विद्युत संबंधी योजनाओं के लिये ज़िला स्तरीय समितियाँ | 20 Sep 2021
प्रिलिम्स के लिये:ज़िला स्तरीय समितियाँ, समवर्ती सूची, संविधान की सातवीं अनुसूची, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना मेन्स के लिये:विद्युत संबंधी योजनाओं के लिये ज़िला स्तरीय समितियों के गठन का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विद्युत मंत्रालय ने देश में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार के लिये ज़िला स्तरीय समितियों के गठन का आदेश जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- ज़िला स्तरीय समितियाँ:
- परिचय:
- सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को विद्युत मंत्रालय को सूचित करते हुए इन ज़िला विद्युत समितियों की स्थापना को अधिसूचित और सुनिश्चित करना होगा।
- यह सरकार की सभी विद्युत संबंधी योजनाओं और लोगों को सेवाओं के प्रावधान पर इसके प्रभाव की निगरानी करेगा। इसकी तीन माह में कम-से-कम एक बार ज़िला मुख्यालय पर बैठक होगी।
- संघटन:
- समिति में ज़िले के सबसे वरिष्ठ संसद सदस्य (MP) अध्यक्ष के रूप में, ज़िले के अन्य सांसद सह-अध्यक्ष के रूप में, ज़िला कलेक्टर सदस्य सचिव के रूप में शामिल होंगे।
- परिचय:
- भारत में विद्युत क्षेत्र:
- परिचय:
- भारत का विद्युत् क्षेत्र दुनिया के सबसे विविध क्षेत्रों में से एक है। विद्युत उत्पादन के स्रोत पारंपरिक स्रोतों जैसे- कोयला, लिग्नाइट, प्राकृतिक गैस, तेल, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा से लेकर पवन, सौर एवं कृषि तथा घरेलू कचरे जैसे व्यवहार्य गैर-पारंपरिक स्रोतों तक हैं।
- भारत दुनिया में विद्युत का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
- विद्युत क्षेत्र में स्वत: मार्ग के तहत 100% एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की अनुमति है।
- विद्युत समवर्ती सूची का विषय है (संविधान की सातवीं अनुसूची)।
- नोडल एजेंसी:
- विद्युत मंत्रालय देश में विद्युत ऊर्जा के विकास हेतु प्राथमिक रूप से उत्तरदायी है।
- यह विद्युत अधिनियम, 2003 और ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 का प्रशासन करता है।
- विद्युत मंत्रालय देश में विद्युत ऊर्जा के विकास हेतु प्राथमिक रूप से उत्तरदायी है।
- भविष्य के लिये रोडमैप:
- सरकार ने वर्ष 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 175 गीगावाट क्षमता हासिल करने के लिये रोडमैप जारी किया है, जिसमें 100 गीगावाट सौर ऊर्जा और 60 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है।
- सरकार वर्ष 2022 तक रूफटॉप सौर परियोजनाओं के माध्यम से 40 गीगावाट (GW) विद्युत पैदा करने के अपने लक्ष्य का समर्थन करने हेतु 'रेंट ए रूफ' नीति तैयार कर रही है।
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित सभी मामलों के लिये नोडल मंत्रालय है।
- सरकार ने वर्ष 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा में 175 गीगावाट क्षमता हासिल करने के लिये रोडमैप जारी किया है, जिसमें 100 गीगावाट सौर ऊर्जा और 60 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है।
- परिचय:
- संबंधित सरकारी पहल:
- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) : देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी इच्छुक घरों का विद्युतीकरण सुनिश्चित करना।
- दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) : कृषि और गैर-कृषि फीडरों को अलग करना; वितरण ट्रांसफार्मर, फीडर और उपभोक्ताओं के स्तर पर मीटरिंग सहित ग्रामीण क्षेत्रों में उप-पारेषण तथा वितरण बुनियादी ढाँचे को मज़बूती प्रदान करने के साथ ही इनमें वृद्धि करना।
- गर्व (ग्रामीण विद्युतीकरण) एप : विद्युतीकरण योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता की निगरानी के लिये सरकार द्वारा ग्रामीण विद्युत अभियंताओं (GVAs) को GARV एप के माध्यम से प्रगति को रिपोर्ट करने के लिये नियुक्त किया गया है।
- उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (UDAY) : डिस्कॉम के परिचालन और वित्तीय बदलाव के लिये।
- संशोधित टैरिफ नीति में '4 E' : 4 E में सभी के लिये विद्युत, किफायती टैरिफ सुनिश्चित करने की क्षमता, एक स्थायी भविष्य के लिये पर्यावरण, निवेश को आकर्षित करने और वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिये व्यापार करने में आसानी शामिल है।