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'सोरायसिस की दवा- इटोलिज़ुमैब'

  • 13 Jul 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

COVID-19, इटोलिज़ुमैब

मेन्स के लिये:

इटोलिज़ुमैब दवा का COVID-19 के संदर्भ में महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बायोकॉन लिमिटेड कंपनी की दवा, इटोलिज़ुमैब ( Itolizumab) जो त्वचा संबंधित सोरायसिस बीमारी के इलाज में प्रयुक्त होती है COVID-19 महामारी से मध्यम/कम रूप से बीमार और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के सफलतापूर्वक इलाज़ को लेकर सुर्खियों में है।

प्रमुख बिंदु:

  • इटोलिज़ुमैब दवा का कुछ COVID-19 मरीज़ों पर परीक्षण किया गया, विशेषज्ञों के अनुसार यह परीक्षण पूर्ण रूप से सफल रहा है।  
  • ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ (Drug Controller General of India-DCGI  ) द्वारा COVID-19 महामारी के इलाज के लिये इटोलिज़ुमैब इंजेक्शन के सीमित आपातकालीन उपयोग को मंज़ूरी दे दी गई है। 
  • इसका इस्तेमाल उन मरीज़ों के इलाज के लिये किया जाएगा, जिन्हें COVID-19 संक्रमण के दौरान श्वास लेने से संबंधी समस्या है।
  • बायोकॉन लिमिटेड की इटोलिज़ुमैब दवा को बायोकॉन पार्क में एक इंजेक्शन के रूप में निर्मित किया जाएगा।

दवा हेतु परीक्षण: 

  • इस दवा का परीक्षण करने के लिये, बायोकॉन लिमिटेड कंपनी द्वारा  चार अस्पतालों में 30 रोगियों को भर्ती किया गया।  
  • 30 में से 20 रोगियों को ‘देखभाल उपचार के मानक’ (Standard of Care Treatment’) अर्थात देखभाल के साथ इटोलिज़ुमैब का सेवन कराया गया जबकि 10 अन्य रोगियों को  केवल देखभाल के मानकों (Standard of Care) अर्थात दवा के बिना रखा गया। 
  • दवा का सेवन करने वाले  वाले 20 मरीज़ों में से किसी की भी मृत्यु नहीं हुई। जबकि जिन 10 लोगों को दवा नहीं मिली, उनमें से तीन की मौत हो गई थी।

नियामक मंजूरी:

  • बायोकॉन लिमिटेड द्वारा COVID-19 के  क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे चरण के परिणामों को ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। 
  • विस्तृत विचार-विमर्श के बाद DCGI द्वारा COVID-19 महामारी से मध्यम/कम रूप से बीमार और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के लिये दवा के उपयोग को सशर्त मंज़ूरी प्रदान की गई है।
  • इसका प्रयोग उन मरीज़ों के लिये किया जाएगा जो COVID-19 से संक्रमित होने के बाद ‘तीव्र श्वास संकट सिंड्रोम’ (Acute respiratory distress syndrome- ARDS) से पीड़ित हैं। 
    • ‘तीव्र श्वास संकट सिंड्रोम’ की स्थिति में फेफड़े कार्य करना बंद कर देते हैं।
    • रोगी को श्वास लेने में दिक्कत होती है।
    • इसमें ऑक्सीजन शरीर के अन्य अंगों तक नहीं पहुँच पाती है।

इटोलिज़ुमैब इंजेक्शन: 

  • वर्ष 2013 से एल्ज्यूमैब ब्रांड (Alzumab Brand) नाम के तहत इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। 
  • अब इस स्वदेशी दवा को कोरोना वायरस के इलाज के लिये प्रयोग किया जाएगा।
  •  इटोलिज़ुमैब इंजेक्शन को बायोकॉन लिमिटिड द्वारा तैयार किया गया है।
  •  इसका इस्तेमाल प्लेग या सोरायसिस के इलाज के लिये किया जाता है।

स्रोत: द हिंदू

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