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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

रासायनिक हथियार कन्वेंशन

  • 08 Jun 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बेसल कन्वेंशन, रॉटरडैम कन्वेंशन, स्टॉकहोम कन्वेंशन

मेन्स के लिये:

रासायनिक हथियारों से संबंधित विभिन्न कन्वेंशन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन (Organisation for the Prohibition of Chemical Weapons- OPCW) ने संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया कि 17 मामलों में सीरिया द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग की संभावना है या इनका निश्चित रूप से उपयोग किया गया।

  • OPCW का गठन रासायनिक हथियार कन्वेंशन (CWC) 1997 के तहत किया गया था।

प्रमुख बिंदु:

रासायनिक हथियार:

  • रासायनिक हथियार एक ऐसा रसायन होता है जिसका उपयोग इसके जहरीले गुणों के माध्यम से जान-बूझकर मौत या नुकसान पहुँचाने के लिये किया जाता है।
  • विशेष रूप से ज़हरीले रसायनों को हथियार बनाने के लिये डिज़ाइन की गई युद्ध सामग्री, उपकरण और अन्य हथियार भी रासायनिक हथियारों की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं।

रासायनिक हथियार कन्वेंशन:

  • यह रासायनिक हथियारों पर प्रतिबंध लगाने और निर्धारित समय के भीतर उनके विनाश की आवश्यकता वाली एक बहुपक्षीय संधि है।
  • CWC के लिये वार्ता की शुरुआत वर्ष 1980 में निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में शुरू हुई।
  • इस कन्वेंशन का मसौदा सितंबर 1992 में तैयार किया गया था और जनवरी, 1993 में हस्ताक्षर के लिये प्रस्तुत किया गया था। यह अप्रैल 1997 से प्रभावी हुआ।
  • यह पुराने और प्रयोग किये जा चुके रासायनिक हथियारों को नष्ट करना अनिवार्य बनाता है।
  • सदस्यों को ‘दंगा नियंत्रण एजेंटों’ (कभी-कभी 'आँसू गैस' के रूप में संदर्भित) को भी स्वयं के कब्ज़े में घोषित करना चाहिये।
  • सदस्य:
    • इसके 192 राज्य सदस्य और 165 हस्ताक्षरकर्त्ता हैं।
    • भारत ने जनवरी 1993 में संधि पर हस्ताक्षर किये।
  • कन्वेंशन प्रतिबंधित करता है-
    • रासायनिक हथियारों का विकास, उत्पादन, अधिग्रहण, भंडारण या प्रतिधारण।
    • रासायनिक हथियारों का स्थानांतरण।
    • रासायनिक हथियारों का उपयोग करना।
    • CWC द्वारा निषिद्ध गतिविधियों में शामिल होने के लिये अन्य राज्यों की सहायता करना।
    • दंगा नियंत्रण उपकरणों का उपयोग 'युद्ध विधियों' के रूप में करना।
  • रासायनिक शस्त्र निषेध संगठन (OPCW):
    • यह CWC की शर्तों को लागू करने के लिये वर्ष 1997 में CWC द्वारा स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
    • OPCW और संयुक्त राष्ट्र के बीच 2001 के समझौते के माध्यम से OPCW अपने निरीक्षणों और अन्य गतिविधियों पर महासचिव के कार्यालय के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र को रिपोर्ट करता है।
    • OPCW को वर्ष 2013 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • मुख्यालय:
    • हेग, नीदरलैंड
  • कार्य:
    • यह सत्यापित करने संबंधी निरीक्षण करने के लिये अधिकृत है कि हस्ताक्षरकर्त्ता राज्य इस कन्वेंशन का अनुपालन कर रहे हैं।
      • इसमें निरीक्षकों को रासायनिक हथियार साइटों तक पूर्ण पहुँच प्रदान करने की प्रतिबद्धता शामिल है।
    • यह साइटों और संदिग्ध रासायनिक हथियारों के हमलों के पीड़ितों का परीक्षण भी करता है।
    • यह रासायनिक हथियारों के हमले या धमकी से प्रभावित राज्यों को सहायता और संरक्षण, रसायनों के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग का भी प्रावधान करता है।

भारतीय पहल:

  • CWC को लागू करने के लिये रासायनिक हथियार कन्वेंशन अधिनियम, 2000 पारित किया गया था।
  • यह रासायनिक हथियार कन्वेंशन या NACWC के लिये एक राष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान करता है। वर्ष 2005 में गठित यह संस्था भारत सरकार और OPCW के मुख्य संपर्क में है। यह भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय के तहत एक कार्यालय है।

बेसल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम कन्वेंशन (खतरनाक रसायन और अपशिष्ट):

  • बेसल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम कन्वेंशन बहुपक्षीय पर्यावरण समझौते हैं जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरनाक रसायनों और कचरे से बचाने के सामान्य उद्देश्य को साझा करते हैं।

बेसल कन्वेंशन: 

  • यह वर्ष 1992 में लागू हुआ, जिसका उद्देश्य विकसित से निम्न विकसित देशों (LDCs) में खतरनाक कचरे की सीमा-पार आवाजाही को कम करना और उत्पादन के स्रोत के यथासंभव सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करना था।
    • भारत इसका एक सदस्य है।

रॉटरडैम कन्वेंशन:

  • इसे सितंबर 1998 में नीदरलैंड के रॉटरडैम में ‘प्लेनिपोटेंटियरीज कॉन्फ्रेंस’ द्वारा अपनाया गया था और फरवरी 2004 में लागू हुआ था।
    • भारत इसका एक सदस्य है।
  • इसमें कीटनाशकों और औद्योगिक रसायनों को शामिल किया गया है जिन्हें सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य या पर्यावरणीय कारणों से प्रतिबंधित या गंभीर रूप से प्रतिबंधित किया गया है और जिन्हें सदस्यों द्वारा पूर्व सूचित सहमति (PIC) प्रक्रिया में शामिल करने के लिये अधिसूचित किया गया है।
  • यह कन्वेंशन पूर्व सूचित सहमति (PIC) प्रक्रिया के कार्यान्वयन के लिये कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाता है।

स्टॉकहोम कन्वेंशन:

  • यह मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को स्थायी जैविक प्रदूषकों (POPs) से बचाने के लिये एक वैश्विक संधि है। भारत इसका सदस्य है। यह कन्वेंशन मई 2004 में लागू हुआ।
    • POPs ऐसे रसायन हैं जो लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं तथा भौगोलिक स्तर पर व्यापक रूप से वितरित हो जाते हैं एवं जीवित जीवों के वसायुक्त ऊतक में जमा हो जाते हैं और मनुष्यों एवं वन्यजीवों के लिये ज़हरीले होते हैं।

स्रोत- द हिंदू

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