भारतीय अर्थव्यवस्था
विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2022
- 17 Jun 2022
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक, आत्मनिर्भर भारत, COP-26 मेन्स के लिये:वृद्धि और विकास, समावेशी विकास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रबंधन विकास संस्थान (IMD) द्वारा वार्षिक विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2022 जारी किया गया।
- आईएमडी स्विट्रज़लैंड में स्थित एक स्विस फाउंडेशन है, जो अपने कॅरियर के प्रत्येक चरण में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विकास के लिये समर्पित है।
- भारत ने एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की है, जिसमें भारत 43वें से 37वें स्थान पर पहुँच गया है, जिसका मुख्य कारण आर्थिक प्रदर्शन में वृद्धि है।
विश्व प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2022:
- परिचय:
- आईएमडी वर्ल्ड कॉम्पिटिटिवनेस ईयरबुक (WCY) पहली बार 1989 में प्रकाशित हुई, यह एक व्यापक वार्षिक रिपोर्ट और देशों की प्रतिस्पर्द्धा पर विश्वव्यापी संदर्भ बिंदु है।
- यह देशों का विश्लेषण और रैंक करता है कि वे दीर्घकालिक मूल्यों को प्राप्त करने के लिये अपनी दक्षताओं का प्रबंधन कैसे करते हैं।
- कारक: यह चार कारकों (334 प्रतिस्पर्द्धात्मकता मानदंड) की जाँच करके देशों की समृद्धि और प्रतिस्पर्द्धात्मकता को मापता है:
- आर्थिक प्रदर्शन
- सरकारी दक्षता
- व्यापार दक्षता
- आधारभूत संरचना
सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ:
- शीर्ष वैश्विक प्रदर्शक:
- यूरोप: डेनमार्क पिछले साल के तीसरे स्थान से 63 देशों की सूची में शीर्ष पर पहुँच गया है, जबकि स्विट्रज़लैंड शीर्ष रैंकिंग से दूसरे स्थान पर खिसक गया है और सिंगापुर पाँचवें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है।
- एशिया: शीर्ष प्रदर्शन करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाएंँ सिंगापुर (3वीं), हॉन्गकॉन्ग (5वीं), ताइवान (7वीं), चीन (17वीं) और ऑस्ट्रेलिया (19वीं) हैं।
- अन्य: एकत्र किये गए डेटा की सीमित विश्वसनीयता के कारण इस वर्ष के संस्करण में रूस और यूक्रेन दोनों का मूल्यांकन नहीं किया गया था।
- भारत का प्रदर्शन:
- चार मानकों पर प्रदर्शन:
- आर्थिक प्रदर्शन: यह वर्ष 2021ं के 37वें से सुधरकर वर्ष 2022 में 28वें स्थान पर पहुंँच गया है।
- सरकारी दक्षता: यह वर्ष 2021 के 46वें से वर्ष 2022 में 45वें स्थान पर पहुँच गया।
- व्यावसायिक दक्षता: इसमें वर्ष 2021 के 32वें स्थान से वर्ष 2022 में 23वें स्थान पर एक बड़ा सुधार देखा गया।
- आधारभूत संरचना: दूसरी ओर आधारभूत संरचना में पूर्व वर्ष के 49 वें स्थान में कोई बदलाव नहीं आया।
- भारत के अच्छे प्रदर्शन के कारण:
- वर्ष 2021 में पूर्वव्यापी करों के संदर्भ में प्रमुख सुधार।
- ड्रोन, अंतरिक्ष और भू-स्थानिक मानचित्रण सहित कई क्षेत्रों का पुन: विनियमन।
- भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्द्धात्मकता में उल्लेखनीय सुधार।
- भारत जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिये वैश्विक आंदोलन में एक प्रेरक शक्ति के रूप में तथा COP26 शिखर सम्मेलन में वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो की भारत की प्रतिबद्धता भी रैंकिंग में पर्यावरण से संबंधित प्रौद्योगिकियों में अपनी ताकत के अनुरूप है।
- भारत के समक्ष चुनौतियाँ:
- भारत जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनमें व्यापार व्यवधानों और ऊर्जा सुरक्षा का प्रबंधन, महामारी के बाद उच्च सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को बनाए रखना, कौशल विकास तथा रोज़गार सृजन, परिसंपत्ति मुद्रीकरण एवं बुनियादी ढाँंचे के विकास के लिये संसाधन जुटाना शामिल है।
- भारत की शक्ति:
- व्यापार के लिये भारतीय अर्थव्यवस्था के शीर्ष पांँच आकर्षक कारक हैं- एक कुशल कार्यबल, लागत प्रतिस्पर्द्धा, अर्थव्यवस्था की गतिशीलता, उच्च शैक्षिक स्तर और खुला एवं सकारात्मक दृष्टिकोण।
- चार मानकों पर प्रदर्शन:
भारत द्वारा अपनी प्रतिस्पर्द्धात्मका बढ़ाने हेतु हाल ही में उठाए गए कदम:
- विनिर्माण क्षमता बढ़ाने की ओर: भारत ने विनिर्माण क्षमता में लचीलापन सुनिश्चित करने हेतु सराहनीय प्रयास किये हैं जैसे- आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल जो घरेलू आपूर्ति शृंखलाओं तथा विनिर्माण केंद्रों में भारी निवेश के उद्देश्य से ही शुरू की गई हैं।
- सरकार ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive Scheme-PLI)) योजना शुरू की है।
- तकनीकी उन्नति: बढ़ती प्रतिस्पर्द्धात्मक के लिये तकनीकी प्रगति की सुविधा हेतु भारत के दूरसंचार विभाग (DoT) ने 6G तकनीक पर छह टास्क फोर्स का गठन किया है।
- विदेश मंत्रालय अपने नए उभरते और सामरिक प्रौद्योगिकी (एनईएसटी) प्रभाग के माध्यम से प्रौद्योगिकी शासन पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भारत की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित कर रहा है।
- यह नई और उभरती प्रौद्योगिकियों से संबंधित मुद्दों के लिये मंत्रालय के भीतर नोडल डिवीज़न के रूप में कार्य करता है तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विदेशी भागीदारों के सहयोग से सहायता करता है।
- विदेश मंत्रालय अपने नए उभरते और सामरिक प्रौद्योगिकी (एनईएसटी) प्रभाग के माध्यम से प्रौद्योगिकी शासन पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भारत की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित कर रहा है।
आगे की राह
- एक राष्ट्र जो आर्थिक और सामाजिक प्रगति के बीच संतुलन सुनिश्चित करता है, वह अपनी उत्पादकता को बढ़ाकर प्रतिस्पर्द्धात्मकता और समृद्धि को प्राप्त कर सकता है।
- इसलिये एक ऐसा वातावरण बनाना आवश्यक है जो न केवल व्यवसायों को स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्द्धा करने के लिये प्रेरित करे, बल्कि यह सुनिश्चित करे कि औसत नागरिक के जीवन स्तर में भी सुधार हो।
- सरकारों को कुशल बुनियादी ढांँचे, संस्थानों और नीतियों की विशेषता वाला वातावरण प्रदान करने की आवश्यकता है जो उद्यमों द्वारा स्थायी मूल्य निर्माण को प्रोत्साहित करते हैं।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन विश्व के देशों की 'ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स' रैंकिंग ज़ारी करता है? (2017) (a) विश्व आर्थिक मंच उत्तर: (a) व्याख्या:
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