विश्व दृष्टि दिवस
विश्व दृष्टि दिवस प्रत्येक वर्ष अक्तूबर के दूसरे गुरुवार को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है।
- अंधेपन और दृष्टि हीनता के मुद्दे पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये इस वर्ष 13 अक्तूबर को विश्व दृष्टि दिवस मनाया गया।
विश्व दृष्टि दिवस:
- इतिहास:
- यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में लायंस क्लब इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन के साइटफर्स्ट (SightFirst) अभियान के तहत मनाया गया था।
- तब से इसे विज़न 2020 द राइट टू साइट (V2020) योजना में एकीकृत कर लिया गया है।
- वर्ष 1999 में शुरू की गई V2020 योजना को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (IAPB) द्वारा समन्वित किया गया है।
- वर्ष 2022 हेतु थीम: 'अपनी आँखों से प्यार करें'।
- महत्त्व:
- यह दिवस काफी महत्त्वपूर्ण है, दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग ऐसे हैं जो ठीक से देख नहीं सकते हैं क्योंकि उनके पास चश्मे तक पहुँच की सुविधा नहीं है। इनमें से एक अरब लोग निवारण किये जा सकने योग्य दृष्टि दोष से पीड़ित हैं।
- दृष्टि हीनता दैनिक व्यक्तिगत गतिविधिंयाँ, स्कूली शिक्षा और कार्य, दैनिक दिनचर्या एवं सामाजिक मेलमिलाप व वार्तालाप जैसे जीवन के हर पहलू पर दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ती है।
दृष्टि संबंधी विभिन्न दोष क्या हैं?
- मायोपिया या निकट-दृष्टि दोष:
- इस स्थिति में व्यक्ति पास की वस्तुओं को तो देख सकता है लेकिन दूर की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता।
- इसमें दूर की वस्तुएँ धुँधली दिखाई देने लगती हैं और व्यक्ति उन्हें देखने में असहज महसूस करता है।
- मायोपिया तब होता है, जब आँख की पुतली लंबी हो जाती है। इससे जो रोशनी आँखों में प्रवेश करती है वह ठीक प्रकार से फोकस नहीं होती है, जिससे प्रतिबिंब रेटिना के थोड़ा आगे फोकस होते हैं।
- अवतल लेंस का उपयोग करके मायोपिक नेत्र दोष को ठीक किया जा सकता है।
- हाइपरमेट्रोपिया या दूर दृष्टि दोष:
- हाइपरमेट्रोपिया को आमतौर पर दूर दृष्टि दोष के रूप में जाना जाता है और इसके उपचार के लिये उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है।
- इस स्थिति में व्यक्ति दूर की वस्तुओं को तो देख सकता है लेकिन पास की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता।
- आमतौर पर इस विकार से पीड़ित व्यक्ति पास की वस्तुओं को तिरछी नज़र से देखता है।
- हाइपरमेट्रोपिया तब होता है जब पास की वस्तु से प्रकाश किरणें रेटिना के पीछे एक बिंदु पर केंद्रित होती हैं।
- जरा दृष्टि दोष (Presbyopia):
- इसमें आस-पास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का क्रमिक नुकसान हो जाता है।
- प्रेसबायोपिया के लक्षण आमतौर पर 40 साल की उम्र के आसपास शुरू होते हैं और 65 साल तक ये लक्ष्ण गंभीर हो जाते हैं।
- इस रोग के निवारण के लिये द्विफोकसी लेंस (Bifocal Lens) का उपयोग किया जाता है जिसमें दोनों प्रकार के लेंस होते हैं- उत्तल और अवतल।
- मोतियाबिंद:
- इसमें किसी व्यक्ति की आँख का लेंस उत्तरोत्तर धुँधला होता जाता है जिसके परिणामस्वरूप दृष्टि, धुँधली हो जाती है। इसका इलाज सर्जरी द्वारा किया जा सकता है।
- मोतियाबिंद में व्यक्ति के नेत्र के लेंस के ऊपर एक झिल्ली (या अपारदर्शी हो जाना) बन जाती है। मोतियाबिंद से आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
इज़रायल-लेबनान: समुद्री सीमा समझौता
हाल ही में इज़रायल और लेबनान ने एक यू.एस. ब्रोकर्ड मैरीटाइम बॉर्डर डील पर हस्ताक्षर किये, जो तकनीकी रूप से युद्ध में संलिप्त पड़ोसियों द्वारा अपतटीय गैस निष्कर्षण का मार्ग प्रशस्त करता है।
समझौता:
- पृष्ठभूमि:
- लेबनान और इज़रायल वर्ष 1948 में इज़रायल के निर्माण के बाद से आधिकारिक तौर पर युद्ध में रहे हैं और दोनों देश भूमध्य सागर के लगभग 860 वर्ग किलोमीटर (330 वर्ग मील) पर दावा करते हैं।
- इस क्षेत्र में अपतटीय गैस क्षेत्रों पर इज़रायल और लेबनान के प्रतिस्पर्द्धी दावों के बीच एक दशक पुराना तनाव रहा है, जिसमें करिश गैस क्षेत्र और काना, एक संभावित गैस क्षेत्र का हिस्सा शामिल है।
- इज़रायल द्वारा विकसित किये जा रहे करिश गैस क्षेत्र को ईरान द्वारा समर्थित लेबनान के शक्तिशाली राजनीतिक और आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह से खतरा था। दोनों देशों ने वर्ष 2011 में भूमध्य सागर में अतिव्यापी सीमाओं की घोषणा की थी।
- चूँकि दोनों देश तकनीकी रूप से युद्ध में रहे हैं, इसलिये संयुक्त राष्ट्र को मध्यस्थता करने के लिये कहा गया था।
- इज़रायल द्वारा दो गैस क्षेत्रों की खोज के बाद इस मुद्दे ने महत्त्व प्राप्त किया,जो इसे ऊर्जा निर्यातक में बदलने में मदद कर सकता है।
- परिचय:
- यह पूर्वी भूमध्य सागर में उस क्षेत्र के क्षेत्रीय विवाद को हल करता है जहाँ लेबनान प्राकृतिक गैस की खोज करना चाहता है।
- यह गैस क्षेत्र दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा पर स्थित है और यह समझौता दोनों देशों को गैस से रॉयल्टी प्राप्त करने की अनुमति देगा।
- सौदे के तहत इज़रायल को करिश क्षेत्र का पता लगाने का पूरा अधिकार प्राप्त है।
- लेबनान को निकटवर्ती काना क्षेत्र में पूर्ण अधिकार प्राप्त है और यह इज़रायल को रॉयल्टी का हिस्सा देने की अनुमति देने के लिये सहमत हो गया है।
- यह पहली बार लेबनानी और इज़रायली जल के बीच सीमा निर्धारित करता है, जिसे लाइन 23 के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- यह समझौता इज़रायल और लेबनान के बीच साझा भूमि सीमा को नहीं छूता है, जो अभी भी विवादित है।
- इस सीमा को ब्लू लाइन भी कहा जाता है, ऐसी सीमा जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2000 में दक्षिणी लेबनान से इज़रायल के हटने के बाद खींची गई थी।
- महत्त्व:
- इस समझौते से लेबनान में इज़रायल और हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों के बीच संघर्ष के तत्काल खतरे के टालने की भी उम्मीद है।
- यह समझौता दोनों देशों के लिये ऊर्जा और आय के नए स्रोत पैदा करेगा, विशेष रूप से यह लेबनान के लिये महत्त्वपूर्ण है, जो कि ऊर्जा एवं वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।
- यह यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण ऊर्जा की कमी के बीच यूरोप को गैस का संभावित नया स्रोत प्रदान कर सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा पिछले वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2019) समुद्र सीमा देश
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं? (a) केवल 1, 2 और 4 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (B) सही उत्तर है। प्रश्न. भूमध्य सागर निम्नलिखित में से किन देशों की सीमा है? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर:(c) |
स्रोत: द हिंदू
गरुड़-VII
भारतीय वायु सेना (IAF) और फ्राँसीसी वायु तथा अंतरिक्ष बल (FASF) जोधपुर वायु सेना स्टेशन पर 'गरुड़ VIl' नामक एक द्विपक्षीय अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
- भारत चौथी बार इसकी मेज़बानी कर रहा है।
गरुड़-VII:
- परिचय:
- गरुड़ VII भारत और फ्राँस के बीच द्विपक्षीय अभ्यास का सातवाँ संस्करण है, जो दो वर्ष के अंतराल पर हो रहा है।
- पहला, तीसरा और पाँचवाँ संस्करण भारत में क्रमशः वर्ष 2003, 2006 और 2014 में वायु सेना स्टेशनों ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किये गए थे।
- इस अभ्यास में FASF चार राफेल लड़ाकू विमान A-330 मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (MRTT) विमान और 220 कर्मियों की एक टुकड़ी के साथ भाग लेगा।
- IAF Su-30 MKI, राफेल, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस और जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट के साथ-साथ लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) एवं Mi-17 हेलीकॉप्टर इसमें भाग ले रहा है।
- IAF के दल में लड़ाकू विमान में ईंधन भरने वाले विमान, एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) जैसी लड़ाकू विमान भी शामिल होंगी।
- गरुड़ VII भारत और फ्राँस के बीच द्विपक्षीय अभ्यास का सातवाँ संस्करण है, जो दो वर्ष के अंतराल पर हो रहा है।
- महत्त्व:
- यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हुए परिचालन क्षमता और अंतःक्रियाशीलता बढ़ाने के लिये एक मंच प्रदान करेगा।
- इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना और FASF की भागीदारी से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के अलावा पेशेवर बातचीत, अनुभवों के आदान-प्रदान और परिचालन ज्ञान में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
अन्य रक्षा अभ्यास:
स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 अक्तूबर, 2022
विश्व सोरायसिस दिवस
प्रतिवर्ष 29 अक्तूबर को विश्व सोरायसिस दिवस (World Psoriasis Day) मनाया जाता है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ सोरायसिस एसोसिएशन (IFPA) द्वारा वर्ष 2004 में सोरायसिस और सोरियाटिक आर्थराइटिस से प्रभावित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार से संबंधित जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये इस दिवस को चिह्नित किया गया था। विश्व सोरायसिस दिवस, 2022 की थीम “Uniting for action” है। वर्ष 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने सोरायसिस के विषय में जागरूकता के महत्त्व को पहचानते हुए 29 अक्तूबर को इस दिवस के आयोजन के प्रस्ताव को अपनाया था। विदित है कि ‘सोरायसिस’ अतिसक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाला रोग है। जहाँ एक सामान्य व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली 30 दिनों के भीतर नई कोशिकाओं का निर्माण करती है, वहीं सोरायसिस रोगियों के शरीर में 2-3 दिनों के भीतर नई कोशिकाओं का निर्माण हो जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस
प्रतिवर्ष 29 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस (International Internet Day) मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार इंटरनेट के उपयोग का जश्न मनाने के लिये चिह्नित किया गया है। यह दिवस पहले ई-संदेश भेजने का प्रतीक है, जिसे वर्ष 1969 में एक संगणक से दूसरे संगणक में स्थानांतरित किया गया था। उस वक्त इंटरनेट का नाम ARPANET था, जिसका अर्थ “एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क" है। 29 अक्तूबर, 1969 को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स में एक प्रोग्रामर छात्र चार्ली क्लाइन (Charley Kline) ने सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक संदेश ‘एलओ (LO)’ ब्रॉडकास्ट किया था। दूरसंचार और प्रौद्योगिकी के इतिहास की इस महत्त्वपूर्ण घटना को मनाने के लिये 29 अक्तूबर, 2005 को पहला इंटरनेट दिवस मनाया गया था।
फिट इंडिया फ्रीडम रन 3.0
आज़ादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, नई दिल्ली तथा इसके क्षेत्रीय केंदों- मैसूर, भोपाल, भुवनेश्वर तथा सवाई माधोपुर में “आज़ादी के 75 साल, फिटनेस रहे बेमिसाल” विषय पर "फिट इंडिया फ्रीडम रन 3.0" का आयोजन किया जा रहा है। इस दौड़ में संग्रहालय-कर्मियों और विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य के लिये पैदल चलने और दौड़ने की आदत डालने हेतु लोगो को प्रोत्साहित करना है। फिट इंडिया फ्रीडम रन 3.0 अभियान गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर, 2022 को शुरू हुआ और इसका समापन 31 अक्टूबर 2022 को गुजरात के केवड़िया में एकता दौड़ के साथ होगा। राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का एक अधीनस्थ कार्यालय है, जो बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ आम लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने हेतु समर्पित है।
शिकायत अपीलीय समितियों का गठन
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों की शिकायतों के समाधान के लिये तीन महीने के अंदर शिकायत अपीलीय समितियों के गठन का प्रस्ताव रखा है। इसके लिये इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थता दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया नीति संहिता) नियम-2021 में संशोधन के लिये अधिसूचना जारी की है। इस प्रकार गठित प्रत्येक शिकायत अपीलीय समिति में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष और दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इसमें प्रावधान किया गया है कि शिकायत अधिकारी के फैसले से असंतुष्ट व्यक्ति फैसला मिलने के 30 दिनों के अंदर समिति में अपील कर सकता है। यह समिति विवादों के निपटान के लिये ऑनलाइन समाधान तंत्र भी अपनाएगी।