प्रिलिम्स फैक्ट्स (31 Jul, 2020)



प्रीलिम्स फैक्ट्स: 31 जुलाई, 2020

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार

Subhash Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar

भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता हेतु ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ (Subhash Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar) के लिये नामांकन आमंत्रित किये हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • व्यक्ति या संस्थान जिसने भी आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है वे अपना नामांकन 31 अगस्त, 2020 तक www.dmawards.ndma.gov.in पर अपलोड कर सकते हैं।
  • प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।
  • भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों एवं संस्थानों द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिये ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ की शुरूआत की है।
  • इस पुरस्कार के रूप में एक प्रमाण पत्र के साथ एक संस्थान के लिये 51 लाख रुपए एवं एक व्यक्ति के लिये 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
  • एक व्यक्ति पुरस्कार के लिये स्वयं आवेदन कर सकता है या अन्य व्यक्ति या संस्थान को नामित कर सकता है।
    • नामांकित व्यक्ति या संस्था को आपदा प्रबंधन के किसी भी क्षेत्र जैसे- रोकथाम, बचाव, प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, अनुसंधान, नवाचार या प्रारंभिक चेतावनी में संलग्न होना चाहिये।


वक्फ बोर्ड

Waqf Board

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि शीर्षक मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने घोषणा की है कि अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिये एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा जिसमें अधिकतम 15 सदस्य शामिल होंगे।

प्रमुख बिंदु:

  • इस ट्रस्ट को ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ (Indo Islamic Cultural Foundation) कहा जायेगा।

वक्फ (Waqf):

  • धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिये भगवान के नाम पर दी गई संपत्ति को वक्फ (Waqf) कहा जाता है।
  • कानूनी रूप से, वक्फ (Waqf) मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिये किसी भी चल या अचल संपत्ति के इस्लाम को स्वीकार करने वाले व्यक्ति द्वारा स्थायी अर्पण है।
  • एक वक्फ का निर्माण एक विलेख या उपकरण के माध्यम से किया जा सकता है या एक संपत्ति को वक्फ माना जा सकता है यदि इसका उपयोग लंबे समय तक धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिये किया गया हो।
  • एक गैर-मुस्लिम भी एक वक्फ बना सकता है किंतु व्यक्ति को इस्लाम को स्वीकार करना होगा और वक्फ बनाने का उद्देश्य इस्लामी होना चाहिये।
  • प्रत्येक वक्फ को वक्फ अधिनियम, 1995 (Waqf Act, 1995) द्वारा शासित किया जाता है।
  • इस अधिनियम के तहत एक सर्वेक्षण आयुक्त स्थानीय जाँच, गवाहों को बुलाकर और सार्वजनिक दस्तावेज़ों की मांग करके वक्फ के रूप में घोषित सभी संपत्तियों को सूचीबद्ध करता है।
  • वक्फ का प्रबंधन एक मुतावली (Mutawali) द्वारा किया जाता है जो एक पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करता है।
  • यह भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत स्थापित एक ट्रस्ट के समान है, किंतु इसे धार्मिक एवं धर्मार्थ उपयोग की तुलना में व्यापक उद्देश्य के लिये स्थापित किया जाता है।
  • स्थापित ट्रस्ट को वक्फ के विपरीत बोर्ड द्वारा भंग भी किया जा सकता है।

वक्फ बोर्ड (Waqf Board):

  • यह संपत्ति प्राप्त करने एवं रखने और ऐसी किसी भी संपत्ति को हस्तांतरित करने की शक्ति रखने वाला एक न्यायिक व्यक्ति (Juristic Person) है।
  • बोर्ड किसी पर मुकदमा कर सकता है और बोर्ड पर न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है क्योंकि इसे एक कानूनी संस्था या न्यायिक व्यक्ति के रूप में मान्यता प्राप्त है।

वक्फ बोर्ड की संरचना (Composition):

  • प्रत्येक राज्य में एक वक्फ बोर्ड होता है जिसमें निम्नलिखित लोग शामिल होते हैं जिनकी वार्षिक आय 1 लाख या इससे अधिक होती है:-
    • अध्यक्ष
    • राज्य सरकार द्वारा नामित एक या दो सदस्य
    • मुस्लिम विधायक एवं सांसद
    • राज्य बार काउंसिल के मुस्लिम सदस्य
    • इस्लामी धर्मशास्त्र के मान्यता प्राप्त विद्वान
    • वक्फों के मुतावली

इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर

International Thermonuclear Experimental Reactor

14 वर्ष बाद ‘इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर’ (International Thermonuclear Experimental Reactor- ITER) ने अपने असेम्बलिंग फेज (Assembling Phase) में प्रवेश किया है।

  • ITER एक प्रयोगात्मक टोकामक (Tokamak) परमाणु संलयन रिएक्टर है जिसे दक्षिणी फ्राॅन्स में बनाया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु:

  • यह एक अंतर्राष्ट्रीय नाभिकीय संलयन अनुसंधान एवं इंजीनियरिंग मेगाप्रोजेक्ट (International Nuclear Fusion Research and Engineering Megaproject) है, जो
  • दुनिया का सबसे बड़ा चुंबकीय परिशोधन प्लाज्मा भौतिकी प्रयोग होगा।
  • ITER का लक्ष्य संलयन ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिये वैज्ञानिक एवं तकनीकी व्यवहार्यता का प्रदर्शन करना है।
  • यह परियोजना सात सदस्यों- यूरोपीय संघ, भारत, जापान, चीन, रूस, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के वित्त पोषण द्वारा चलाई जा रही है।
  • ITER लगभग 500 मेगावाट की तापीय ऊर्जा का उत्पादन करेगा जो लगभग 200 मेगावाट की विद्युत ऊर्जा के बराबर है।

नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion):

  • नाभिकीय संलयन दो हल्के नाभिक से एक एकल भारी नाभिक बनने की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया को नाभिकीय अभिक्रिया कहा जाता है। संलयन द्वारा बनाया गया नाभिक पहले वाले नाभिक की तुलना में भारी होता है। इससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा निर्मुक्त होती है।
    • संलयन अभिक्रिया, हाइड्रोजन के दो समस्थानिकों, ड्यूटेरियम (Deuterium– D) तथा ट्राइटियम (Tritium– T) के मध्य होने वाली अभिक्रिया है।
    • ड्यूटेरियम (Deuterium–D) एवं ट्राइटियम (Tritium–T) की संलयन अभिक्रिया में ‘सबसे कम’ तापमान पर सर्वाधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

टोकामक (Tokamak):

  • टोकामक (Tokamak) संलयन ऊर्जा को नियंत्रित करने के लिये तैयार की गई एक प्रायोगिक मशीन है।
  • इसके अंदर, परमाणुओं के संलयन से उत्पादित ऊर्जा को एक विशाल बर्तन में ऊष्मा के रूप में अवशोषित किया जाता है।
  • टोकामक को पहली बार 1960 के दशक के अंत में सोवियत संघ के एक अनुसंधान के दौरान विकसित किया गया था, इसके बाद में इसे चुंबकीय संलयन उपकरण की सबसे उत्कृष्ट तकनीक के रूप में पूरे विश्व द्वारा मान्यता प्रदान की गई है।
  • ITER विश्व का सबसे बड़ा टोकामक होगा जो वर्तमान में कार्यरत सबसे बड़ी मशीन के आकार का दोगुना होगा तथा इसके प्लाज्मा चैंबर का आयतन दस गुना अधिक होगा।

अल्पाइन प्लांट

Alpine Plant

वैज्ञानिकों ने पहली बार मनाली (हिमाचल प्रदेश) के रोहतांग क्षेत्र में कुछ दुर्लभ एवं लुप्तप्राय प्रजातियों सहित अल्पाइन पौधों की लगभग 70 प्रजातियों की खोज की है।

प्रमुख बिंदु:

  • रोहतांग राजमार्ग सहित रोहतांग के आसपास का क्षेत्र जंगली औषधीय फूलों से आच्छादित है।
    • औषधीय जड़ी-बूटियों में पिकरोर्रिज़ा कुर्रोआ (Picrorhiza Kurroa), एकोनिटम हेटेरोफाइलम (Aconitum Heterophyllum), रहयूम इमोडी (Rheum Emodi), बेर्गेनिया स्ट्राचेई (Bergenia Stracheyi), अचिलिया मिल्लीफोलियम (Achillea Millefolium), रोडोडेंड्रोन एंथोपोगोन (Rhododendron Anthopogon) और एनीमोन ओब्टुसिलोबा (Anemone Obtusiloba) आदि शामिल हैं।
  • दशकों से इस क्षेत्र में वनस्पतियों की प्रचुर वृद्धि देखी जा रही है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि वनस्पतियों की वृद्धि के प्रमुख कारण पर्यटकों के दबाव में कमी, सीमित वाहनों की आवाजाही एवं अन्य मानवजनित गतिविधियों में कमी है।
    • गौरतलब है कि पहले राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के हस्तक्षेप तथा वर्तमान में COVID-19 महामारी के कारण रोहतांग क्षेत्र में पर्यटकों एवं वाहनों की आवाजाही में कमी आई है।
  • ब्लू पॉपी जिसे ‘हिमालयी फूलों की रानी’ के रूप में जाना जाता है, रोहतांग के आसपास बहुतायत में पाया गया है।

अल्पाइन प्लांट:

  • अल्पाइन पौधे वे पौधे हैं जो अल्पाइन जलवायु में बढ़ते हैं और अधिक ऊँचाई पर एवं ट्री लाइन (Tree Line) से ऊपर उगते हैं।
  • अल्पाइन पौधे, अल्पाइन पर्यावरण की कठोर परिस्थितियों के प्रति अनुकूलित होते हैं जिसमें कम तापमान, सूखापन, पराबैंगनी विकिरण, वायु, सूखा, खराब पोषण वाली मिट्टी एवं एक प्रतिकूल मौसम शामिल हैं।
    • उल्लेखनीय है कि कुछ अल्पाइन पौधे, औषधीय पौधे होते हैं।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31 जुलाई, 2020

रेन सोनम शेरिंग लेपचा

हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित भारतीय संगीतकार रेन सोनम शेरिंग लेपचा (Ren Sonam Tshering Lepcha) का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। इस अवसर पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पद्मश्री रेन सोनम शेरिंग लेपचा बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थ और उन्होंने महान लेप्चा संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के लिये सतत् रूप से उत्कृष्ट प्रयास किये।’ उनकी अनगिनत उत्‍कृष्‍ट कृतियों का सम्मान पीढ़ी-दर-पीढ़ी किया जाता रहा है। 3 जनवरी, 1928 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जन्मे सोनम शेरिंग लेपचा ने काफी कम उम्र में संगीत और नृत्य सीख लिया था। गौरतलब है कि वे 1960 में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) पर लेप्चा गाने वाले पहले व्यक्ति थे और वे बीते चार दशकों में एक सफल सार्वजनिक कलाकार के रूप उभरे थे। उन्होंने लेप्चा गीतों की रचना और संकलन किया तथा लेप्चा संगीत वाद्ययंत्र पर शोध भी किया, और लेप्चा लोकगीतों पर आधारित नृत्य-नाटक प्रस्तुत किये, जो कि सिक्किम में खासे लोकप्रिय हैं। उन्होंने वर्ष 2011 में लेप्चा लोकगीतों पर आधारित किताब ‘वोम जाट लिंग छायो’ (Vom Jat Ling Chhyo) भी प्रकाशित की है। लेप्चा संगीत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1995 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2007 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया।

‘मार्स 2020’ मिशन

हाल ही में नासा (NASA) ने मंगल ग्रह से संबंधित अपने ‘मार्स 2020 पर्सीवरेंस रोवर मिशन’ को लॉन्च कर दिया है, जो कि मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज करने और ग्रह से एकत्रित नमूनों को वापस पृथ्वी पर भेजने का कार्य करेगा। गौरतलब है कि यह मिशन नासा के सबसे महत्त्वकांक्षी और जटिल मिशनों में से एक है। नासा के इस मिशन का मुख्य लक्ष्य यदि मंगल ग्रह पर जीवन है तो उसके संकेतकों का पता लगाना है, इस कार्य के लिये पर्सीवरेंस रोवर नवीनतम तकनीक के माध्यम से मंगल ग्रह पर अपने लैंडिंग स्थल जेज़ेरो क्रेटर (Jezero Crater) का अध्ययन करेगा। नासा के इस मिशन की अवधि मंगल ग्रह के लगभग 1 वर्ष यानी पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर होगा, इस प्रकार नासा का पर्सीवरेंस रोवर 30 जुलाई, 2020 को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों मंगल ग्रह से संबंधी दो अन्य मिशन भी लॉन्च किये गए हैं, जिसमें पहला चीन का तियानवेन-1 (Tianwen-1) जो कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा, वहीं दूसरा संयुक्त अरब अमीरात का ‘होप मिशन’ है, जो कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग नहीं करेगा, बल्कि यह मंगल ग्रह के ऑर्बिट में रहकर उसके वातावरण का अध्ययन करेगा।

ADB की भारत को आर्थिक सहायता

हाल ही में बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank-ADB) ने COVID-19 महामारी से मुकाबला करने हेतु भारत सरकार की आपातकालीन प्रतिक्रिया का समर्थन करने हेतु अपने एशिया प्रशांत आपदा प्रतिक्रिया कोष (Asia Pacific Disaster Response Fund) से 3 मिलियन डॉलर यानी लगभग 22 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी है। एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा इस संबंध में जारी बयान में कहा गया है कि भारत को दिया जा रहा यह अनुदान जापान सरकार द्वारा वित्तपोषित होगा और इसको उपयोग भारत सरकार की COVID-19 प्रतिक्रिया को मज़बूत करने और इस महामारी से मुकाबला करने के लिये आवश्यक उपकरणों को खरीदने के लिये किया जाएगा। यह सहायता राशि भारत में संक्रमण की निगरानी को बढ़ाएगा और शुरुआती पहचान, कांटेक्ट ट्रेसिंग और उपचार में मदद करेगा। एशियाई विकास बैंक (ADB) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है। इसकी स्थापना 19 दिसंबर, 1966 को हुई थी। ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है। वर्तमान में ADB में 68 सदस्य हैं, जिनमें से 49 एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हैं।

रजत भाटिया

हाल ही में घरेलू क्रिकेट के वरिष्ठ खिलाड़ी और ऑल राउंडर रजत भाटिया (Rajat Bhatia) ने अपने लगभग 2 दशक लंबे प्रथम श्रेणी के कैरियर के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। ध्यातव्य है कि रजत भाटिया ने वर्ष 1999-2000 के सीज़न में तमिलनाडु के साथ खेलते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने कैरियर की शुरुआत की थी, जिसके लगभग दो वर्ष पश्चात् वे अपनी घरेलू टीम दिल्ली चले गए और उत्तराखंड की टीम में जाने से पूर्व वर्ष 2015 तक उन्होंने दिल्ली के लिये खेला। विदित हो कि रजत भाटिया ने आखिरी बार वर्ष 2019 में रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी मैच खेला था। वर्ष 2018-19 सत्र में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में 175 की औसत से 700 रन बनाए। इसके अलावा रजत भाटिया इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी कई टीमों की ओर से खेल चुके हैं, जिनमें दिल्ली, कोलकाता, राजस्थान और पुणे शामिल हैं। सन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए।