लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन मसौदा, 2021 | 27 May 2021
चर्चा में क्यों?
लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (LDA) के निर्माण के लिये जारी नवीनतम लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन मसौदा, 2021 के प्रति लक्षद्वीप के लोगों द्वारा व्यापक रूप से नाराज़गी व्यक्त की गई है।
प्रमुख बिंदु
परिचय :
- लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण का गठन:
- यह विनियमन सरकार, जिसे प्रशासक के रूप में पहचाना जाता है, को इसके तहत योजना और विकास प्राधिकरणों का गठन करने का अधिकार देता है ताकि “खराब लेआउट या अप्रचलित विकास” के रूप में पहचाने जाने वाले किसी भी क्षेत्र के विकास की योजना बनाई जा सके।
- इस प्रकार बनाया गया एक प्राधिकरण सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्ष, एक नगर नियोजन अधिकारी और दो स्थानीय प्राधिकरण प्रतिनिधियों के अलावा तीन ‘विशेषज्ञ’ सरकारी नामितों के साथ एक निगमित निकाय होगा।
- इन प्राधिकरणों को भूमि उपयोग के नक्शे तैयार करना, भूमि उपयोग के प्रकार के लिये ज़ोन या क्षेत्र निर्धारित करना और प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्गों, मुख्य सड़कों, रिंग रोड, प्रमुख गलियों, रेलवे, ट्रामवे, हवाई अड्डों, थिएटरों, संग्रहालयों आदि के लिये क्षेत्रों को इंगित करना है।
- केवल छावनी क्षेत्रों (cantonment areas) को इससे छूट दी गई है।
- यह विनियमन सरकार, जिसे प्रशासक के रूप में पहचाना जाता है, को इसके तहत योजना और विकास प्राधिकरणों का गठन करने का अधिकार देता है ताकि “खराब लेआउट या अप्रचलित विकास” के रूप में पहचाने जाने वाले किसी भी क्षेत्र के विकास की योजना बनाई जा सके।
- ‘विकास' की परिभाषा:
- यह विकास को भवन, इंजीनियरिंग, खनन, उत्खनन या अन्य कार्यों में संलग्न ऊपरी या निचली भूमि पर किसी पहाड़ी या उसके किसी भाग को काटने या किसी भवन या भूमि में किसी भी भौतिक परिवर्तन या किसी भवन या भूमि के उपयोग के रूप में परिभाषित करता है।
- ज़ोन परिवर्तन के लिये शुल्क:
- यह निर्धारित करता है कि द्वीप वासियों को क्षेत्र परिवर्तन के लिये प्रभावी शुल्क का भुगतान करना होगा।
- इसका तात्पर्य यह है कि विकास योजना के अनुसार क्षेत्रों को परिवर्तित करने या अनुमोदन प्राप्त करने हेतु स्थानीय लोगों को शुल्क का भुगतान करना होगा, साथ ही अपनी भूमि विकसित करने की अनुमति के लिये शुल्क भी देना होगा।
- दंड:
- यह विकास योजना के कार्यों या श्रमिकों के मार्ग में बाधा डालने पर कारावास जैसे दंड का प्रावधान करता है।
लोगों की चिंताएँ:
- अचल संपत्ति हित:
- लोगों को संदेह है कि यह मसौदा ‘अचल संपत्ति हितों’ के इरादे से जारी किया गया हो सकता है जो द्वीप वासियों के स्वामित्व वाली संपत्ति की लघु जोत पर कब्ज़ा करने की कोशिश है, उनमें से अधिकांश (2011 की जनगणना के अनुसार 94.8%) अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित हैं।
- लक्षद्वीप में 'हस्तांतरणीय विकास अधिकार' जैसी अचल संपत्ति विकास अवधारणाओं को शामिल करने के प्रस्तावों ने लोगों के सामूहिक प्रवासन के भय को उत्पन्न किया है।
- ज़बरन स्थानांतरण (पुनर्वास) और निष्कासन:
- इसमें अधिकार के अतिरिक्त ऐसी शक्तियाँ निहित हैं कि यह किसी भी क्षेत्र के लिये व्यापक विकास योजनाएँ तैयार कर सकती है और लोगों को उनकी इच्छाओं के विरुद्ध उनको स्थानांतरित कर सकता है।
- यह ज़बरन निष्कासन का अधिकार देता है, मालिक को प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार अपनी संपत्ति विकसित करने का दायित्व प्रदान करता है और साथ ही गैर-अनुपालन की स्थिति में उन्हें भारी दंड देने का भी प्रावधान करता है।
- संस्कृति का विनाश:
- द्वीप के समुदायों का एक घनिष्ठ समूह है जिसमें परिवार निकटता में रहते हैं। यह विनियमन उनके द्वारा पीढ़ियों से चली आ रही तौर-तरीकों को नष्ट कर देगा।
- पारिस्थितिक चिंताएँ:
- यह मसौदा न तो पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ है और न ही सामाजिक रूप से व्यवहारपूर्ण है तथा इस मसौदे को तैयार करने से पहले स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधियों से सलाह नहीं ली गई थी।
लक्षद्वीप (Lakshadweep)
परिचय:
- 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश, लक्षद्वीप एक द्वीप समूह है, जिसमें कुल 36 द्वीप शामिल हैं।
- यह एक प्रशासक के माध्यम से सीधे केंद्र के नियंत्रण में होता है।
- लक्षद्वीप के अंतर्गत कुल तीन उप-द्वीप समूह शामिल हैं:
- अमीनदीव द्वीप समूह
- लेकाडाइव द्वीप समूह
- मिनिकॉय द्वीप समूह
- अमीनदीव द्वीप समूह सबसे उत्तर में है, जबकि मिनिकॉय द्वीप समूह सबसे दक्षिण में है।
- यहाँ के सभी छोटे द्वीप प्रवाल मूलक (एटोल) हैं और ये चारों तरफ से फ्रिंजिंग रीफ से घिरे हुए हैं।
- राजधानी कवारत्ती लक्षद्वीप की राजधानी यहाँ का सबसे प्रमुख शहर है।
- पिट्टी द्वीप में एक पक्षी अभयारण्य है। यह एक निर्जन द्वीप है।
जनसंख्या:
- यहाँ की 93% से अधिक आबादी स्वदेशी हैं जिनमें मुस्लिम धर्म के अधिकांश सुन्नी संप्रदाय के शफी पंथ (Shafi School) से संबंधित हैं।
- यहाँ के सभी द्वीपों (मिनिकॉय को छोड़कर) में मलयालम भाषा बोली जाती है, यहाँ के स्थानीय लोग महल (Mahl) बोली बोलते हैं जो दिवेही (Divehi) लिपि में लिखी जाती है और यह मालदीव में भी बोली जाती है।
- सभी स्वदेशी आबादी को उनके आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के कारण अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस केंद्रशासित प्रदेश में कोई अनुसूचित जाति नहीं है।
- लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना, नारियल की खेती और रस्सी बनाना (Coir Twisting) है। यहाँ पर्यटन एक उभरता हुआ उद्योग है।
जैविक कृषि क्षेत्र: हाल ही में भारत की भागीदारी गारंटी प्रणाली (PGS) के तहत संपूर्ण लक्षद्वीप को एक जैविक कृषि क्षेत्र घोषित किया गया है।