर बनाया जा रहा है।
- विकास के अपने पहले चरण में एआई चैटबॉट किसानों को उनके आवेदन की स्थिति, भुगतान विवरण, अपात्रता की स्थिति की जानकारी और योजना-संबंधित अन्य अपडेट प्राप्त करने में सहायता करेगा।
- पीएम-किसान मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से इस एआई चैटबॉट को भाषिनी के साथ एकीकृत किया गया है जो पीएम-किसान योजना के लाभार्थियों की भाषायी तथा क्षेत्रीय विविधता को ध्यान में रखते हुए बहुभाषी समर्थन प्रदान करता है।
- उन्नत प्रौद्योगिकी के इस एकीकरण से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि यह किसानों को सूचित निर्णय लेने में भी सशक्त बनाया जाएगा।
एआई चैटबॉट:
परिचय:
- चैटबॉट्स, जिसे चैटरबॉट्स भी कहा जाता है, मैसेजिंग एप्स में उपयोग की जाने वाली कृत्रिम बुद्धिमता (AI) का एक रूप है।
- यह टूल ग्राहकों के लिये सुविधा में वृद्धि करता है, ये वे स्वचालित प्रोग्राम हैं जो ग्राहकों के साथ एक इंसान की तरह संवाद करते हैं और इसके लिये बहुत कम या न के बराबर खर्च की आवश्यकता होती है।
- कंपनियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले फेसबुक मैसेंजर चैटबॉट के साथ-साथ अमेज़न के एलेक्सा और चैटजीपीटी जैसे वर्चुअल असिस्टेंट इसके अच्छे उदाहरण हैं।
- चैटबॉट दो तरीकों से काम करते हैं- मशीन लर्निंग के माध्यम से या निर्धारित दिशा-निर्देशों की सहायता से।
- हालाँकि AI प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण निर्धारित दिशा-निर्देशों का उपयोग करने वाले चैटबॉट अब पुरानी बात हो गई है, अर्थात् वे दिन-प्रतिदिन मशीन लर्निंग की सहायता से सीखने में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
- मशीन लर्निंग चैटबॉट:
- मशीन लर्निंग के माध्यम से कार्य करने वाले चैटबॉट में मानव मस्तिष्क के तंत्रिका ग्रंथियों (Neural Nodes) से प्रेरित एक कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (Artificial Neural Network- ANN) होता है।
- बॉट को स्व-अधिगम (Self-learn) के लिये प्रोग्राम किया गया है क्योंकि इसे नए संवादों और शब्दों से परिचित होना होता है।
- वास्तव में, जैसे ही एक चैटबॉट नई आवाज़ या पाठ्य संवाद प्राप्त करता है, उन पूछताछों की संख्या जिनका वह उत्तर दे सकता है और उसके द्वारा दिये गए प्रत्येक उत्तर की सटीकता बढ़ जाती है।
- मेटा (जैसा कि अब फेसबुक की मूल कंपनी के रूप में जानी जाती है) के पास एक मशीन लर्निंग चैटबॉट है जो कंपनियों के लिये मैसेंजर एप्लीकेशन के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं के साथ बातचीत/संपर्क करने के लिये एक मंच तैयार करता है।
प्रधानमंत्री किसान (PM KISAN) योजना:
- परिचय:
- इसे भूमि धारक किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिये 24 फरवरी, 2019 को लॉन्च किया गया था।
- वित्तीय लाभ:
- प्रतिवर्ष हर चार महीने के अंतराल पर तीन समान किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) मोड के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों को उनके बैंक खातों में 6000/- रुपए का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है।
- योजना का दायरा:
- यह योजना प्रारंभ में 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटे और सीमांत किसानों (SMF) के लिये थी, लेकिन सभी भूमि धारक किसानों को कवर करने के लिये इस योजना का दायरा बढ़ा दिया गया था।
- वित्तपोषण और कार्यान्वयन:
- इसका कार्यान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य वाली उच्च पैदावार सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न आदानों की खरीद में छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना।
- ऐसे खर्चों को पूरा करने के लिये उन्हें साहूकारों के चंगुल में फँसने से बचाना और कृषि गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
- पीएम-किसान मोबाइल एप:
- इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित एवं डिज़ाइन किया गया था।
- भौतिक सत्यापन मॉड्यूल:
- इस योजना में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक वर्ष 5 प्रतिशत लाभार्थियों का अनिवार्य भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।
- अपवर्जित श्रेणी: उच्च आर्थिक स्थिति वाले लाभार्थियों की निम्नलिखित श्रेणियाँ योजना के तहत लाभ के लिये पात्र नहीं होंगी:
- सभी संस्थागत भूमि धारक।
- किसान परिवार जो निम्नलिखित श्रेणियों में से किसी एक या अधिक से संबंधित हैं:
- पूर्व और वर्तमान में संवैधानिक पद धारक।
- पूर्व और वर्तमान मंत्री/राज्य मंत्री तथा लोकसभा/राज्यसभा/राज्य विधानसभाओं/राज्य विधानपरिषदों के पूर्व/वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व एवं वर्तमान महापौर, ज़िला पंचायतों के पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष।
- केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों केंद्रीय या राज्य पीएसई एवं सरकार के अधीन संबद्ध कार्यालयों/स्वायत्त संस्थानों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी तथा स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/ग्रुप D कर्मचारियों को छोड़कर)।
- उपरोक्त श्रेणी के सभी सेवानिवृत्त/सेवानिवृत्त पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपए या इससे अधिक है। (मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह D कर्मचारियों को छोड़कर)।
- वे सभी व्यक्ति जिन्होंने पिछले मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान किया था।
- पेशेवर जैसे- डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट, जो पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत हैं एवं अभ्यास करके अपना पेशा चला रहे हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (A)केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (B) |