तियानवेन-1 : चीन का मंगल मिशन | 21 May 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चीनी अंतरिक्षयान तियानवेन-1 ( Tianwen-1) ने प्रथम मार्स रोवर ज़्यूरोंग (Zhurong) के साथ मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया।
- यह अमेरिका और सोवियत संघ के बाद मंगल ग्रह पर उतरने वाला तीसरा देश बन गया।
- इससे पूर्व चीन का 'यिंगहुओ -1'(Yinghuo-1) मंगल मिशन, जो एक रूसी अंतरिक्षयान द्वारा समर्थित था, वर्ष 2012 में अंतरिक्षयान पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं निकलने के कारण तथा इसके प्रशांत महासागर के ऊपर विघटित होने के पश्चात् विफल हो गया था।
प्रमुख बिंदु:
तियानवेन-1 मिशन के बारे में:
- लॉन्च:
- जुलाई 2020 में तियानवेन -1 अंतरिक्षयान को वेनचांग प्रक्षेपण केंद्र से लांग मार्च 5 रॉकेट (Long March 5) द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
- इसके तीन भाग या चरण है :
- इस अंतरिक्षयान में तीन भाग हैं - ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर जो मंगल की कक्षा में पहुँचने के बाद अलग हो गए।
- ऑर्बिटर वैज्ञानिक संचालन और संकेतों को रिले करने के लिये मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित है, जबकि लैंडर-रोवर को संयोजित रूप से मंगल की सतह पर स्थापित किया गया।
- तियानवेन-1 का लैंडर मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित, ‘यूटोपिया प्लैनिटिया’ (Utopia Planitia) नामक एक बड़े मैदान में उतरा है।
- उद्देश्य:
- इसका प्रमुख उद्देश्य मंगल ग्रह की मिट्टी, भूवैज्ञानिक संरचना, पर्यावरण, वायुमंडल और पानी की वैज्ञानिक जाँच करना है।
- यह मंगल ग्रह की सतह पर भू-गर्भीय रडार (ground-penetrating radar) स्थापित करने वाला पहला मिशन होगा, जो स्थानीय भूविज्ञान के साथ-साथ चट्टान, बर्फ और धूल कणों (dirt) के वितरण का अध्ययन करने में सक्षम होगा।
- इसका प्रमुख उद्देश्य मंगल ग्रह की मिट्टी, भूवैज्ञानिक संरचना, पर्यावरण, वायुमंडल और पानी की वैज्ञानिक जाँच करना है।
चीन के अन्य अंतरिक्ष कार्यक्रम:
अन्य मंगल मिशन:
- नासा का ‘पर्सिवरेंस’ रोवर
- संयुक्त अरब अमीरात का ‘होप’ मंगल मिशन [संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का पहला इंटरप्लेनेटरी ‘होप’ मिशन]
- भारत का मंगल ऑर्बिटर मिशन (MOM) या मंगलयान:
- इसे नवंबर 2013 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
- यह पीएसएलवी सी-25 रॉकेट द्वारा मंगल ग्रह की सतह और खनिज संरचना के अध्ययन के साथ-साथ मीथेन (मंगल पर जीवन का एक संकेतक) की खोज करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
मंगल ग्रह (Mars)
- आकार एवं दूरी (Size and Distance):
- यह सूर्य से चौथे स्थान पर स्थित ग्रह है और सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।
- मंगल, पृथ्वी के व्यास या आकार का लगभग आधा है।
- पृथ्वी से समानता (कक्षा और घूर्णन):
- मंगल सूर्य की परिक्रमा करता है, यह 24.6 घंटे में एक चक्कर पूरा करता है, जो कि पृथ्वी पर एक दिन (23.9 घंटे) के समान है।
- मंगल का अक्षीय झुकाव 25 डिग्री है। यह पृथ्वी के लगभग समान है, जो कि 23.4 डिग्री के अक्षीय झुकाव पर स्थित है।
- पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह पर भी अलग-अलग मौसम पाए जाते हैं, लेकिन वे पृथ्वी के मौसम की तुलना में लंबी अवधि के होते हैं क्योंकि सूर्य की परिक्रमा करने में मंगल अधिक समय लेता है।
- मंगल ग्रह के दिनों को सोल (sols) कहा जाता है, जो 'सौर दिवस' का लघु रूप है।
- अन्य विशेषताएँ :
- मंगल के लाल दिखने का कारण इसकी चट्टानों में लोहे का ऑक्सीकरण, जंग लगना और धूल कणों की उपस्थिति है, इसलिये इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है
- मंगल ग्रह पर सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी स्थित है, जिसे ओलंपस मॉन्स (Olympus Mons) कहते हैं।
- मंगल के दो छोटे उपग्रह हैं- फोबोस और डीमोस।