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भारतीय अर्थव्यवस्था

आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना

  • 03 Nov 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये

आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना, राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड

मेन्स के लिये

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की चुनौतियाँ और इनके विकास हेतु सरकार द्वारा किये गए विभिन्न प्रयास

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) को 30 नवंबर तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि इस योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है।

प्रमुख बिंदु

  • वित्त मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) को 30 नवंबर, 2020 तक या इस योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत होने के समय तक ( इनमें जो भी पहले हो) बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

कारण

  • केंद्र सरकार द्वारा किये गए इस विस्तार का प्राथमिक उद्देश्य योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना है। इसके अलावा त्योहार के मौजूदा सीज़न के दौरान मांग में बढ़ोतरी के मद्देनज़र भी इस प्रकार का निर्णय लिया गया है। 

लाभ

  • इस विस्तार के कारण ऋण लेने वाले ऐसे लोगों को भी इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने का एक अन्य अवसर उपलब्ध होगा जो अब तक इस योजना का लाभ नहीं प्राप्त कर सके हैं।

आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS)

  • पृष्ठभूमि: आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई 2020 में कोरोना वायरस महामारी तथा देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट को कम करने के लिये विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को क्रेडिट प्रदान करने हेतु आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के एक हिस्से के रूप में शुरू किया गया था, जो कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए थे।
  • उद्देश्य: वित्त मंत्री द्वारा घोषित इस योजना का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), व्यावसायिक उद्यमों, तथा मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के उधारकर्त्ताओं को पूरी तरह से गारंटी एवं संपार्श्विक (Collateral) मुक्त अतिरिक्त ऋण प्रदान करना है।
    • इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राशि 29 फरवरी, 2020 तक उनकी कुल बकाया राशि की  20 फीसदी होगी।
    • इस योजना के तहत 100 प्रतिशत संपार्श्विक (Collateral) मुक्त ऋण की गारंटी राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) द्वारा प्रदान की जा रही है, जबकि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFCs) योजना के तहत ऋण प्रदान करती हैं।
  • योग्यता: इस योजना के तहत वे उधारकर्त्ता ऋण प्राप्त करने के लिये पात्र होंगे जिनकी-
    • बकाया राशि 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपए तक है। 
    • वार्षिक कारोबार 250 करोड़ रुपए तक है।
  • अवधि: योजना के तहत प्रदत्त ऋण की अवधि चार वर्ष है, जिसमें मूलधन को चुकाने के लिये एक वर्ष की स्थगन अवधि दी गई है।
  • ब्याज दर: इस योजना के तहत बैंकों द्वारा जारी किये गए ऋण पर 9.25% ब्याज और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non-Banking Financial Companies- NBFCs) द्वारा जारी ऋण पर 14% ब्याज लागू होगा।
  • मौजूदा स्थिति: इस योजना के तहत अभी तक 60.67 लाख लोगों के लिये 2.03 लाख करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 1.48 लाख करोड़ रुपए की राशि वितरित कर दी गई है।

राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC)

  • राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) की स्थापना भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 28 मार्च, 2014 को 10 करोड़ रुपए की प्रदत्त पूंजी के साथ भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में की गई थी।
  • इस कंपनी के गठन का प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न क्रेडिट गारंटी फंडों के लिये एक सामान्य ट्रस्टी कंपनी के रूप में कार्य करना है।
    • ऋण गारंटी कार्यक्रम उधारदाताओं के उधार जोखिम को साझा करने के लिये डिज़ाइन किये जाते हैं और इसके बदले संभावित उधारकर्त्ताओं को वित्त तक पहुँच की सुविधा प्रदान की जाती है।

स्रोत: पी.आई.बी

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