इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


कृषि

नई यूरिया नीति 2015 की अवधि बढ़ाई गई

  • 17 Apr 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गैस आधारित यूरिया इकाइयों के लिये नई यूरिया नीति 2015 की अवधि को 1 अप्रैल, 2019 से अगले आदेशों तक बढ़ाने को मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि समिति ने यह मंज़ूरी उर्वरक विभाग के प्रस्ताव के मद्देनज़र दी है।
  • यह मंज़ूरी उन प्रावधानों पर लागू नहीं होती है जो 28 मार्च, 2018 की अधिसूचना के ज़रिये पहले ही संशोधित किये जा चुके हैं।
  • इस कदम से किसानों को यूरिया की नियमित आपूर्ति और उसके परिचालन को जारी रखने में मदद मिलेगी।

नई यूरिया नीति 2015

  • फसलों की वृद्धि के लिये यूरिया बेहद ज़रूरी है। इसके ज़रिये पौधों की वृद्धि के लिये जरूरी नाइट्रोजन मिलता है।
  • केंद्र सरकार ने चार वर्षों के लिये एक व्यापक नई यूरिया नीति 2015 को मंज़ूरी दी थी।

प्रमुख उद्देश्य 

नई यूरिया नीति 2015 के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-

  • स्वदेशी यूरिया उत्पादन को वृद्धि और यूरिया इकाइयों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना ताकि सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम किया जा सके।
  • कार्बन फुटप्रिंट कम होने से ऊर्जा की बचत होगी और यह अधिक पर्यावरण अनुकूल होगा।
  • घरेलू क्षेत्र की 30 यूरिया उत्पादन इकाइयों को अधिक ऊर्जा कुशल बनने में मदद करना।
  • सब्सिडी के बोझ को युक्तिसंगत बनाना और उत्पादन को अधिकतम करने के लिये यूरिया इकाइयों को प्रोत्साहित करना।
  • किसानों को अधिकतम खुदरा मूल्य पर यूरिया की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही राजकोष पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ कम करना जिससे यूरिया क्षेत्र में आयात की निर्भरता भी कम हो सके।
  • इससे पहले सरकार ने सभी यूरिया इकाइयों के लिये एक समान कीमत पर गैस आपूर्ति हेतु गैस पूलिंग नीति को मंज़ूरी दी थी।
  • इसके अलावा सरकार ने 26 लाख टन अतिरिक्त यूरिया उत्पादन के लिये बिहार के बरौनी और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बंद पड़ी यूरिया इकाइयों को पुनर्जीवित करने का फैसला किया था।

स्रोत- पीआइबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2