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कृषि

जैविक कृषि क्षेत्र: लक्षद्वीप

  • 09 Dec 2020
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार की भागीदारी गारंटी प्रणाली (PGS) के तहत संपूर्ण लक्षद्वीप को एक जैविक कृषि क्षेत्र घोषित किया गया है।

भागीदारी गारंटी प्रणाली (PGS)

  • यह जैविक उत्पादों को प्रमाणित करने की एक प्रक्रिया है, जो सुनिश्चित करती है कि उनका उत्पादन निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया जाए।
    • यह प्रमाणन प्रलेखित लोगो (Documented Logo) या वचन (Statement) के रूप में होता है।
  • इसका कार्यान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • PGS प्रमाणीकरण केवल उन किसानों या समुदायों के लिये है, जो एक गाँव अथवा आस-पास के अन्य क्षेत्रों के भीतर समूह के रूप में संगठित होकर कार्य कर सकते हैं। साथ ही यह केवल कृषि गतिविधियाँ जैसे कि फसल उत्पादन, प्रसंस्करण, पशु पालन और ऑफ-फार्म प्रसंस्करण आदि पर ही लागू होता है। 

प्रमुख बिंदु

  • लक्षद्वीप 100 प्रतिशत ऑर्गेनिक क्षेत्र बनने वाला देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश है, जहाँ सभी प्रकार की कृषि गतिविधियाँ पूर्णतः सिंथेटिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना की जाती हैं, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित खाद्य विकल्प प्राप्त होता है। साथ ही यहाँ कृषि पर्यावरण-अनुकूल गतिविधि बन गई है।
    • इससे पूर्व वर्ष 2016 में सिक्किम भारत का पहला 100 प्रतिशत जैविक राज्य बना था।
  • लक्षद्वीप के कृषि विभाग ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को प्रदेश के संपूर्ण 32 वर्ग किलोमीटर के भौगोलिक क्षेत्र को जैविक क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव भेजा था।
    • इसके बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने केंद्र सरकार की परंपरागत कृषि विकास योजना (जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने संबंधी योजना) के तहत आवश्यक प्रमाणन और प्रख्यापन प्राप्त करने के बाद लक्षद्वीप के संपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र को जैविक क्षेत्र घोषित कर दिया।

पृष्ठभूमि 

  • ध्यातव्य है कि अक्तूबर 2017 में लक्षद्वीप प्रशासन ने सभी द्वीपों को रासायनिक मुक्त क्षेत्र बनाने के उद्देश्य से कृषि प्रयोजनों के लिये किसी भी प्रकार के सिंथेटिक रसायनों की बिक्री और उपयोग पर औपचारिक प्रतिबंध लगा दिया था।

लाभ

  • इससे जैविक उत्पादों जैसे कि नारियल और नारियल का दूध आदि का बेहतर विपणन संभव हो सकेगा।
  • जैविक टैग के साथ लक्षद्वीप के किसानों को अपने कृषि उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता प्राप्त होगी।
  • लक्षद्वीप के नारियल किसानों के खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित केंद्र सरकार के ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’ (ODOP) कार्यक्रम से लाभान्वित होने की उम्मीद है।
  • इसके तहत पूरे केंद्रशासित प्रदेश को एक ही ज़िले के रूप में माना जा रहा है और नारियल तेल को उत्पाद के रूप में स्वीकार किया गया है।

फसल पैटर्न

  • लक्षद्वीप में नारियल एकमात्र प्रमुख फसल है और वह भी छह माह तक निष्क्रिय रहती है।
    • लक्षद्वीप का नारियल प्रसंस्करण उद्योग एक वर्ष में केवल छह माह के लिये ही काम करता है, क्योंकि इस दौरान मौसम शुष्क होता है, वहीं मई से दिसंबर माह के बीच इस उद्योग में लगभग ठहराव आ जाता है और गतिविधियाँ लगभग रुक जाती हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है।
    • इस वजह से लक्षद्वीप प्रशासन ड्रायर (सुखाने की मशीन) और इसी प्रकार की अन्य मशीनों के प्रयोग पर विचार कर रहा है, जिससे वर्ष की दूसरी छमाही में किसानों को नुकसान का सामना न करना पड़े।

जैविक कृषि (ऑर्गेनिक फार्मिंग)

  • जैविक कृषि वह विधि है, जिसमें सिंथेटिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता या न्यूनतम प्रयोग किया जाता है तथा जिसमें भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाए रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट आदि का प्रयोग किया जाता है। 
  • जैविक कृषि को बढ़ावा देने हेतु सरकार के प्रयास:
    • परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
      • यह योजना प्रमाणन के साथ क्लस्टर आधारित जैविक कृषि को बढ़ावा देती है। इसके तहत क्लस्टर गठन, प्रशिक्षण, प्रमाणन और विपणन का समर्थन किया जाता है।
    • मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ ईस्ट रीजन (MOVCD)
      • यह योजना किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में थर्ड पार्टी प्रमाणित जैविक कृषि को बढ़ावा देने से संबंधित है।
    • पूंजीगत निवेश सब्सिडी योजना 
      • यह योजना राज्य सरकार/सरकारी एजेंसियों को मशीनीकृत फल/सब्जी के बाज़ार/कृषि अपशिष्ट से खाद उत्पादन इकाई की स्थापना के लिये 100 प्रतिशत सहायता प्रदान का प्रावधान करती है।
    • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
      • इसके तहत जैव-उर्वरक के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

लक्षद्वीप

  • 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश, लक्षद्वीप एक द्वीप समूह है, जिसमें कुल 36 द्वीप शामिल हैं।
  • लक्षद्वीप के अंतर्गत कुल तीन उप-द्वीप समूह शामिल हैं: 
    • अमीनदीव द्वीप समूह  
    • लेकाडाइव द्वीप समूह 
    • मिनिकॉय द्वीप समूह 
  • अमीनदीव द्वीप समूह सबसे उत्तर में है, जबकि मिनिकॉय द्वीप समूह सबसे दक्षिण में है।
  • राजधानी कवारत्ती लक्षद्वीप की राजधानी यहाँ का सबसे प्रमुख शहर है।

स्रोत: द हिंदू

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