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‘मिड-डे-मील’ योजना के लिये DBT

  • 31 May 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये 

मिड-डे-मील योजना, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना

मेन्स के लिये 

हालिया निर्णय का महत्त्व और आवश्यकता

चर्चा में क्यों?

शिक्षा मंत्रालय ने सभी पात्र छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से ‘मिड-डे-मील’ (MDM) योजना के तहत दिये जाने वाले भोजन की लागत को मौद्रिक सहायता के रूप में प्रदान करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

एमडीएम योजना के लिये DBT के निहितार्थ:

  • कोविड-19 महामारी के कारण महीनों से स्कूल बंद हैं और इस कदम से ‘मिड-डे-मील’ कार्यक्रम को गति मिलेगी।
  • यह योजना लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रतिमाह 5 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खाद्यान्न वितरण करने से संबंधित भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के साथ ही कार्यान्वित की जाएगी।
  • यह बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित बनाए रखने में मदद करने के साथ-साथ महामारी के इस मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में उनकी प्रतिरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होगी। 
  • इस एकमुश्त विशेष कल्याण उपाय से देश भर के 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक में पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चों को लाभ होगा।
  • केंद्र सरकार इस उद्देश्य के लिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लगभग 1200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराएगी।

‘मिड-डे-मील’ कार्यक्रम 

  • लॉन्च: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 1995 में शुरू किया गया था।
    • इसे प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से दुनिया का सबसे बड़ा स्कूली भोजन कार्यक्रम माना जाता है।
  • नोडल मंत्रालय: शिक्षा मंत्रालय
  • उद्देश्य: भूख और कुपोषण को दूर करने, स्कूल में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने, जातियों के बीच समाजीकरण में सुधार करने, ज़मीनी स्तर पर विशेष रूप से महिलाओं को रोज़गार प्रदान करना।
  • प्रावधान: 
    • योजना के तहत कक्षा I से VIII तक पढ़ने वाले छह से चौदह वर्ष के आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को पका हुआ भोजन प्रदान किया जाता है।
    • इसके तहत प्राथमिक (कक्षा I से V तक) स्तर के लिये 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन तथा उच्च प्राथमिक (कक्षा I-VIII) के लिये 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन के पोषण मानकों वाला पका हुआ भोजन मिलता है।
    • खाद्यान्न की अनुपलब्धता अथवा अन्य किसी कारण से यदि विद्यालय में किसी दिन मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो राज्य सरकार आगामी माह की 15 तारीख तक खाद्य सुरक्षा भत्ता का भुगतान करेगी।
  • लाभार्थी: सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूलों और समग्र शिक्षा के तहत समर्थित मदरसों के सभी बच्चे इस योजना में शामिल हैं।

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना

  • उद्देश्य: इस योजना को लाभार्थियों तक सूचना एवं धन के तीव्र प्रवाह एवं वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी को कम करने के लिये सहायता के रूप में परिकल्पित किया गया है।
  • क्रियान्वयन: इसे भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2013 को सरकारी वितरण प्रणाली में सुधार करने हेतु एक मिशन के रूप में शुरू किया गया था।
    • महालेखाकार कार्यालय की सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के पुराने संस्करण यानी ‘सेंट्रल प्लान स्कीम मॉनीटरिंग सिस्टम’ को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिये एक सामान्य मंच के रूप में चुना गया था।
  • DBT के घटक: प्रत्यक्ष लाभ योजना के क्रियान्वयन के प्राथमिक घटकों में लाभार्थी खाता सत्यापन प्रणाली; RBI, NPCI, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के साथ एकीकृत एक मज़बूत भुगतान एवं समाधान मंच शामिल है (जैसे बैंकों के कोर बैंकिंग समाधान, RBI की निपटान प्रणाली और NPCI की आधार पेमेंट प्रणाली आदि)।
  • DBT से जुड़ी अन्य योजनाएँ:

DBT

स्रोत: पी.आई.बी.

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