अंतर्राष्ट्रीय संबंध
8वीं एडीएमएम-प्लस बैठक
- 18 Jun 2021
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:एडीएमएम-प्लस, दक्षिण चीन सागर, आसियान मेन्स के लिये:भारत के लिये ADMM प्लस वार्ता की प्रासंगिकता |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने 8वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM प्लस) को संबोधित किया।
- ADMM-Plus आसियान और उसके आठ संवाद भागीदारों का एक मंच है।
प्रमुख बिंदु:
सुरक्षा और विवाद समाधान:
- भारत ने राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के आधार पर इंडो-पैसिफिक में एक खुली और समावेशी व्यवस्था का आह्वान किया।
- यह दक्षिण चीन सागर सहित अंतर्राष्ट्रीय जलमार्गों में नेविगेशन, ओवरफ्लाइट और अबाध वाणिज्य की स्वतंत्रता का समर्थन करता है, भारत को उम्मीद है कि इस आचार संहिता वार्ता (दक्षिण चीन सागर के लिये) से ऐसे परिणाम निकलेंगे जो ‘समुद्र कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय’ (UNCLOS) सहित अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप होंगे।
- हाल ही में आसियान और चीन ने इस कोड पर वार्ता को फिर से शुरू करने में तेज़ी लाने पर सहमति व्यक्त की, जो महामारी के कारण रुकी हुई थी।
- चीन और आसियान ने कथित रूप से बाध्यकारी आचार संहिता पर वर्ष 2013 में बातचीत शुरू की थी।
- बातचीत और अंतर्राष्ट्रीय नियमों एवं कानूनों के पालन के माध्यम से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर ज़ोर दिया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिये उभरती चुनौतियों का समाधान करने हेतु नई प्रणालियों की आवश्यकता है।
‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी:
- एक्ट ईस्ट पॉलिसी का प्रमुख उद्देश्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर निरंतर जुड़ाव के माध्यम से आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करना है।
आतंकवाद:
- आतंकी संगठनों और उनके नेटवर्क को पूरी तरह से बाधित करने के लिये सामूहिक सहयोग का आह्वान किया गया।
- अपराधियों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने तथा यह अपेक्षा की गई कि आतंकवाद का समर्थन करने, उसे वित्तपोषित करने एवं आतंकवादियों को शरण देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएँ।
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के सदस्य के रूप में भारत आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- FATF ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिस्ट फाइनेंसिंग वॉचडॉग है।
साइबर सुरक्षा:
- एक बहु-हितधारक दृष्टिकोण का आह्वान किया गया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों द्वारा निर्देशित हो तथा एक खुली और समावेशी शासन संरचना हो एवं यह देशों की संप्रभुता के लिये एक सुरक्षित और स्थिर इंटरनेट व्यवस्था से संबंधित हो, जो साइबरस्पेस के भविष्य को तय करेगा।
कोविड-19:
- विश्व स्तर पर उपलब्ध पेटेंट मुक्त टीके, निर्बाध आपूर्ति शृंखला और अधिक वैश्विक चिकित्सा क्षमता कुछ ऐसे प्रयास हैं, जिनका सुझाव भारत ने संयुक्त प्रयास के माध्यम से दिया है।
- दक्षिण अफ्रीका और भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) से कोविड -19 से संबंधित बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों को निलंबित करने का आह्वान किया है ताकि महामारी को नियंत्रित करने के लिये टीकों और नई तकनीक का समान साझाकरण सुनिश्चित किया जा सके।
मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) संचालन:
- भारत विस्तारित पड़ोस में संकट के समय में तत्काल प्रतिक्रिया देने वाले पहले देशों में से एक है।
- एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक (HACGAM) के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत समुद्री खोज और बचाव के क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से क्षमता निर्माण को बढ़ाना चाहता है।
- HACGAM एक शीर्ष स्तर का मंच है जो एशियाई क्षेत्र की सभी प्रमुख तटरक्षक एजेंसियों के एकीकरण की सुविधा प्रदान करता है, इसकी स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी।
आसियान की केंद्रीयता:
- भारत आसियान के साथ एक गहरा संबंध साझा करता है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता में योगदान देने वाले कई क्षेत्रों में अपनी सक्रिय भागीदारी जारी रखता है, विशेष रूप से आसियान के नेतृत्व वाले तंत्र के माध्यम से, जैसे:
- ईस्ट एशिया समिट
- आसियान रीजनल फोरम
- ADMM प्लस
- भारत-आसियान रणनीतिक साझेदारी उनके बीच समृद्ध सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों और लोगों-से-लोगों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देने के कारण मज़बूत हुई है।
ADMM प्लस:
- वर्ष 2007 में सिंगापुर में दूसरी आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम) में एडीएमएम-प्लस की स्थापना के लिये एक प्रस्ताव अपनाया गया।
- पहली ADMM-Plus वार्ता वर्ष 2010 में हनोई, वियतनाम में आयोजित की गई थी।
- ब्रुनेई वर्ष 2021 के लिये ADMM प्लस फोरम का अध्यक्ष है।
- दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ (आसियान) एक क्षेत्रीय संगठन है जिसे एशिया-प्रशांत के उत्तर-औपनिवेशिक राज्यों के मध्य बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये स्थापित किया गया था।
सदस्यता:
- एडीएमएम-प्लस देशों में दस आसियान सदस्य राज्य और आठ अन्य देश शामिल हैं- ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूसी संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य अधिक संवाद और पारदर्शिता के माध्यम से रक्षा प्रतिष्ठानों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देना है।
सहयोग के क्षेत्र:
- समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, मानवीय सहायता और आपदा राहत, शांति अभियान तथा सैन्य चिकित्सा।