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डेली न्यूज़


भारतीय अर्थव्यवस्था

एयर इंडिया विनिवेश

  • 09 Oct 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये: 

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग

मेन्स के लिये:

रणनीतिक निवेश की आवश्यकता, महत्त्व और चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सरकार ने ‘एयर इंडिया’ (AI) में भारत सरकार की शत-प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री (विनिवेश) के लिये ‘टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड’ की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ‘टैलेस प्राइवेट लिमिटेड’ की सबसे उच्चतम मूल्य बोली को मंज़ूरी दे दी है। 

  • ‘एयर इंडिया’ में टाटा की 100% हिस्सेदारी होगी, साथ ही इसकी अंतर्राष्ट्रीय शाखा- एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100% और ग्राउंड हैंडलिंग संयुक्त उद्यम- ‘AI SATS’ में 50% की हिस्सेदारी होगी।

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प्रमुख बिंदु

  • विनिवेश का कारण
    • यह आशा की जाती है कि ‘एयर इंडिया’ के निजीकरण से इसके संचालन एवं लागत को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा, साथ ही इससे यात्रियों के लिये सेवाओं में सुधार होगा और वाई-फाई जैसी बुनियादी सेवाएँ भी उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
    • भारत में एक मज़बूत अंतर्राष्ट्रीय वाहक के रूप में एयर इंडिया दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई और बंगलूरू में निर्मित बड़े हवाई अड्डों को बढ़ावा देगी, साथ ही इसके माध्यम से एयर इंडिया विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकेगी।
    • एयर इंडिया के सफल बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मदद मिल सकती है क्योंकि यह एक अच्छी तरह से स्थापित तथ्य है कि विमानन का अर्थव्यवस्था पर कई गुना प्रभाव पड़ता है।
    • सरकार पर आर्थिक सुधार का समर्थन करने और स्वास्थ्य देखभाल हेतु उच्च परिव्यय की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये संसाधन जुटाने का दबाव है।
  • महत्त्व
    • यह एयर इंडिया के दैनिक नुकसान के भुगतान में खर्च होने वाले करदाताओं के पैसे को बचाएगा।
    • यह उन अन्य कठोर निर्णयों को लेने मदद करेगा, जिनके लिये सरकार इच्छुक है।
    • यह संभवत: घरेलू स्तर पर एक और कम लागत वाले वाहक का विकल्प प्रदान करेगा।

विनिवेश

  • सरकार द्वारा संपत्ति की बिक्री या परिसमापन, आमतौर पर केंद्रीय और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, परियोजनाएँ या अन्य अचल संपत्ति को विनिवेश कहा जाता है।
  • सरकार राजकोषीय बोझ को कम करने या अन्य नियमित स्रोतों से राजस्व की कमी को पूरा करने जैसे विशिष्ट आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये धन जुटाने हेतु विनिवेश करती है।
  • रणनीतिक विनिवेश एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के स्वामित्व और नियंत्रण का किसी अन्य इकाई (ज़्यादातर निजी क्षेत्र की इकाई) को हस्तांतरण है।
  • साधारण विनिवेश के विपरीत रणनीतिक बिक्री का तात्पर्य एक प्रकार का निजीकरण है।
  • वित्त मंत्रालय के तहत निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM), सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री के लिये नोडल विभाग है।
  • भारत में रणनीतिक विनिवेश को बुनियादी आर्थिक सिद्धांत द्वारा निर्देशित किया जाता है ताकि सरकार उन क्षेत्रों में वस्तुओं और सेवाओं के निर्माण/उत्पादन में खुद को संलग्न न करे जहाँ प्रतिस्पर्द्धी बाज़ार की स्थिति हो।
  • विभिन्न कारकों जैसे- पूंजी का संचार, प्रौद्योगिकी उन्नयन और कुशल प्रबंधन प्रथाओं आदि के चलते रणनीतिक निवेशकों के माध्यम से ऐसी संस्थाओं की आर्थिक क्षमता को बेहतर किया जा सकता है।

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स्रोत: पीआईबी

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