UDISE+ 2019-20 रिपोर्ट | 05 Jul 2021
प्रिलिम्स के लिये:यूनाइटेड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) मेन्स के लिये:भारत में स्कूली शिक्षा की स्थिति और इसमें सुधार हेतु सरकार द्वारा किये गए प्रयास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भारत में स्कूली शिक्षा के लिये ‘यूनाइटेड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस’ (UDISE+) 2019-20 रिपोर्ट जारी की है।
यूनाइटेड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+)
- यह स्कूली शिक्षा पर सबसे बड़ी प्रबंधन सूचना प्रणाली में से एक है। इसे वर्ष 2018-2019 में डेटा प्रविष्टि में तेज़ी लाने, त्रुटियों को कम करने, डेटा गुणवत्ता में सुधार करने और डेटा सत्यापन को आसान बनाने हेतु लॉन्च किया गया था।
- यह स्कूल और उसके संसाधनों से संबंधित कारकों के विषय में विवरण एकत्र करने संबंधी एक एप्लीकेशन है।
- यह UDISE का एक अद्यतित और उन्नत संस्करण है, जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012-13 में शुरू किया गया था।
- इसमें 1.5 मिलियन से अधिक स्कूल, 8.5 मिलियन शिक्षक और 250 मिलियन बच्चे शामिल हैं।
- यह भारत भर के सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के शिक्षा मानकों को मापने में मदद करता है।
प्रमुख बिंदु:
कुल छात्र:
- वर्ष 2019-20 में प्री-प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक स्कूली शिक्षा में कुल विद्यार्थियों की संख्या 26.45 करोड़ के पार पहुँच गई है। यह 2018-19 की तुलना में 42.3 लाख अधिक है।
सकल नामांकन अनुपात:
- स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सकल नामांकन अनुपात (GER) में 2018-19 की तुलना में 2019-20 में सुधार हुआ है।
- उच्च प्राथमिक स्तर 87.7% से बढ़कर 89.7% हो गया।
- प्राथमिक स्तर 96.1% से बढ़कर 97.8% हो गया।
- माध्यमिक स्तर 76.9% से बढ़कर 77.9% हो गया।
- हायर सेकेंडरी लेवल 50.1% से बढ़कर 51.4% हो गया।
- GER शिक्षा के किसी दिये गए स्तर में नामांकित छात्रों की संख्या है, चाहे वह किसी भी उम्र के हों, शिक्षा के समान स्तर के अनुरूप आधिकारिक स्कूल-आयु की आबादी के प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है।
छात्र अध्यापक अनुपात:
- वर्ष 2019-20 में 96.87 लाख शिक्षक विद्यालयी शिक्षा में संलग्न थे। यह वर्ष 2018-19 की तुलना में लगभग 2.57 लाख अधिक हैं।
- स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर छात्र शिक्षक अनुपात में सुधार हुआ है।
दिव्यांग छात्रों का नामांकन:
- वर्ष 2018-19 की तुलना में दिव्यांग छात्रों के नामांकन में 6.52% की वृद्धि हुई है।
लड़कियों का नामांकन:
- वर्ष 2019-20 में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक लड़कियों का नामांकन 12.08 करोड़ से अधिक है। इसमें वर्ष 2018-19 की तुलना में 14.08 लाख की वृद्धि हुई है।
लिंग समानता सूचकांक:
- वर्ष 2012-13 और 2019-20 के बीच माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक दोनों स्तरों पर लिंग समानता सूचकांक (GPI) में सुधार हुआ है।
- प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक शिक्षा में GPI, शिक्षा के प्राथमिक, माध्यमिक व तृतीयक स्तरों पर नामांकित महिला छात्रों की संख्या तथा प्रत्येक स्तर पर पुरुष छात्रों की संख्या का अनुपात है।
- उच्चतर माध्यमिक स्तर पर GPI में सर्वाधिक सुधार हुआ है, जो वर्ष 2012-13 के 0.97 से 2019-20 में 1.04 हो गया है।
स्कूलों में सुविधाएँ:
- विद्युत: 2019-20 में भारत के 80% से अधिक स्कूलों में कार्यात्मक बिजली थी। इसमें पिछले वर्ष 2018-19 की तुलना में 6% से अधिक का सुधार है।
- कंप्यूटर: कार्यात्मक कंप्यूटर वाले स्कूलों की संख्या 2018-19 में 4.7 लाख से बढ़कर 2019-20 में 5.2 लाख हो गई।
- इंटरनेट: इंटरनेट सुविधा वाले स्कूलों की संख्या 2018-19 के 2.9 लाख से बढ़कर 2019-20 में 3.36 लाख हो गई।
- हाथ धोने की सुविधा: 2019-20 में भारत के 90% से अधिक स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा थी। यह एक बड़ा सुधार है क्योंकि 2012-13 में यह सुविधा केवल 36.3% थी।
- मेडिकल चेक-अप: 2019-20 में 82% से अधिक स्कूलों ने छात्रों का मेडिकल चेक-अप किया, जो पिछले वर्ष 2018-19 की तुलना में 4% से अधिक है।
कुछ महत्त्वपूर्ण सरकारी पहलें:
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020
- सर्व शिक्षा अभियान
- मध्याह्न भोजन योजना
- शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ