शासन व्यवस्था
रोगाणुरोधी प्रतिरोध का संबोधन
- 10 Apr 2024
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) पर ग्लोबल लीडर्स ग्रुप (GLG), रोगाणुरोधी प्रतिरोध, खाद्य और कृषि संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण मेन्स के लिये:रोगाणुरोधी प्रतिरोध, सरकारी नीतियाँ और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके डिजाइन एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। |
स्रोत: एफ.ए.ओ.
चर्चा में क्यों?
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance- AMR) पर ग्लोबल लीडर्स ग्रुप (GLG) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में AMR पर होने वाली उच्च स्तरीय बैठक से पूर्व “टुवर्ड्स स्पेसिफिक कमिटमेंटस एंड एक्शन इन द रिस्पोंस टू एंटीमैक्रोबिअल रेज़िस्टेंस” शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट की मुख्य बातें:
- GLG रिपोर्ट AMR को संबोधित करने हेतु घरेलू एवं बाह्य स्रोतों से पर्याप्त, अनुमानित और सतत् वित्तपोषण की आवश्यकता पर बल देती है, जिसमें नवीन एंटीबायोटिक दवाओं के लिये अनुसंधान का कम होना और विकास प्रक्रिया से निपटना भी शामिल है।
- GLG ने AMR को शामिल करने के लिये मौजूदा वित्तपोषण साधनों के दायरे का विस्तार करने और विशेष रूप से निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में बहुक्षेत्रीय राष्ट्रीय कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिये निवेश बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
- GLG रिपोर्ट निगरानी के माध्यम से AMR पर डेटा की बेहतर गुणवत्ता की आवश्यकता पर बल देती है और मानव संसाधनों एवं बुनियादी ढाँचे की क्षमता को दृढ़ करने की सिफारिश करती है।
- GLG राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई को उत्प्रेरित करने के लिये निम्नलिखित वैश्विक लक्ष्य प्रस्तावित करता है:
- बैक्टीरियल AMR से होने वाली मौतें: वर्ष 2030 तक बैक्टीरियल AMR से होने वाली वैश्विक मौतों को 10% तक कम करना।
- मनुष्यों में एंटीबायोटिक प्रबंधन और ज़िम्मेदारीपूर्ण उपयोग: वर्ष 2030 तक ACCESS ग्रुप एंटीबायोटिक्स में समग्र मानव एंटीबायोटिक दवाओं की खपत का कम-से-कम 80% शामिल होगा।
- ACCESS ग्रुप एंटीबायोटिक्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा उनके AWaRe वर्गीकरण प्रणाली के माध्यम से नामित एंटीबायोटिक दवाओं की एक श्रेणी है।
- ACCESS एंटीबायोटिक्स को प्रतिजैविकों के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें गतिविधि की एक सीमित शृंखला होती है, इसके दुष्प्रभाव सामान्यतः कम होते हैं, तथा सूक्ष्माणुरोधी प्रतिरोध के विकास का जोखिम और लागत कम होती है।
- कृषि-खाद्य प्रणालियों में रोगाणुरोधी उपयोग:
- वर्ष 2030 तक, विश्व स्तर पर कृषि-खाद्य प्रणाली में उपयोग किये जाने वाले रोगाणुरोधकों की संख्या को मौजूदा स्तर से कम-से-कम 30-50% कम करना।
- वर्ष 2030 तक, गैर-पशुचिकित्सा प्रयोजनों के लिये पशुओं में, या गैर पादप स्वच्छता प्रयोजनों के लिये फसल उत्पादन और कृषि-खाद्य प्रणालियों में मानव चिकित्सा के लिये चिकित्सकीय रूप से महत्त्वपूर्ण रोगाणुरोधकों के उपयोग को समाप्त करना।
- इन वैश्विक लक्ष्यों के आधार पर, GLG अनुशंसा करती है कि सभी देशों को स्पष्ट लक्ष्य और समयसीमा के साथ राष्ट्रीय, परिणाम-उन्मुख, क्षेत्र-विशिष्ट लक्ष्य विकसित करने चाहिये तथा उनके कार्यान्वयन का पालन करना चाहिये।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) पर ग्लोबल लीडर्स ग्रुप (GLG):
- AMR पर GLG की स्थापना वर्ष 2020 में AMR पर इंटरएजेंसी कोऑर्डिनेशन ग्रुप (IACG) की सिफारिश के बाद की गई थी, जिसका मिशन रोगाणुरोधी दवाओं के ज़िम्मेदार और टिकाऊ पहुँच एवं उपयोग के माध्यम से दवा प्रतिरोधी संक्रमणों के शमन के लिये राजनीतिक कार्रवाई के लिये सलाह देना तथा उसकी वकालत करना था।
- GLG के लिये सचिवालय रोगाणुरोधी प्रतिरोध होने पर चतुर्पक्षीय संयुक्त सचिवालय (Quadripartite Joint Secretariat- QJS) द्वारा समर्थन प्रदान किया जाता है, जो चतुर्पक्षीय संगठनों (संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), एवं विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH)) का एक संयुक्त प्रयास है।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध एक बढ़ती चिंता क्यों है?
- AMR पहले से ही वैश्विक स्तर पर मृत्यु का एक प्रमुख कारण रहा है, जो सालाना लगभग 5 मिलियन लोगों की मृत्यु का कारण बनता है, जिसमें एक बड़ा भाग पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों का होता है।
- वर्ष 2019 में जीवाणुजनित AMR द्वारा वैश्विक स्तर पर प्रत्यक्ष रूप से 1.27 मिलियन लोगों की मृत्यु का कारण बना, साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से 4.95 मिलियन मृत्यु का कारण रहा।
- अनियंत्रित AMR से जीवन प्रत्याशा कम होने एवं अभूतपूर्व स्वास्थ्य देखभाल लागत के साथ ही आर्थिक हानि होने का अनुमान है।
- अध्ययनों में अनुमान लगाया गया है कि यदि AMR के प्रति मज़बूत प्रतिक्रियाएँ लागू नहीं की गईं तो वर्ष 2035 तक वैश्विक स्तर पर जीवन प्रत्याशा में 1.8 वर्ष की संभावित हानि हो सकती है।
- निर्णायक कार्रवाई के बिना, AMR से आर्थिक हानि होने का अनुमान है, अनुमान के अनुसार अतिरिक्त स्वास्थ्य देखभाल व्यय में 412 बिलियन अमरीकी डॉलर की वार्षिक लागत के साथ ही कार्यबल उत्पादकता में 443 बिलियन अमरीकी डॉलर की हानि होगी।
- AMR में महत्त्वपूर्ण आर्थिक लागत आती है, अनुमान है कि 2030 तक प्रति वर्ष 3.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की GDP हानि होगी।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध क्या है?
- परिचय:
- AMR एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है जो तब होता है जब जीवाणुओं, विषाणुओं, कवक तथा परजीवी रोगाणुरोधी दवाओं पर प्रतिक्रिया नहीं करते हैं।
- ये मनुष्यों, पशुओं एवं पौधों में रोगाणुरोधकों का दुरुपयोग तथा अत्यधिक प्रयोग में लाई गई दवा प्रतिरोधी रोगजनकों के प्राथमिक चालक हैं।
- ये निम्न तथा मध्यम आय वाले देश गरीबी एवं असमानता के कारण AMR से असमान रूप से प्रभावित होते हैं।
- AMR आधुनिक चिकित्सा की प्रभावकारिता को खतरे में डालता है, जिससे संक्रमण का उपचार करना कठिन हो जाता है और साथ ही चिकित्सा प्रक्रियाएँ जोखिमपूर्ण हो जाती हैं।
- वैश्विक पहल:
- वन हेल्थ दृष्टिकोण :
- एकीकृत दृष्टिकोण जिसमें मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय क्षेत्र शामिल हैं।
- पशुओं, मनुष्यों एवं पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिये सर्वोत्तम संभव स्वास्थ्य परिणामों के लिये प्रयास करने का लक्ष्य होना चाहिये।
- रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर वैश्विक कार्य योजना (GAP):
- वन हेल्थ दृष्टिकोण के साथ AMR से निपटने के लिये वर्ष 2015 विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान अपनाया गया।
- रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर चतुर्पक्षीय संयुक्त सचिवालय:
- वैश्विक प्रतिक्रिया को समन्वित करने के लिये WHO, FAO, UNEP और WOAH के बीच सहयोग।
- AMR पर उच्च स्तरीय बैठकें:
- UNGA के प्रस्ताव ने AMR को संबोधित करने के लिये उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित कीं।
- विश्व AMR जागरूकता सप्ताह(WAAW):
- जागरूकता बढ़ाने तथा सर्वोत्तम पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक अभियान।
- वन हेल्थ दृष्टिकोण :
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न. वैश्विक स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था पर अनियंत्रित रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के संभावित परिणामों का मूल्यांकन कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से, भारत में सूक्ष्मजैविक रोगजनकों में बहु-औषध प्रतिरोध के होने के कारण हैं? 1. कुछ व्यक्तियों में आनुवंशिक पूर्ववृत्ति (जेनेटिक प्रीडिस्पोजीशन) का होना नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) 1 और 2 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न: क्या एंटीबायोटिकों का अति-उपयोग और डॉक्टरी नुस्खे के बिना मुक्त उपलब्धता, भारत में औषधि-प्रतिरोधी रोगों के अविर्भाव के अंशदाता हो सकते हैं? अनुवीक्षण एवं नियंत्रण की क्या क्रियाविधियाँ उपलब्ध हैं? इस संबंध में विभिन्न मुद्दों पर समालोचनापूर्वक चर्चा कीजिये। (2014) |