पीएम-दक्ष योजना | 16 Mar 2022
प्रिलिम्स के लिये:पीएम-दक्ष योजना, कौशल विकास से संबंधित पहल। मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, हाशिये पर रह रहे समूहों को कौशल प्रदान करने में पीएम-दक्ष योजना का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने लोकसभा को सूचित किया कि वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 के दौरान पीएम-दक्ष (प्रधानमंत्री दक्ष और कुशल संपन्न हितग्राही) योजना के तहत क्रमशः 44.79 करोड़ एवं 79.48 करोड़ रुपए की धनराशि निर्धारित की गई है।
- इससे पहले मंत्रालय ने लक्षित समूहों- अनुसूचित जाति (SC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EBC), विमुक्त जनजातियाँ, सफाई कर्मचारियों के लिये कौशल विकास योजनाओं को सुलभ बनाने हेतु 'पीएम-दक्ष' पोर्टल और 'पीएम-दक्ष' मोबाइल एप लॉन्च किया था।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- पीएम-दक्ष योजना वर्ष 2020-21 से लागू की गई है।
- इसके तहत पात्र लक्ष्य समूहों के कौशल विकास हेतु अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे अप-स्किलिंग/रिस्किलिंग; उद्यमिता विकास कार्यक्रम और दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
- ये प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा गठित क्षेत्र कौशल परिषदों एवं अन्य विश्वसनीय संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित किये जा रहे हैं।
- अर्हता:
- अनुसूचित जाति (SC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग, विमुक्त जनजाति, कचरा बीनने वाले, हाथ से मैला ढोने वाले, ट्रांसजेंडर और अन्य समान श्रेणियों के हाशिये पर रहने वाले व्यक्ति।
- कार्यान्वयन:
- यह कार्य मंत्रालय के तहत तीन निगमों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है:
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (NSFDC),
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम ((NBCFDC),
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (NSKFDC)
- यह कार्य मंत्रालय के तहत तीन निगमों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है:
- लक्षित समूहों के कौशल विकास प्रशिक्षण की स्थिति:
- पिछले 5 वर्षों में लक्षित समूहों के 2,73,152 लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है।
- वर्ष 2021-22 के दौरान इन तीनों निगमों के माध्यम से लक्षित समूहों के लगभग 50,000 लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
योजना का महत्त्व:
- न्यूनतम आर्थिक संपत्ति:
- लक्षित समूहों के अधिकांश व्यक्तियों के पास न्यूनतम आर्थिक संपत्ति है, इसलिये, हाशिये पर स्थित इन लक्षित समूहों के आर्थिक सशक्तीकरण/उत्थान हेतु प्रशिक्षण का प्रावधान करना और उनकी दक्षताओं को बढ़ाना आवश्यक है।
- कारीगरों की ग्रामीण श्रेणी की सहायता:
- लक्षित समूहों के कई व्यक्ति ग्रामीण कारीगरों की श्रेणी से संबंधित हैं जो बाज़ार में बेहतर तकनीकों के आने के कारण हाशिये पर चले गए हैं।
- महिलाओं का सशक्तीकरण:
- महिलाओं को उनकी समग्र घरेलू मजबूरियों के कारण मज़दूरी, रोज़गार में शामिल नहीं किया जा सकता है जिसमें आमतौर पर लंबे समय तक काम करने के घंटे और कभी-कभी दूसरे शहरों में प्रवास करना शामिल होता है, इन लक्षित समूहों के मध्य महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
कौशल विकास से संबंधित पहलें:
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0: इसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा वर्ष 2021 में 300 से अधिक कौशल पाठ्यक्रम उपलब्ध कराकर भारत के युवाओं को रोज़गार योग्य कौशल के साथ सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- राष्ट्रीय कॅरियर सेवा परियोजना: इसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था, योजना के तहत पंजीकृत रोज़गार चाहने वाले युवाओं को निशुल्क ऑनलाइन कॅरियर कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह परियोजना ‘केंद्रीय रोज़गार एवं श्रम मंत्रालय’ के महानिदेशालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- आजीविका संवर्द्धन हेतु कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (SANKALP) योजना: यह योजना अभिसरण एवं समन्वय के माध्यम से ज़िला-स्तरीय कौशल पारिस्थितिकी तंत्र पर ध्यान केंद्रित करती है। यह विश्व बैंक के सहयोग से शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- कौशल्याचार्य पुरस्कार: इस पुरस्कार को कौशल प्रशिक्षकों द्वारा दिये गए योगदान को मान्यता देने और अधिक प्रशिक्षकों को कौशल भारत मिशन में शामिल होने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिये श्रेयस (SHREYAS): मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (National Apprenticeship Promotional Scheme-NAPS) के माध्यम से आगामी सत्र के सामान्य स्नातकों को उद्योग शिक्षुता अवसर प्रदान करने के लिये उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण और कौशल (SHREYAS) योजना शुरू की गई है।
- आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी-नियोक्ता मानचित्रण यानी ‘असीम’ (ASEEM) पोर्टल: वर्ष 2020 में शुरू किया गया यह पोर्टल कौशल युक्त लोगों को स्थायी आजीविका के अवसर खोजने में मदद करता है।
विगत वर्षों के प्रश्नप्र. ‘पूर्व अधिगम की मान्यता स्कीम (रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग स्कीम)’ का कभी-कभी समाचारों में किस संदर्भ में उल्लेख किया जाता है? (a) निर्माण कार्य में लगे कर्मकारों के पारंपरिक मार्गों से अर्जित कौशल का प्रमाणन। उत्तर: (a) प्र. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 1. यह श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय की फ्लैगशिप स्कीम है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) |