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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 30 Jul, 2022
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

कोर सेक्टर आउटपुट

जून 2022  में भारत के आठ प्रमुख क्षेत्रों/कोर सेक्टर के उत्पादन में वृद्धि की दर घटकर 12.7% के स्तर पर पहुँच गई, जो कि मई 2022 में 18.1% थी, इसमें कच्चे तेल को छोड़कर सभी क्षेत्रों में उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई थी।

Core-Sectors-Output

आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्र:

  • इसमें शामिल हैं:
    • कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट, बिजली
  • परिचय:
    • इनमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल मदों के भारांक का 40.27 प्रतिशत शामिल है।
    • अपने भारांक के घटते क्रम में आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्र हैं:
      • रिफाइनरी उत्पाद> बिजली> स्टील> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक:
    • IIP एक संकेतक है जो किसी निश्चित अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादों के उत्पादन की मात्रा में बदलाव को मापता है।
    • यह सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा मासिक रूप से संकलित और प्रकाशित किया जाता है।
    • यह एक समग्र संकेतक है, जो कि निम्न रूप से वर्गीकृत किये गए उद्योग समूहों की वृद्धि दर को मापता है:
      • व्यापक क्षेत्र:
        • अर्थात् खनन, विनिर्माण और बिजली।
      • उपयोग आधारित क्षेत्र:
        • मूलभूत वस्तुएँ, पूंजीगत वस्तुएँ और मध्यवर्ती वस्तुएँ।
    • IIP के लिये आधार वर्ष 2011-2012 है।
  • IIP का महत्त्व:
    • इसका उपयोग नीति-निर्माण के लियेवित्त मंत्रालय, भारतीय रिज़र्व बैंक सहित अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है।  
    • IIP त्रैमासिक और अग्रिम सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमानों की गणना के लिये अत्यंत प्रासंगिक बना हुआ है।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)  

प्रारंभिक परीक्षा:

प्रश्न: ‘आठ कोर उद्योग सूचकांक' में निम्नलिखित में से किसको सर्वाधिक महत्त्व दिया गया है? 

(a) कोयला उत्पादन
(b) विद्युत उत्पादन
(c) उर्वरक उत्पादन
(d) इस्पात उत्पादन

उत्तर: b 

व्याख्या: 

  • वर्ष 2015 में 8 प्रमुख उद्योगों के सूचकांक में बिजली का भार सबसे अधिक था।अतः विकल्प (b) सही है। 
  • आठ प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल मदों के भार का 40.27 प्रतिशत शामिल है।
  • आठ प्रमुख उद्योगों का वर्तमान भारांक (अप्रैल 2021) नीचे दिया गया है:
    • पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन (28.04%), बिजली (19.85%), स्टील (17.92%), कोयला उत्पादन (10.33%), कच्चा तेल (8.98%), प्राकृतिक गैस उत्पादन (6.88%), सीमेंट उत्पादन (5.37%), उर्वरक उत्पादन (2.63%)
  • औद्योगिक उत्पादनसूचकांक: 
    • 'औद्योगिक उत्पादन सूचकांक' अर्थव्यवस्था के विभिन्न उद्योग समूहों में एक निश्चित समय अवधि में विकास दर को प्रदर्शित करता है।
    • इसका संकलन तथा प्रकाशन मासिक आधार पर 'राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय', 'सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय' द्वारा किया जाता है।

प्रश्न: विश्व में लौह और इस्पात उद्योग के स्थानिक प्रतिरूप में परिवर्तन का कारण बताइये। (2014, मुख्य परीक्षा:)

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

काली बेन

हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री (भगवंत मान) को सुल्तानपुर लोधी में पवित्र ‘काली बेन’ (Kali Bein) से एक गिलास पानी पीने के बाद बीमार पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

काली बेन

  • परिचय:
    • ‘काली बेन’ 165 किलोमीटर लंबी एक छोटी नदी (Rivulet) है, जो होशियारपुर से शुरू होकर कपूरथला में ब्यास और सतलुज नदियों के संगम से मिलती है।
    • इसे ‘काली बेन’ (काली नाला) कहा जाता है क्योंकि इसमें लगभग 80 गाँवों और आधा दर्जन छोटे-बड़े शहरों का औद्योगिक अपशिष्ट प्रवाहित होता है।
      • यदि सफाई परियोजना शुरू न की जाए तो इसके जल पर घनी घास और खरपतवार उग जाते हैं।
  • महत्त्व:
    • सिख धर्म और इसके इतिहास में ‘काली बेन’ का बहुत महत्त्व है।
    • कहा जाता है कि सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक देव को यहीं ज्ञान प्राप्त हुआ था।
    • जब गुरु नानक देव, सुल्तानपुर लोधी में ठहरे हुए थे, तब वे ‘काली बेन’ में स्नान करते थे।
    • कहा जाता है कि वह एक दिन पानी में गायब हो गए और इसके तीन दिन बाद पुनः प्रकट हुए थे।
    • इसके बाद उन्होंने जो पहली बात कही वह सिख धर्म का “मूल मंत्र” बन गई।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 जुलाई, 2022

सौभाग्य

जम्मू-कश्मीर में सौभाग्य योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में बिजली पहुंचाई गई। इसके अलावा दूरदराज़ और दुर्गम क्षेत्रों के उन ग्रामीण घरों में जहाँ बिजली उपलब्ध नहीं है, सोलर फोटो वोल्टाइक आधारित स्टैंडअलोन सिस्टम प्रदान किया है। इसके तहत अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक घरों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। आज़ादी के 74 साल बाद पहली बार उधमपुर ज़िले के ग्राम सद्दाल और डोडा ज़िले के गनौरी-ताँता में ग्रामीण घरों में बिजली पहुंचाई गई है। बिजली कनेक्शनों को जारी करने के लिये 'ग्राम ज्योतिदूत', 'ऊर्जा विस्तार' जैसे मोबाइल एप तैयार किये गए हैं। सभी ज़िलों में विद्युत मंत्रालय की 'सौभाग्य रथ' योजना भी चलाई जा रही है। केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य एक निश्चित समयावधि में देश के सभी घरों तक बिजली पहुँचाना था। इस योजना को सितंबर 2017 में आरंभ किया गया था और इसे दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना था, लेकिन बाद में इसकी समयावधि को बढ़ा दिया गया है।

BSNL और BBNL का विलय

हाल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) के भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के साथ विलय की ने मंज़ूरी दी है। BSNL की संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास होगा। BSNL के पास वर्तमान में 6.83 लाख किलोमीटर से अधिक का ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क उपलब्ध है। यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) का उपयोग करते हुए भारत की 1.85 लाख ग्राम पंचायतों में 67 लाख किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है। हालाँकि BSNL के साथ BBNL के विलय की घोषणा पहली बार अप्रैल 2022 में की गई थी। BBNL विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है, जिसे भारतनेट परियोजना को लागू करने हेतु स्थापित किया गया था। BSNL दूरसंचार विभाग के स्वामित्व में काम करता है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसकी स्थापना 1 अक्तूबर, 2000 को की गई थी। यह देश में सबसे बड़ी सरकारी स्वामित्व वाली वायरलेस दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी है। भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड जिसे भारतनेट के नाम से भी जाना जाता है, सरकार के स्वामित्व में है जो ब्रॉडबैंड अवसंरचना प्रदान करती है। इसे संचार मंत्रालय के अंतर्गत दूरसंचार विभाग द्वारा स्थापित किया गया है।

डॉ. सी. नारायण रेड्डी राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार

भारत के उपराष्ट्रपति ने हैदराबाद में प्रख्यात उड़िया लेखिका डॉ. प्रतिभा रे को डॉ. सी. नारायण रेड्डी राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार प्रदान किया। उड़िया भाषा की चर्चित लेखिका डॉ. रे के उपन्यास और लघु कथाओं को काफी सराहा गया है तथा उनमें महत्त्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को उठाया गया है। उन्हें वर्ष 2011 में ज्ञानपीठ पुरस्कार, वर्ष 2007 में पद्मश्री एवं वर्ष 2022 में पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने तेलुगू भाषा एवं साहित्य में डॉ. सी. नारायण रेड्डी के 'अमूल्य योगदान' को याद करते हुए कहा कि उनके लेखन ने बड़ी तादाद में तेलुगू लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। डॉ. रेड्डी के महाकाव्य 'विश्वम्भरा' का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह मनुष्य और प्रकृति के बीच के जटिल संबंधों का खूबसूरती से वर्णन करता है। इसके लिये उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। कार्यक्रम में तेलंगाना सरकार में कृषि मंत्री, पुरस्कार विजेता डॉ. रे, प्रख्यात तेलुगू लेखिका वोल्गा (ललिता कुमारी), डॉ. सी. नारायण रेड्डी के परिवार के सदस्य एवं अन्य लोगों ने भाग लिया।


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