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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

नैटान्ज़: ईरान की भूमिगत परमाणु सुविधा

  • 06 Jul 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

नैटान्ज़,  ट्राईनाईट्रोटॉलूइन, स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस 

मेन्स के लिये:

संयुक्त व्यापक क्रियान्वयन योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, ईरान की एक भूमिगत परमाणु सुविधा; जो यूरेनियम को समृद्ध करने के लिये कार्य करती है, में आग लगने की दुर्घटना हुई है। 

प्रमुख बिंदु:

  • समृद्ध यूरेनियम, यूरेनियम का एक विशेष प्रकार है, जिसमें यूरेनियम-235 की प्रतिशत मात्रा बढ़ाई जाती है। 

नैटान्ज़ (Natanz):

यूरेनियम संवर्द्धन (Uranium Enrichment): 

  • यूरेनियम संवर्द्धन एक संवेदनशील प्रक्रिया है जो परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिये ईंधन का उत्पादन करती है। सामान्यतः इसमें यूरेनियम-235 और यूरेनियम-238 के आइसोटोप का प्रयोग किया जाता है। 
  • यूरेनियम संवर्द्धन के लिये सेंट्रीफ्यूज (Centrifuges) में गैसीय यूरेनियम को शामिल किया जाता है।

नैटान्ज़ विवाद:

  • IAEA का निरीक्षण: 
    • नैटान्ज़ तब चर्चा में आया जब IAEA ने यहाँ विस्फोटक नाइट्रेट्स के सफल परीक्षण की आशंका के बाद अक्तूबर, 2019 में निरीक्षण का निर्णय किया परंतु ईरान ने IAEA इंस्पेक्टर को सुविधा के निरीक्षण की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
      • नाइट्रेट एक सामान्य उर्वरक हैं, हालाँकि जब इसे उचित मात्रा में ईंधन के साथ मिलाया जाता है, तो सामग्री ट्राईनाईट्रोटॉलूइन (Trinitrotoluene- TNT) के रूप में शक्तिशाली विस्फोटक बन सकती है।
  • स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस (Stuxnet Computer Virus):
    • इसे वर्ष 2010 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के दौरान पश्चिमी देशों अमेरिका तथा इज़राइल द्वारा निर्मित वायरस माना जाता है, जिसका उद्देश्य ईरान के नैटान्ज़ परमाणु कार्यक्रम को बाधित और नष्ट करना था।

ईरान की प्रतिक्रिया:

  • ईरान ने इसे गैस रिसाव विस्फोट की सामान्य 'घटना' (Incident) माना है जिससे केवल एक निर्माणाधीन 'औद्योगिक शेड' प्रभावित हुई है।
  • हालाँकि कुछ पत्रकारों ने फोटो के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की है कि यह सामान्य घटना नहीं है तथा इससे व्यापक निर्माण सामग्री प्रभावित हुई है।  

संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिक्रिया: 

  • अमेरिका ने मई 2018 में परमाणु समझौते से खुद को एकतरफा वापस ले लिया है क्योंकि उसका मानना था कि ईरान लगातार JCPOA द्वारा निर्धारित सभी उत्पादन सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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