मालाबार नौसैनिक अभ्यास एवं ऑस्ट्रेलिया | 20 Oct 2020
प्रिलिम्स के लियेमालाबार नौसैनिक अभ्यास, क्वाड समूह मेन्स के लियेमालाबार नौसैनिक अभ्यास में क्वाड की भूमिका |
चर्चा में क्यों?
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि मालाबार, 2020 नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया शामिल होगा।
प्रमुख बिंदु:
- मालाबार, 2020 में क्वाड समूह (Quad Group) के चारों देशों भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएँ एक साथ युद्धाभ्यास करेंगी।
- अगस्त 2020 में रक्षा मंत्रालय की एक महत्त्वपूर्ण बैठक में ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित करने के मुद्दे पर चर्चा हुई परंतु कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका।
- भारत द्वारा समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाता रहा है और इसी आलोक में ऑस्ट्रेलिया के साथ बढ़ते रक्षा सहयोग के चलते मालाबार, 2020 में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की भागीदारी होगी।
- मालाबार, 2020 नौसैनिक अभ्यास का आयोजन नवंबर के अंत में किया जाना है और अक्तूबर के अंत में अभ्यास के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिये एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी।
- यह औपचारिक रूप से क्वाड समूह के चार देशों की नौसेनाओं को एक साथ लाएगा।
ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया:
- ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत के निमंत्रण पर ऑस्ट्रेलिया नौसैनिक अभ्यास मालाबार, 2020 में भाग लेगा। यह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की क्षमता को बढ़ाएगा ताकि शांति और स्थिरता कायम रहे।
- ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मालाबार जैसे उच्च-स्तरीय नौसैन्य अभ्यास ऑस्ट्रेलिया की समुद्री क्षमता को बढ़ाने, एक खुले और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का समर्थन करने तथा सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
पूर्व आयोजन:
- यह वार्षिक नौसेना अभ्यास वर्ष 2018 में फिलीपींस के गुआम तट पर और वर्ष 2019 में जापान में आयोजित हुआ था।
- इस वर्ष मालाबार नौसैनिक अभ्यास को ‘समुद्र में बिना संपर्क' (Non-Contact - at Sea) प्रारूप (Theme) पर आयोजित किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया को मालाबार नौसैनिक अभ्यास में शामिल करने से संबंधित मुद्दा:
- 6 अक्तूबर, 2020 को टोक्यो में आयोजित क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में ऑस्ट्रेलिया को मालाबार अभ्यास में शामिल करने पर चर्चा हुई थी। तब भारत ने सकारात्मक संकेत दिये थे, लेकिन चीन ने इस पर ऐतराज जताया था।
- चीन द्वारा अनिच्छा प्रकट किये जाने के बाद भी भारत ने कहा कि मालाबार नौसेनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के प्रवेश के लिये द्वार खुले हैं।
- ऑस्ट्रेलिया वर्ष 2007 में एक बार अभ्यास में शामिल हुआ था लेकिन चीन की आपत्तियों के बाद वह इससे अलग हो गया था। तब ऑस्ट्रेलिया ने इस अभ्यास में पर्यवेक्षक का दर्जा पाने के लिये अनुरोध किया।
- तब भारत भी ऑस्ट्रेलिया के अनुरोध को स्वीकार करने का अनिच्छुक था, परंतु वर्तमान में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग काफी बढ़ गया है।
- यह नौसैनिक अभ्यास भारत द्वारा अमेरिका के साथ चार मूलभूत समझौतों में से तीन पर हस्ताक्षर करने और अमेरिका से रक्षा खरीद बढ़ाने, अंतर-क्षमता को सक्षम करने के क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
- जापान और अमेरिका भी मालाबार, 2020 में ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने के लिये भारत पर दबाव डाल रहे हैं।
- भारत और जापान के साथ सितंबर में एक सैन्य रसद समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ ही अब भारत के अन्य क्वाड राष्ट्रों के साथ इस तरह के समझौते हैं।
- भारत ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ ‘मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस’ (Maritime Domain Awareness- MDA) के लिये समुद्री सूचना साझाकरण समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं और इसी तरह के समझौते के लिये अमेरिका के साथ चर्चा चल रही है।
मालाबार नौसैनिक अभ्यास
- मालाबार नौसैनिक अभ्यास भारत-अमेरिका-जापान की नौसेनाओं के बीच वार्षिक रूप से आयोजित किया जाने वाला एक त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास है।
- मालाबार नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 1992 में एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में हुई थी।
- वर्ष 2015 में इस अभ्यास में जापान के शामिल होने के बाद से यह एक त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास बन गया।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आयोजित होने वाले अन्य अभ्यास पिच ब्लैक और AUSINDEX हैं।