जनगणना रजिस्टरों की अपडेटिंग | 24 Dec 2020
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के रजिस्ट्रार जनरल (Registrar General of India- RGI) ने सभी राज्य समन्वयकों को जनगणना रजिस्टर अपडेट करने का आदेश दिया है।
- जनगणना किसी दी गई आबादी के सदस्यों की व्यवस्थित तरीके से गणना करने, उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने तथा उसे अभिलेखित/रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया है।
प्रमुख बिंदु:
- आदेश के बारे में: RGI ने सभी राज्य समन्वयकों को "चार्ज रजिस्टर" में क्षेत्र, इलाके, कॉलोनी या एक इमारत के नाम को अपडेट करने का आदेश दिया है।
- चार्ज रजिस्टर: चार्ज रजिस्टर प्रगणकों के बीच काम के वितरण को दर्शाता है और प्रत्येक अधिकारी द्वारा निरीक्षण किये जाने वाले हाउस लिस्टिंग ब्लॉक (HLB) को चिह्नित करता है।
- HLB डेटा संग्रह की प्राथमिक इकाई है।
- चार्ज रजिस्टर का उपयोग:
- यह जनगणना से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो गणनाकर्त्ताओं को प्रथम चरण के दौरान जनगणना के लिये घरों की सूची, आवास जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register-NPR) संबंधी विवरण एकत्र करने में मदद करेगा।
- इस रजिस्टर का उपयोग NPR की अपडेटिंग से संबंधित फील्ड वर्क में किया जाएगा क्योंकि जनगणना तथा NPR की अपडेटिंग दोनों में समान कार्यकर्त्ता ही शामिल होंगे।
निहितार्थ:
- कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना के कार्य को अनिश्चित काल के लिये निलंबित कर दिया गया था। RGI का आदेश इस बात का एक संकेत हो सकता है कि निकट भविष्य में जनगणना प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
भारत का महापंजीयक
(Registrar General of India)
- वर्ष 1951 की जनगणना तक जनगणना संगठन की स्थापना प्रत्येक जनगणना के लिये तदर्थ आधार (Ad-hoc Basis) पर की गई थी।
- भारत सरकार ने वर्ष 1949 महापंजीयक और पदेन जनगणना आयुक्त के तहत गृह मंत्रालय में एक ऐसे संगठन की स्थापना की जो जनसंख्या के आकार तथा उसके विकास आदि पर आँकड़ों का व्यवस्थित संग्रह विकसित करे।
- बाद में, इस कार्यालय को देश में जन्म और मृत्यु अधिनियम, 1969 के पंजीकरण के कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई।
- यह भारत की जनगणना और भारत के भाषाई सर्वेक्षण सहित भारत के जनसांख्यिकीय सर्वेक्षण के परिणामों की व्यवस्था, संचालन और विश्लेषण करता है।
- भारत की जनगणना: यह देश की जनसंख्या के आकार, वितरण एवं सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसांख्यिकी तथा अन्य विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- वर्ष 2011 तक भारत में प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल पर आयोजित की जाने वाली जनगणना का आयोजन 15 बार किया गया है।
- भारत में वर्ष 1872 में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत लाॅर्ड मेयो के कार्यकाल में पहली बार देशव्यापी जनगणना कराई गई। वर्ष 1881 में पहली बार जनगणना के लिये अलग विभाग बनाया गया।
- इसकी ज़िम्मेदारी सेंसस कमिश्नर को सौंपी गई, भारत में यह पद वर्ष 1941 तक रहा।
- वर्ष 1949 में इस पद का नाम बदलकर रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर यानी महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कर दिया गया।
- वर्ष 1949 में भारत सरकार ने इस विभाग को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया तब से यह विभाग प्रत्येक 10 वर्ष पर जनगणना आयोजित करवाता है।
- भारत का भाषाई सर्वेक्षण: भारत के वर्तमान भाषाई सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य एक अद्यतन भाषाई परिदृश्य प्रस्तुत करना है।
- इसका आयोजन प्रत्येक दस वर्ष के अंतराल पर आयोजित होने वाले जनगणना अभ्यास के साथ ही किया जाता है।
- यह संबंधित राज्यों में सामाजिक/शैक्षिक योजनाकारों द्वारा परिकल्पित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक जानकारी भी प्रदान करता है।
- भारत का पहला भाषाई सर्वेक्षण वर्ष 1928 में जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन द्वारा प्रकाशित किया गया था।
- भारत की जनगणना: यह देश की जनसंख्या के आकार, वितरण एवं सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसांख्यिकी तथा अन्य विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- प्रायः एक सिविल सेवक को ही रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किया जाता है जिसकी रैंक संयुक्त सचिव के पद के समान होती है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)
- यह ‘देश के सामान्य निवासियों’ की एक सूची है जो नागरिकता अधिनियम 1955 तथा नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियम 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-ज़िला, ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जाती है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में पंजीकरण कराना भारत के प्रत्येक ‘सामान्य निवासी’ के लिये अनिवार्य है।
- देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस एकत्र करने के लिये वर्ष 2010 में इसकी शुरुआत की गई थी।
- वर्ष 2015 में डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से इस डेटा को और अधिक अपडेट किया गया।