स्वामी फंड | 18 May 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने सस्ते और मध्यम आय वाले आवासों (Special Window for Affordable & Mid-Income Housing- SWAMIH) के लिये विशेष विंडो के माध्यम से अपनी पहली आवासीय परियोजना पूरी की।
- उपनगर मुंबई में स्थित आवासीय परियोजना, रिवाली पार्क, भारत की पहली ऐसी आवासीय परियोजना थी जिसे स्वामी फंड के तहत धन प्राप्त हुआ था।
प्रमुख बिंदु
- स्वामी फंड के बारे में:
- यह सरकार समर्थित फंड है जिसे सेबी के साथ पंजीकृत श्रेणी- II AIF (वैकल्पिक निवेश कोष) ऋण फंड के रूप में स्थापित किया गया था, इसे वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था।
- स्वामी इन्वेस्टमेंट फंड (SWAMIH Investment Fund) का गठन RERA-पंजीकृत किफायती और मध्यम आय वर्ग की आवास परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने के लिये किया गया था, जो धन की कमी के कारण रुकी हुई है।
- फंड का निवेश प्रबंधक SBICAP वेंचर्स (SBICAP Ventures) है जो कि SBI कैपिटल मार्केट्स के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
- SBI कैपिटल मार्केट्स, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
- भारत सरकार की ओर से कोष का प्रायोजक वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग का सचिव है।
रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण
- शुरुआत:
- रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) 2016 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो 1 मई, 2017 से पूरी तरह से लागू हुआ।
- अधिनियम ने रियल एस्टेट क्षेत्र के नियमन के लिये प्रत्येक राज्य में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (Real Estate Regulatory Authority- RERA) की स्थापना की और त्वरित विवाद समाधान के लिये एक निर्णायक निकाय के रूप में भी कार्य करता है।
- रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) 2016 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो 1 मई, 2017 से पूरी तरह से लागू हुआ।
- लक्ष्य:
- यह घर-खरीदारों के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ रियल एस्टेट की बिक्री/खरीद में दक्षता और पारदर्शिता लाकर रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने में मदद करता है।
- वैकल्पिक निवेश कोष (AIF):
- AIF का अर्थ भारत में स्थापित या निगमित कोई भी फंड है जो एक निजी रूप से जमा निवेश वाहन है जो अपने निवेशकों के लाभ के लिये एक परिभाषित निवेश नीति के अनुसार निवेश करने के लिये परिष्कृत निवेशकों, चाहे भारतीय हो या विदेशी, से धन एकत्र करता है।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) विनियम (AIF), 2012 के विनियम 2(1)(बी) में AIF की परिभाषा निर्धारित की गई है।
- एक कंपनी या एक सीमित देयता भागीदारी (Limited Liability Partnership- LLP) के माध्यम से एक वैकल्पिक निवेश कोष स्थापित किया जा सकता है।
- AIF में फंड प्रबंधन गतिविधियों को विनियमित करने के लिये सेबी (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996, सेबी (सामूहिक निवेश योजना) विनियम, 1999 या बोर्ड के किसी अन्य विनियम के तहत शामिल धन शामिल नहीं है।
- अन्य छूटों में परिवार ट्रस्ट (Family Trusts), कर्मचारी कल्याण ट्रस्ट (Employee Welfare Trusts) या ग्रेच्युटी ट्रस्ट (Gratuity Trusts) शामिल हैं।
- AIF की श्रेणियाँ:
- श्रेणी-I:
- इन फंडों का उन व्यवसायों में धन निवेश किया जाता है जिनमें वित्तीय वृद्धि की क्षमता होती है जैसे- स्टार्ट-अप, लघु और मध्यम उद्यम।
- सरकार इन उपक्रमों में निवेश को प्रोत्साहित करती है क्योंकि उच्च उत्पादन और रोज़गार सृजन के संबंध में उनका अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- उदाहरणों में इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Infrastructure Funds), एंजेल फंड (Angel Funds), वेंचर कैपिटल फंड (Venture Capital Funds) और सोशल वेंचर फंड (Social Venture Funds) शामिल हैं।
- श्रेणी- II:
- इस श्रेणी के तहत इक्विटी प्रतिभूतियाँ और ऋण प्रतिभूतियाँ में निवेश किये गए फंड शामिल हैं। वे फंड जो पहले से क्रमशः श्रेणी I और III के अंतर्गत नहीं आते हैं, उन्हें भी शामिल किया गया है। श्रेणी II AIF के लिये किये गए किसी भी निवेश के लिये सरकार द्वारा कोई रियायत नहीं दी जाती है।
- उदाहरणतः रियल एस्टेट फंड (Real Estate Fund), ऋण फंड (Debt Fund), निजी इक्विटी फंड (Private Equity Fund)।
- श्रेणी- III:
- श्रेणी-III AIF वे फंड हैं जो कम समय में रिटर्न देते हैं। ये फंड अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये जटिल और विविध व्यापारिक रणनीतियों का उपयोग करते हैं। विशेष रूप से सरकार द्वारा इन निधियों के लिये कोई ज्ञात रियायत या प्रोत्साहन नहीं दिया गया है।
- उदाहरणतः इसमें हेज कोष (Hedge Fund), सार्वजनिक इक्विटी कोष में निजी निवेश (Private Investment In Public Equity Fund) आदि शामिल हैं।
- श्रेणी-I:
स्रोत: पी.आई.बी.